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आधुनिक खेती के साथ बागवानी कर किसान दोगुनी कर सकते हैं अपनी आय

यूपी के चंदौली में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत दो दिवसीय किसान गोष्ठी और मेले का आयोजन किया गया. इस दौरान किसानों को आधुनिक खेती करने के साथ उनकी आय दोगुनी करने के बारे में बताया गया.

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत किसानों को दी गई आधुनिक खेती करने की जानकारी
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत किसानों को दी गई आधुनिक खेती करने की जानकारी
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Published : Jan 5, 2021, 8:17 AM IST

चंदौली: राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत उद्यान विभाग की ओर से सोमवार को चंदौली मुख्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में दो दिवसीय किसान गोष्ठी व मेले का आयोजन किया गया. इसका शुभारंभ जिलाधिकारी संजीव सिंह ने किया. इस दौरान कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को उन्नत खेती के बारे में जानकारी दी. खासतौर से किसानों को पॉलीहाउस विधि से सब्जी की खेती के लिए प्रोत्साहित किया गया.

औषधीय खेती से आर्थिक स्थिति होगी मजबूत
इस दौरान जिला उद्यान अधिकारी नन्हेलाल वर्मा ने बताया कि किसान औषधि की खेती करके अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं. विभाग की ओर से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, एससीपी राज्य सेक्टर योजना, औषधीय पौध मिशन समेत अन्य योजनाएं संचालित की जा रही हैं. औषधीय पौधों की खेती पर किसानों को अच्छा-खासा अनुदान दिया जाता है. मूसली, अश्वगंधा, मुलेठी, सतावर, तुलसी आदि की खेती पर कृषि लागत की तुलना में 80 फीसद तक अनुदान मिलता है.

स्प्रिंकलर विधि से करें खेती
स्प्रिंकलर विधि से फसलों की सिंचाई करने के लिए पाइप की खरीद के लिए भी अनुदान की व्यवस्था की गई है. वहीं विभाग की ओर से बागवानी की खेती के लिए किसानों को आम, अमरूद समेत अन्य फलदार पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं. किसानों को विभाग में पंजीकरण कराकर इन योजनाओं का लाभ लेना चाहिए.

पराली से बनेगा उत्पाद
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. एसपी सिंह ने फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर किसानों को जागरूक किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए मशीनें बनाई गई हैं. पराली से बिजली बनाई जा रही है. वहीं दोना-पत्तल समेत तमाम तरह के उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं. ऐसे में किसानों को पराली जलाने की जरूरत नहीं हैं. ऐसी तमाम कंपनियां हैं जो खेतों से पराली को उठाकर ले जाएंगी.

आधुनिक खेती का तरीका अपनाएं
उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं को हमेशा आधुनिक खेती का तरीका अपनाना चाहिए. इससे कम कृषि लागत में अच्छी आय होगी. वहीं सहायक निदेशक विश्वनाथ सिंह ने मत्स्य पालन के बारे में जानकारी वहां मौजूद किसानों को जानकारी दी.

चंदौली: राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत उद्यान विभाग की ओर से सोमवार को चंदौली मुख्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में दो दिवसीय किसान गोष्ठी व मेले का आयोजन किया गया. इसका शुभारंभ जिलाधिकारी संजीव सिंह ने किया. इस दौरान कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को उन्नत खेती के बारे में जानकारी दी. खासतौर से किसानों को पॉलीहाउस विधि से सब्जी की खेती के लिए प्रोत्साहित किया गया.

औषधीय खेती से आर्थिक स्थिति होगी मजबूत
इस दौरान जिला उद्यान अधिकारी नन्हेलाल वर्मा ने बताया कि किसान औषधि की खेती करके अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं. विभाग की ओर से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, एससीपी राज्य सेक्टर योजना, औषधीय पौध मिशन समेत अन्य योजनाएं संचालित की जा रही हैं. औषधीय पौधों की खेती पर किसानों को अच्छा-खासा अनुदान दिया जाता है. मूसली, अश्वगंधा, मुलेठी, सतावर, तुलसी आदि की खेती पर कृषि लागत की तुलना में 80 फीसद तक अनुदान मिलता है.

स्प्रिंकलर विधि से करें खेती
स्प्रिंकलर विधि से फसलों की सिंचाई करने के लिए पाइप की खरीद के लिए भी अनुदान की व्यवस्था की गई है. वहीं विभाग की ओर से बागवानी की खेती के लिए किसानों को आम, अमरूद समेत अन्य फलदार पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं. किसानों को विभाग में पंजीकरण कराकर इन योजनाओं का लाभ लेना चाहिए.

पराली से बनेगा उत्पाद
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. एसपी सिंह ने फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर किसानों को जागरूक किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए मशीनें बनाई गई हैं. पराली से बिजली बनाई जा रही है. वहीं दोना-पत्तल समेत तमाम तरह के उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं. ऐसे में किसानों को पराली जलाने की जरूरत नहीं हैं. ऐसी तमाम कंपनियां हैं जो खेतों से पराली को उठाकर ले जाएंगी.

आधुनिक खेती का तरीका अपनाएं
उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं को हमेशा आधुनिक खेती का तरीका अपनाना चाहिए. इससे कम कृषि लागत में अच्छी आय होगी. वहीं सहायक निदेशक विश्वनाथ सिंह ने मत्स्य पालन के बारे में जानकारी वहां मौजूद किसानों को जानकारी दी.

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