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डीएम ने क्लिनिक का किया शुभारंभ, क्लबफुट रोग से ग्रसित बच्चों का होगा निःशुल्क उपचार - chandauli latest news

चंदौली जिले के कमलापति संयुक्त जिला अस्पताल में अब क्लबफुट रोग (पैरों के टेढ़े-मेढ़े पंजे) रोग से ग्रसित बच्चों का निःशुल्क इलाज होगा. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत मिरेकल फीट इंडिया संस्था के सहयोग से गुरुवार को इसकी शुरुआत हो गई.

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कमलापति संयुक्त जिला अस्पताल
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Published : Mar 31, 2022, 8:15 PM IST

चंदौली : जिले को क्लबफुट क्लिनिक के रूप में बड़ी सौगात मिली है. यह जन्मजात विकृति क्लब फुट (पैरों के टेढ़े-मेढ़े पंजे) से ग्रसित बच्चों के इलाज में अहम साबित होगा. पंडित कमलापति त्रिपाठी जिला संयुक्त चिकित्सालय में संचालित क्लबफुट क्लिनिक की शुरुआत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत मिरेकल फीट इंडिया संस्था के सहयोग से किया जाएगा. इसके साथ ही चंदौली देश का 100वां जिला बन गया है जहां क्लबफुट क्लीनिक संचालित है. डीएम चंदौली संजीव सिंह क्लबफुट क्लिनिक का शुभारंभ किया है.

जिलाधिकारी ने कहा कि चंदौली में अब क्लबफुट क्लीनिक की शुरुआत हो चुकी है. पंडित कमलापति त्रिपाठी जिला संयुक्त चिकित्सालय में हर शुक्रवार को सुबह आठ बजे से दो बजे तक साप्ताहिक क्लबफुट क्लीनिक का संचालन किया जाएगा. चंदौली एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम और नीति आयोग का अहम हिस्सा है. यह प्रोग्राम क्लबफुट के साथ पैदा हुए बच्चों के इलाज में मदद करेगा. इससे स्वास्थ्य सूचकांकों में भी सुधार होगा. उन्होंने कहा कि जनपद कहीं भी क्लबफुट से ग्रसित बच्चे पाये जाते हैं तो क्षेत्रीय स्तर पर आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से संपर्क कर आरबीएसके टीम के माध्यम से उनका जल्द से जल्द समुचित उपचार कराया जाएगा.

वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. युगल किशोर राय ने बताया कि क्लबफुट एक जन्मजात विकृति है. इसमें बच्चे के पैर अंदर की ओर मुड़ जाते हैं. मिरेकलफीट इंडिया क्लब फुट की समस्या को दूर करने के लिए काम कर रहा है. इसी के साथ यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि ऐसे बच्चों की जल्दी ही पहचान की जाए. साथ ही उनका समुचित इलाज किया जाए. बच्चों में क्लब फुट के उपचार के लिए मिरेकलफीट ने आरबीएसके और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के साथ एक एमओयू साइन किया है. इसके तहत मिरेकलफीट बच्चों के नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था चंदौली सहित अन्य जिलों में कर रही है.

पढ़ेंः डेंगू एवं संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए एक अप्रैल से शुरू होगा अभियान

मिरेकलफीट इंडिया के प्रोग्राम मैनेजर डॉ. शिरीष श्रीवास्तव ने बताया कि क्लब फुट से प्रभावित बच्चों का इलाज पोंसेटी पद्धति से किया जा सकता है. इसमें वह तीन प्रक्रिया क्रमशः कास्टिंग, टेनोटॉमी और फिर ब्रेसिंग से गुजरते हैं. इसके लिए यह महत्वपूर्ण है कि उनकी जल्द पहचान की जाए और उपचार जल्दी शुरू हो. मिरेकलफीट चिकित्सा आपूर्ति नि:शुल्क रेडीमेड प्लास्टर ऑफ पेरिस उपलब्ध कराती है. इसके अलावा पूरे उपचार के दौरान अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा मानकों पर तैयार विशेष प्रकार के बार और जूते नि:शुल्क प्रदान करती है. पूरे उपचार के दौरान क्लीनिक में मिरेकलफीट के कर्मचारी उपचार प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी प्रदान करके परामर्श सहायता भी प्रदान करते हैं.

