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चंदौली: दस महीने से कैद में है हाथी, हत्या करने का है आरोप - chandauli news

चंदौली में एक हाथी ने 10 महीने पहले एक शख्स को कुचल दिया था. इसके बाद हाथी को पकड़ लिया गया था. हाथी को लेकर मामला अभी कोर्ट में चल रहा है. फिलहाल गजराज को जंजीरों में जकड़ कर रखा गया है.

elephant in custody
महावत के बेटा 10 महिने से कैद हाथी की देखभाल में जुटा है
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Published : Jun 6, 2020, 9:07 AM IST

चंदौली: केरल में हाथी के साथ हुई अमानवीय घटना को लेकर जहां लोगों में आक्रोश है. वहीं चन्दौली में वन विभाग की तरफ से एक हाथी को जंजीरों में जकड़ा गया है. हाथी पर एक इंसान की हत्या का आरोप है, लेकिन इसे जंगल या चिड़ियाघर में रखने की बजाय उसे वन विभाग कार्यालय पर कैद किया गया है.

करीब 10 महीने पहले 20 अक्टूबर 2019 को बबुरी थाना क्षेत्र के परनपुरा गांव में एक हाथी ने मतवाली स्थिति में रमाशंकर सिंह को कुचल दिया था. घटना के बाद बबुरी थाने में महावत के ऊपर वन्य जीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने के साथ ही हाथी को पकड़ लिया गया. कानूनी दावपेंच के बाद महावत को तो हाईकोर्ट से बेल मिल गई, लेकिन जंजीर में बंधे गजराज को भी अब भी मुक्ति का इंतजार है.

महावत के बेटा 10 महिने से कैद हाथी की देखभाल में जुटा है

महावत के बेटे रिंकू सोनकर ने बताया कि वह इस हाथी को पिछले 34 सालों से पाल रहा है. यह हाथी उसके लिए आजीविका का एकमात्र साधन ही नहीं बल्कि परिवार की सदस्य की तरह ही है. शायद यही वजह है कि नि:स्वार्थ भाव से पिछले 10 महीने से कैद इस हाथी की देखभाल में जुटा है. वह चाहता है कि जल्द ही कोर्ट का फैसला आए, जिससे उसका हाथी उसे वापस मिल सके.

चन्दौली के प्रभारी डीएफओ ने बताया कि 10 महीने पहले हुई एक लंबित घटना के मामले में वन विभाग ने इसे संरक्षित रखा है. हाथी को समय-समय पर भोजन और मेडिकल चेकअप की सुविधा दी जाती है. साथ ही इसके महावत का भी ख्याल रखा जाता है. लॉकडाउन के बाद न्यायालय के आदेशानुसार इसे इसे दुधवा नेशनल पार्क भेज दिया जाएगा. वहीं कानूनी दांवपेंच और कोर्ट में मिलती तारीख पर तारीख में फंसा यह बेजुबान वन विभाग की कैद में है.

चंदौली: केरल में हाथी के साथ हुई अमानवीय घटना को लेकर जहां लोगों में आक्रोश है. वहीं चन्दौली में वन विभाग की तरफ से एक हाथी को जंजीरों में जकड़ा गया है. हाथी पर एक इंसान की हत्या का आरोप है, लेकिन इसे जंगल या चिड़ियाघर में रखने की बजाय उसे वन विभाग कार्यालय पर कैद किया गया है.

करीब 10 महीने पहले 20 अक्टूबर 2019 को बबुरी थाना क्षेत्र के परनपुरा गांव में एक हाथी ने मतवाली स्थिति में रमाशंकर सिंह को कुचल दिया था. घटना के बाद बबुरी थाने में महावत के ऊपर वन्य जीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने के साथ ही हाथी को पकड़ लिया गया. कानूनी दावपेंच के बाद महावत को तो हाईकोर्ट से बेल मिल गई, लेकिन जंजीर में बंधे गजराज को भी अब भी मुक्ति का इंतजार है.

महावत के बेटा 10 महिने से कैद हाथी की देखभाल में जुटा है

महावत के बेटे रिंकू सोनकर ने बताया कि वह इस हाथी को पिछले 34 सालों से पाल रहा है. यह हाथी उसके लिए आजीविका का एकमात्र साधन ही नहीं बल्कि परिवार की सदस्य की तरह ही है. शायद यही वजह है कि नि:स्वार्थ भाव से पिछले 10 महीने से कैद इस हाथी की देखभाल में जुटा है. वह चाहता है कि जल्द ही कोर्ट का फैसला आए, जिससे उसका हाथी उसे वापस मिल सके.

चन्दौली के प्रभारी डीएफओ ने बताया कि 10 महीने पहले हुई एक लंबित घटना के मामले में वन विभाग ने इसे संरक्षित रखा है. हाथी को समय-समय पर भोजन और मेडिकल चेकअप की सुविधा दी जाती है. साथ ही इसके महावत का भी ख्याल रखा जाता है. लॉकडाउन के बाद न्यायालय के आदेशानुसार इसे इसे दुधवा नेशनल पार्क भेज दिया जाएगा. वहीं कानूनी दांवपेंच और कोर्ट में मिलती तारीख पर तारीख में फंसा यह बेजुबान वन विभाग की कैद में है.

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