चंदौली : दीनदयाल नगर स्थित एलबीएस पीजी कॉलेज के निलंबित चल रहे पूर्व प्राचार्य अनिल यादव की बहू रीता देवी ने लाल बहादुर शास्त्री स्नातकोत्तर महाविद्यालय प्रबंध समिति की प्रबंधक, प्राचार्य एवं क्षेत्रीय उच्च शिक्षाधिकारी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. रीता देवी ने तीन सालों से कथित जांच के नाम पर उनके ससुर पर उत्पीड़ित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि 21 नवंबर को विश्वविद्यालय प्रशासन ने डॉ अनिल यादव के निलंबन और सेवा समिति की प्रक्रिया को रोक दिया और मामले की सुनवाई के लिए 5 दिसंबर का दिन तय कर दिया.
'कॉलेज प्रबन्ध समिति ने की एक तरफा कार्रवाई'
पिछले दिनों गीता देवी ने एलबीएस पीजी कॉलेज पर मनमाना रवैया और एक तरफा कार्रवाई का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि बिना किसी बड़े कारण के डॉ अनिल कुमार की सेवा समाप्ति का प्रस्ताव महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति के पास भेज दिया गया. साथ ही उनका निर्वाह भत्ता भी रोक दिया गया. जो कि विश्वविद्यालय के नियमों के खिलाफ था. जबकि सेवा समाप्ति का अनुमोदन विश्वविद्यालय ने नहीं दिया गया था. ये मानवाधिकारों के हनन का मामला है.
आर्थिक व्यवस्था चरमराई
कॉलेज प्रबन्ध समिति के मनमाने रवैये के चलते आर्थिक परिस्थिति बिगड़ जाने के कारण उनकी पत्नी गीता देवी और बहू रीता ने परेशान होकर मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार के जन शिकायत पोर्टल पर गुहार लगाई है. उन्होंने शिकायत पत्र में लिखा कि, अगर उनकी समस्याओं का निवारण नहीं होता है तो, वे 22 नवंबर को महाविद्यालय पहुंचकर धरना प्रदर्शन और अनशन करेंगी. उसके बाद भी समस्या का हल नहीं होता है तो अपनी जान दे देंगी.
अनशन का स्थगन हो सकता कैंसिल
रीता यादव ने बताया कि 24 नवंबर तक वेतन देने की कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. इसके अलावा डॉ अनिल कुमार का नाम महाविद्यालय में शिक्षकों के हाजिरी रजिस्टर से गायब कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. यदि उनका वेतन जल्द नहीं मिलता है तो हम दोबारा महाविद्यालय गेट पर धरना देते हुए अनशन करके अपनी जान दे देंगे.