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चन्दौली: पुल टूटने के बाद ठंड में ट्रक चालकों की बढ़ी मुसीबत, ट्रक केबिन घर और सड़क बनी आंगन

यूपी के चन्दौली में स्थित कर्मनाशा पुल टूटने के बाद ठंड में ट्रक चालकों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. ट्रक ड्राइवरों के लिए ट्रक का केबिन उनका घर और सड़क उनका आंगन बन गया है.

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पुल बनने से बढ़ी ट्रक ड्राइवरों की मुसीबत.
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Published : Jan 3, 2020, 5:19 AM IST

चन्दौली: यूपी-बिहार बॉर्डर स्थित कर्मनाशा नदी पर बना पुल भ्रष्टाचार और लापरवाही के भेंट चढ़ गया. इस पुल के टूटने से यूपी-बिहार से कई राज्यों का संपर्क समाप्त हो गया है, लेकिन सबसे ज्यादा समस्या उन ड्राइवरों को हो रही है, जो पुल टूटने के बाद यूपी और बिहार दोनों तरफ फंसे हुए हैं. परिवहन ठप होने के कारण इस हाड़ कंपा देने वाली ठंड में लोग सड़क पर ही दिन-रात काट रहे हैं.

पुल बनने से बढ़ी ट्रक ड्राइवरों की मुसीबत.
आवागमन पूरी तरह ठप
  • दरअसल 28 दिसंबर की सुबह कर्मनाशा पुल क्षतिग्रस्त हो गया था.
  • पुल के बीचों बीच बने पीलर के दोनों विंग टूट कर अलग हो गया थे.
  • इसके अलावा अगल-बगल वाले पिलर में भी दरारें आ गई थी.
  • सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन ने इस पुल से आवागमन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था.
  • हालांकि इस पुल के अगल-बगल वैकल्पिक पुल तैयार किया जा रहा है.


दिल्ली-हावड़ा रूट के इस पुल के क्षतिग्रस्त होने से यूपी बिहार समेत कई राज्यों के संपर्क टूट गए हैं. इस दौरान सबसे ज्यादा समस्या ट्रक ड्राइवरों को हो रही है. पुल टूटने की वजह से यहां कई ट्रक चालक अपनी गाड़ी के साथ फंसे हुए हैं. दोनों तरफ कई किलोमीटर तक वाहनों की कतारें लग गई हैं.

ट्रक ड्राइवरों की बढ़ी मुसीबत
कर्मनाशा पुल टूटने की वजह से ट्रक ड्राइवरों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. यहां न तो खाने और रहने के लिए उचित व्यवस्था है और न ही अन्य किसी तरह की व्यवस्था है. मजबूरन इन्हें सर्द रातों में ठंड से बचने के लिए ट्रक के केबिन का सहारा लेना पड़ रहा है. ट्रक ड्राइवर अलाव जलाकर भोजन भी बना रहे हैं या यूं कहें कि ट्रक का केबिन उनका घर और सड़क आंगन बना हुआ है.

इसे भी पढ़ें:- चन्दौली: नए साल पर बढ़ा रेल किराया, यात्रियों ने दी यह प्रतिक्रिया

चन्दौली: यूपी-बिहार बॉर्डर स्थित कर्मनाशा नदी पर बना पुल भ्रष्टाचार और लापरवाही के भेंट चढ़ गया. इस पुल के टूटने से यूपी-बिहार से कई राज्यों का संपर्क समाप्त हो गया है, लेकिन सबसे ज्यादा समस्या उन ड्राइवरों को हो रही है, जो पुल टूटने के बाद यूपी और बिहार दोनों तरफ फंसे हुए हैं. परिवहन ठप होने के कारण इस हाड़ कंपा देने वाली ठंड में लोग सड़क पर ही दिन-रात काट रहे हैं.

