चंदौलीः सैयदराजा पुलिस और स्वाट ने यूपी-बिहार बॉर्डर पर अवैध रूप से संचालित परिवहन कार्यालय का खुलासा किया है. जहां से भारी मात्रा में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी पेपर, विभिन्न राज्यों के प्रोफार्मा सहित बड़ी संख्या में अवैध सरकारी दस्तावेज और मुहरें बरामद हुई हैं. मामले में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है.
यह लोग विभिन्न राज्यों के फर्जी दस्तावेज बनाकर ट्रक चालकों को सप्लाई करते थे, ताकि चेकपोस्ट बैरियर पर वह आसानी से इन दस्तावेजों को दिखाकर जांच से बच सकें और सरकारी राजस्व की चोरी कर सकें. ये शातिर जालसाज बड़े ही सफाई से साफ्टवेयर के माध्यम से नकली दस्तावेज तैयार कर देते थे. फिलहाल पुलिस इन तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मास्टरमाइंड की तलाश में जुटी है.
काफी दिनों से मिल रही थी शिकायत
यूपी-बिहार बॉर्डर पर फर्जी डीएल, आरसी, परमिट और अन्य कागजात बनाये जाने की सूचना काफी दिनों से मिल रही थी. जिसपर सैयदराजा कोतवाली पुलिस और स्वाट टीम ने छापेमारी कर मामले का भंडाफोड़ किया. इनमें शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि गैंग के दो अन्य साथियों की तलाश की जा रही है.
तीन गिरफ्तार, मास्टरमाइंड की तलाश
फर्जी परिवहन कार्यालय के संचालन में शामिल गिरफ्तार तीनों आरोपी रितेश कुमार, वाजिद अली, सोनू कुमार सैयदराजा के ही गांव बरठी कामरौर गांव के रहने वाले हैं. मास्टमाइंड अशोक कुमार और नेहरू की तलाश की जा रही है.
भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और मुहर बरामद
इनके पास से दो लैपटॉप, दो प्रिंटर, भारी मात्रा में चिप युक्त और सादा ड्राइविंग लाइसेंस, आधारकार्ड, गाड़ियों के फिटनेस प्रमाण पत्र, सौ से ज्यादा विभिन्न अधिकारियों की मुहर, राज्यों और विभागों की मुहर, राजस्थान सरकार की परिवहन विभाग की पर्ची, झारखंड सरकार का टैक्स टोकन, एमवी मनी रसीद मिली है. इसके अलावा कर्नाटक सरकार की चेक रिपोर्ट रसीद, विभिन्न राज्यों के इन्सुरेंस पेपर, आरसी पेपर बनाने के लिए कूटरचित पेपर और नकदी बरामद हुई है.
असली-नकली में भेद करना मुश्किल
ये जालसाज इतने शातिर थे कि इनके बनाए हुए पेपर को देखकर बड़े से बड़े अधिकारी भी चकमा खा जाएंगे. यह लोग ट्रक चालकों से पैसे लेकर नकली दस्तावेज बनाकर सप्लाई देते थे, ताकि विभिन्न राज्यों में चेक पोस्ट पर आसानी से इन दस्तावेजों को दिखा कर आगे बढ़ सकें और उन्हें कोई दिक्कत न हो.
सरकारी राजस्व का भारी नुकसान
गौरतलब है कि इन फर्जी कागजातों के सहारे वाहन चालक सरकार को भारी भरकम राजस्व की क्षति पहुंचाते थे. मोटर चालक इन फर्जी कागजातों को दिखाकर या फर्जी कागजात पर कार्रवाई के बाद आगे बढ़ जाते थे. जब उस कागजात पर कार्रवाई की जाए तो उस नाम, पता और नंबर का कोई वास्तविक शख्स नहीं मिलता था, जिससे पेनाल्टी की रकम वसूल न हो सके. नतीजा भारी भरकम सरकारी राजस्व का नुकसान हुआ.
परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल
पुलिस के इस खुलासे से परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं. यूपी-बिहार बॉर्डर पर फर्जी परिवहन कार्यालय संचालित हो रहा था, लेकिन इस गोरखधंधे का पता इन्हें नहीं था. गाड़ियों के कागजात चेक करते हुए परिवहन विभाग के अधिकारी रोज दो-चार हो रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या उन्हें भी इसकी पहचान नही थी?
पिछले कुछ दिनों से यूपी-बिहार के नौबतपुर इलाके में फर्जी परिवहन कार्यालय सक्रिय था. जिसकी सूचना पर स्वाट टीम और सैयदराजा कोतवाली पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए इसका भंडाफोड़ किया. इस मामले में तीन लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि अन्य लोगों की तलाश की जा रही है. जल्द ही गिरफ्तारी कर ली जाएगी.
-प्रेमचंद, अपर पुलिस अधीक्षक