चंदौली: जिले की सदर कोतवाली पुलिस (Sadar Kotwali Police) व स्वाट टीम को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने धनी एप (Dhani app) के माध्यम से ठगी करने वाले एक गिरोह का खुलासा किया है. इस गिरोह के सरगना सहित 6 साइबर ठगों (cyber cheater) को गिरफ्तार किया है.
इनके पास से ठगी के एक लाख रुपये नकदी समेत फर्जीवाड़े में उपयुक्त लैपटॉप, मोबाइल व अन्य उपकरण बरामद किया है. ये लोग टारगेट किए गए लोगों का आधार व पैन कार्ड डिटेल लीककर फर्जीवाड़े की घटना को अंजाम देते थे. फिलहाल पुलिस सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्जकर जांच में जुटी है.
दरअसल, पिछले दिनों एक पीड़ित व्यक्ति ने एसपी चंदौली से धनी एप के जरिये 10 हजार के लोन के फर्जीवाड़े की शिकायत की. बताया कि आधार कार्ड, पैन कार्ड का इस्तेमाल कर किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके व उनके पुत्र के नाम पर धनी एप से लोन लेकर गबन कर दिया.
इस बात की उन्हें तब जानकारी हुई जब बैंक की तरफ से उन्हें रिकवरी का नोटिस भेजा गया. दावा किया कि उन्होंने किसी प्रकार का कोई लोन प्राप्त नहीं किया है. एसपी अंकुर अग्रवाल में मामले की गंभीरता को देखते हुए इस पूरे मामले की जांच साइबर सेल को दी. इस सेव की जांच में इस गिरोह का खुलासा हुआ.
पता चला कि धनी एप के माध्यम से दिए जाने वाले लोन के गोलमाल को करने के लिए पहले टारगेटेड आदमी के पैन कार्ड, आधार कार्ड व सिम का इस्तेमाल कर एक आईडी बनाई जाती है. इसके बाद इसी आईडी पर 10-10 हजार का लोन स्वीकृत कर क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन खरीददारी कर पैसों का गबन किया जाता है.
गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे लोग करीब 03 माह से यह कार्य कर रहे हैं. अब तक उन लोगों ने 40-45 लोगों के आईडी पर फर्जी ढंग से लोन प्राप्त कर पैसों का गबन किया है. इस गिरोह में एक फाइनेंसियल एडवाइजर भी है जो लोगों के काम कराने के नाम पर उन्हें विश्वास में लेकर उनका आधार कार्ड व पैन कार्ड ले लेता था.
इसके अलावा गैंग के सरगना और वाराणसी में ओला संचालक दिलीप सिंह भी ओला में लगे वाहनों के मालिक व चालकों के आधार व पैन का डाटा उपलब्ध कराता है. इसका इस्तेमाल लोन स्वीकृत कराकर, धनी वालेट में प्राप्त लोन को UPI के माध्यम से अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते हैं.
साइबर ठगों की मानें तो यह धनी एप बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है. इसमें कई लूजपोल हैं जिनका फायदा उठाकर ठगी की जाती है. धनी एप खोलने पर 10 हजार लोन क्रेडिट कार्ड के रूप में लोन सेंक्शन हो जाता था.
इस दौरान आधार लिंक की ओटीपी या लाइव फोटो की जरूरत नहीं पड़ती थी. सबसे पहले अपनी आईडी जनरेट कर यह काम शुरू किया. बाद में अन्य लोगों के नाम पर फर्जीवाड़े शुरू किए.
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पुलिस ने इनके पास से 94920 रुपये नकद, 13 पासबुक, 3 वोटर कार्ड, 20 मोबाइल, 16 चेकबुक, 10 पैन कार्ड, 35 सिम कार्ड 35, 42 डेबिट कार्ड, 36 आधार कार्ड, 9 ड्राइविंग लाइसेंस, लैपटाप, pay tm मशीन, Google Pay QR Code Accepter बरामद किया है.
गिरफ्तार अभियुक्तों में दिलिप सिंह, धीरज कुमार वाराणसी निवासी है जबकी नारायण कुशवाहा, राहुल सिंह चंदौली के निवासी है. इसके अलावा अजीत कुमार मौर्य भदोही और प्रांजल पाण्डेय भभुआ बिहार निवासी है. ये लोग जल्द अमीर बनने की चाहत में इस फर्जीवाड़े को अंजाम देते थे.
फिलहाल सदर कोतवाली पुलिस ने सभी 6 अभियुक्तों के खिलाफ 419, 420, 467, 468, 471 IPC व 66-C IT Act का अभियोग पंजीकृत किया है. साथ ही इस बाबत धनी एप से भी संपर्क साधकर खामियों को अवगत कराया जाएगा.
बिना अंगूठा लगाए आधार से निकले पैसे
मुगलसराय निवासी धनंजय कुमार के एक ही खाते में 4 बार में 40 हजार रुपये निकाल लिए गए. बैंक से शिकायत के बाद पड़ताल में पता चला कि आधार के जरिये पैसे की निकासी की गई. पीड़ित इस बात को लेकर परेशान हैं कि बिना अंगूठा लगाए आधार से रुपये कैसे निकल गए.
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