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चंदौली : जिले को क्लबफुट क्लिनिक के रूप में बड़ी सौगात मिली है. यह जन्मजात विकृति क्लब फुट (पैरों के टेढ़े-मेढ़े पंजे) से ग्रसित बच्चों के इलाज में अहम साबित होगा. पंडित कमलापति त्रिपाठी जिला संयुक्त चिकित्सालय में संचालित क्लबफुट क्लिनिक की शुरुआत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत मिरेकल फीट इंडिया संस्था के सहयोग से किया जाएगा. इसके साथ ही चंदौली देश का 100वां जिला बन गया है जहां क्लबफुट क्लीनिक संचालित है. डीएम चंदौली संजीव सिंह क्लबफुट क्लिनिक का शुभारंभ किया है.

जिलाधिकारी ने कहा कि चंदौली में अब क्लबफुट क्लीनिक की शुरुआत हो चुकी है. पंडित कमलापति त्रिपाठी जिला संयुक्त चिकित्सालय में हर शुक्रवार को सुबह आठ बजे से दो बजे तक साप्ताहिक क्लबफुट क्लीनिक का संचालन किया जाएगा. चंदौली एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम और नीति आयोग का अहम हिस्सा है. यह प्रोग्राम क्लबफुट के साथ पैदा हुए बच्चों के इलाज में मदद करेगा. इससे स्वास्थ्य सूचकांकों में भी सुधार होगा. उन्होंने कहा कि जनपद कहीं भी क्लबफुट से ग्रसित बच्चे पाये जाते हैं तो क्षेत्रीय स्तर पर आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से संपर्क कर आरबीएसके टीम के माध्यम से उनका जल्द से जल्द समुचित उपचार कराया जाएगा.

वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. युगल किशोर राय ने बताया कि क्लबफुट एक जन्मजात विकृति है. इसमें बच्चे के पैर अंदर की ओर मुड़ जाते हैं. मिरेकलफीट इंडिया क्लब फुट की समस्या को दूर करने के लिए काम कर रहा है. इसी के साथ यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि ऐसे बच्चों की जल्दी ही पहचान की जाए. साथ ही उनका समुचित इलाज किया जाए. बच्चों में क्लब फुट के उपचार के लिए मिरेकलफीट ने आरबीएसके और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के साथ एक एमओयू साइन किया है. इसके तहत मिरेकलफीट बच्चों के नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था चंदौली सहित अन्य जिलों में कर रही है.

पढ़ेंः डेंगू एवं संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए एक अप्रैल से शुरू होगा अभियान

मिरेकलफीट इंडिया के प्रोग्राम मैनेजर डॉ. शिरीष श्रीवास्तव ने बताया कि क्लब फुट से प्रभावित बच्चों का इलाज पोंसेटी पद्धति से किया जा सकता है. इसमें वह तीन प्रक्रिया क्रमशः कास्टिंग, टेनोटॉमी और फिर ब्रेसिंग से गुजरते हैं. इसके लिए यह महत्वपूर्ण है कि उनकी जल्द पहचान की जाए और उपचार जल्दी शुरू हो. मिरेकलफीट चिकित्सा आपूर्ति नि:शुल्क रेडीमेड प्लास्टर ऑफ पेरिस उपलब्ध कराती है. इसके अलावा पूरे उपचार के दौरान अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा मानकों पर तैयार विशेष प्रकार के बार और जूते नि:शुल्क प्रदान करती है. पूरे उपचार के दौरान क्लीनिक में मिरेकलफीट के कर्मचारी उपचार प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी प्रदान करके परामर्श सहायता भी प्रदान करते हैं.

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