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चंदौलीः स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही, कोरोना संदिग्ध को लेकर दो डॉक्टरों की रिपोर्ट अलग - यूपी में कोरोना वायरस

यूपी के चंदौली में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही देखने को मिली है. कोरोना संदिग्ध की जांच के मामले में दो अस्पतालों में डॉक्टरों की रिपोर्ट में मतभेद हो गया. दोनों डॉक्टरों की अलग-अलग जांच रिपोर्ट से परिजन असमंजस की स्थिति में हैं.

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स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही.
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Published : Mar 26, 2020, 11:50 PM IST

चंदौलीः कोरोना वायरस के संदिग्ध मामले की जांच को लेकर जिले में असमंजस की स्थिति उस समय उत्पन्न हो गई, जब रेलवे हॉस्पिटल के डॉक्टर ने मरीज को कोरोना का संदिग्ध मानते हुए जिला अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड रेफर कर दिया. वहीं जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीज की जांच के बाद इसे साइनस का मरीज मानते हुए सैंपल लेने से इनकार कर दिया. अब दो डॉक्टरों की अलग-अलग जांच रिपोर्ट से परिजन असमंजस की स्थिति में हैं और परेशान भी.

स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही.

दरअसल रेलवे कर्मचारी का बेटा और वर्धा यूनिवर्सिटी का छात्र जो कि एक सप्ताह पहले नागपुर से मुगलसराय लौटा है. तीन दिन पहले सर्दी, जुकाम और बुखार हुआ. इसके बाद बुधवार की रात सांस लेने की समस्या के साथ उसकी तबियत बिगड़ गई.

इसे भी पढ़ें- चंदौली: COVID-19 का पर्चा चस्पा कर पुलिस लोगों को कर रही जागरूक

तबियत बिगड़ने पर उसे मंडलीय रेलवे लोको अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां जांच के बाद डॉक्टरों ने कोरोना का संदिग्ध मानते हुए ब्लड सैंपल के लिए जिला अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड भेज दिया. यहां 1 बजे तक न तो किसी डॉक्टर ने मरीज को अटेंट किया और न ब्लड सैंपल लिया. इस दौरान मरीज और उनके तीमारदार आइसोलेशन वार्ड के आसपास घूमते रहे.

चंदौलीः कोरोना वायरस के संदिग्ध मामले की जांच को लेकर जिले में असमंजस की स्थिति उस समय उत्पन्न हो गई, जब रेलवे हॉस्पिटल के डॉक्टर ने मरीज को कोरोना का संदिग्ध मानते हुए जिला अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड रेफर कर दिया. वहीं जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीज की जांच के बाद इसे साइनस का मरीज मानते हुए सैंपल लेने से इनकार कर दिया. अब दो डॉक्टरों की अलग-अलग जांच रिपोर्ट से परिजन असमंजस की स्थिति में हैं और परेशान भी.

स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही.

दरअसल रेलवे कर्मचारी का बेटा और वर्धा यूनिवर्सिटी का छात्र जो कि एक सप्ताह पहले नागपुर से मुगलसराय लौटा है. तीन दिन पहले सर्दी, जुकाम और बुखार हुआ. इसके बाद बुधवार की रात सांस लेने की समस्या के साथ उसकी तबियत बिगड़ गई.

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तबियत बिगड़ने पर उसे मंडलीय रेलवे लोको अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां जांच के बाद डॉक्टरों ने कोरोना का संदिग्ध मानते हुए ब्लड सैंपल के लिए जिला अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड भेज दिया. यहां 1 बजे तक न तो किसी डॉक्टर ने मरीज को अटेंट किया और न ब्लड सैंपल लिया. इस दौरान मरीज और उनके तीमारदार आइसोलेशन वार्ड के आसपास घूमते रहे.

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