पुल बनने से बढ़ी ट्रक ड्राइवरों की मुसीबत.
आवागमन पूरी तरह ठप
  • दरअसल 28 दिसंबर की सुबह कर्मनाशा पुल क्षतिग्रस्त हो गया था.
  • पुल के बीचों बीच बने पीलर के दोनों विंग टूट कर अलग हो गया थे.
  • इसके अलावा अगल-बगल वाले पिलर में भी दरारें आ गई थी.
  • सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन ने इस पुल से आवागमन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था.
  • हालांकि इस पुल के अगल-बगल वैकल्पिक पुल तैयार किया जा रहा है.


दिल्ली-हावड़ा रूट के इस पुल के क्षतिग्रस्त होने से यूपी बिहार समेत कई राज्यों के संपर्क टूट गए हैं. इस दौरान सबसे ज्यादा समस्या ट्रक ड्राइवरों को हो रही है. पुल टूटने की वजह से यहां कई ट्रक चालक अपनी गाड़ी के साथ फंसे हुए हैं. दोनों तरफ कई किलोमीटर तक वाहनों की कतारें लग गई हैं.

ट्रक ड्राइवरों की बढ़ी मुसीबत
कर्मनाशा पुल टूटने की वजह से ट्रक ड्राइवरों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. यहां न तो खाने और रहने के लिए उचित व्यवस्था है और न ही अन्य किसी तरह की व्यवस्था है. मजबूरन इन्हें सर्द रातों में ठंड से बचने के लिए ट्रक के केबिन का सहारा लेना पड़ रहा है. ट्रक ड्राइवर अलाव जलाकर भोजन भी बना रहे हैं या यूं कहें कि ट्रक का केबिन उनका घर और सड़क आंगन बना हुआ है.

इसे भी पढ़ें:- चन्दौली: नए साल पर बढ़ा रेल किराया, यात्रियों ने दी यह प्रतिक्रिया

Intro:चन्दौली - यूपी बिहार बॉर्डर स्थित कर्मनाशा नदी पर बना पुल भ्रष्टाचार और लापरवाही की भेंट चढ़ गया. इस पुल के टूटने से यूपी बिहार कई राज्यों का संपर्क समाप्त हो गया है. लेकिन सबसे ज्यादा समस्या उन ड्राइवरों को हो रही है. जो पुल टूटने के बाद यूपी और बिहार दोनों तरफ फंसे हुए है. इस हाड़ कपा देने वाली ठंड में सड़क पर ही दिन और रात गुजार रहे है.




Body:दरअसल 28 दिसंबर की अलसुबह कर्मनाशा पुल क्षतिग्रस्त हो गया था. जिसके मध्य पीलर के दोनों विंग टूट कर अलग हो गए थे. इसके अलावा अगल बगल वाले पिलर में भी दरारे आ गई. जिसके बाद जिला प्रशासन ने इस पुल से आवागमन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया. हालांकि इस पुल के अगल बगल वैकल्पिक पुल तैयार जा रहे है. जिसका काम युद्ध स्तर पर चल रहा है.

दिल्ली हावड़ा रूट के इस पुल के क्षतिग्रस्त होने से यूपी बिहार समेत कई राज्यों के संपर्क टूट गए. लेकिन इस दौरान सबसे बड़ी समस्या उन ट्रक ड्राइवरों को हो रही है. पुल टूटने की वजह से यहां फंसे हुए और वैकल्पिक पुल बनने की बाट जोह रहे है. दोनों तरफ कई किलोमीटर तक वाहनों की कतारे लग गई है.

कर्मनाशा पुल टूटने की वजह से ट्रक ड्राइवरों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. यहां न तो खाने रहने के लिए होटल की उचित व्यवस्था है और ना ही अन्य किसी तरह व्यवस्था है. मजबूरन इन्हें सर्द रातों में ठंड से बचने के लिए ट्रक की केबिन का सहारा लेना पड़ रहा है. वहीं खाने के लिए सड़कों पर ही अलाव जलाकर खुद को ठंड से बचाने के साथ ही भोजन भी बना रहे है.या यूं कहें कि ट्रक का केबिन उनका घर और सड़क आंगन बना हुआ है.

वॉक थ्रू कमलेश


Conclusion:कमलेश गिरी
चंदौली
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