चंदौली: पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर बरामद करोड़ों के जाली नोट को जांच के लिए नासिक के देवास स्थित करंसी छपाई केंद्र भेजा गया है. यहां नोटों के जांच के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी. वहीं जीआरपी व आरपीएफ संबंधित स्टेशनों की सीसीटीवी खंगालने में जुटी है.
क्या है पूरा मामला
बीती 8 मार्च को डीडीयू जंक्शन पर दिल्ली से असम जा रही कामख्या एक्सप्रेस में जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त टीम ने चेकिंग अभियान चलाया. इसके बाद जीआरपी (गवर्मेंट रेलवे पुलिस) व आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) को ब्रह्मपुत्र मेल के B4 एसी कोच के 31-नंबर बर्थ के पास एक लावारिस बैग मिला था. चेक करने पर जांच में 2 हजार की कुल 1 करोड़ 10 हजार की नकली करंसी और 10 हजार के असली करंसी बरामद हुए. जिसके बाद पूरे रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया.
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जांच के लिए नोटों को देवास भेजा गया
मामले में जीआरपी और आरपीएफ की टीम नई दिल्ली से पीडीडीयू जंक्शन तक हर स्टेशन की सीसीटीवी खंगाल रही है. ट्रेन की सीट संख्या-31 किसी यात्री के नाम से बुक नहीं थी. पांच दिनों तक नकली नोटों का पूरा विवरण तैयार किया गया है. शनिवार को दो जीआरपी कर्मियों की टीम नोट की खेप लेकर देवास (नासिक) के लिए रवाना हुई. देवास के करंसी छपाई केंद्र पर नकली नोट की क्वॉलिटी की जांच की जाएगी. इसी के साथ जांच आगे बढ़ेगी.
बताया जा रहा है कि दस मार्च को आगरा मंडल के शिकोहाबाद में नकली नोट छपाई मशीन बरामद की गई है. इस दौरान छह लोग गिरफ्तार किए गए. आशंका है कि यहां से भी बरामद नोटों के तार जुड़े हो सकते हैं. जांच में पता चला कि स्थानीय स्टेशन पर बरामद नोट भी दिल्ली से भेजे गए थे.