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चंदौली के एक चर्चित हॉस्पिटल के संचालक और डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा, जानिए वजह - चंदौली में हॉस्पिटल के डॉक्टर पर केस

चंदौली में एक अस्पताल के संचालक और डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. इन पर आरोप है कि अस्पताल के रजिस्ट्रेशन का बिना नवीनीकरण कराए मरीजों का इलाज किया जा रहा था.

चंदौली
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Published : Jul 9, 2023, 10:26 AM IST

चंदौली: जिले के चर्चित सूर्या अस्पताल के संचालक व चिकित्सक के खिलाफ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के उप चिकित्साधिकारी ने सदर कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा कराया है. अस्पताल संचालक के ऊपर आरोप है कि बिना रजिस्ट्रेशन नवीनकरण हुए इन्होंने अपने अस्पताल में मरीजों का इलाज किया. सदर कोतवाली में धारा 15 (3) के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया.

बता दें कि वागीश सिंह नागवंशी की पत्नी विभा सिंह को ईलाज के लिए सूर्या हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. यहां बिना किसी चिकित्सक के ही महिला को भर्ती रखा गया. हालत चिंताजनक होने पर बिना ऑक्सीजन के ही रेफर कर दिया गया. रास्ते में महिला ने दम तोड़ दिया. इसके बाद से मामला तूल पकड़ लिया.

वागीश सिंह नागवंशी के बड़े भाई आशीष सिंह ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से शिकायत की कि यह अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण के चल रहा है. इस अस्पताल को ट्रॉमा सेंटर का नाम दिया गया है, जबकि यहां कोई चिकित्सक नहीं है. आशीष सिंह ने 30 को जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर शिकायत की थी.

जिलाधिकारी से शिकायत के बाद सीएमओ ने जांच की. इसमें यह पाया गया कि अस्पताल का रजिस्ट्रेशन 30 अप्रैल को ही समाप्त हो गया. लेकिन, अस्पताल का संचालन अनवरत जारी रहा. जिस दिन विभा सिंह को ईलाज के लिए भर्ती कराया गया था. उस दौरान भी अस्पताल के रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण नहीं कराया गया था.

शुक्रवार को अपर चिकित्साधिकारी ने सदर कोतवाली में प्रार्थना पत्र देकर अस्पताल संचालक सन्तोष तिवारी, चिकित्सक गौतम त्रिपाठी और डॉ यशी त्रिपाठी पर धारा 154 के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया है.

यह भी पढ़ें: भाजपा सांसद के लेटर पैड पर एएमयू कुलपति से एडमिशन की शिफारिश, आरोपी के खिलाफ केस दर्ज

चंदौली: जिले के चर्चित सूर्या अस्पताल के संचालक व चिकित्सक के खिलाफ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के उप चिकित्साधिकारी ने सदर कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा कराया है. अस्पताल संचालक के ऊपर आरोप है कि बिना रजिस्ट्रेशन नवीनकरण हुए इन्होंने अपने अस्पताल में मरीजों का इलाज किया. सदर कोतवाली में धारा 15 (3) के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया.

बता दें कि वागीश सिंह नागवंशी की पत्नी विभा सिंह को ईलाज के लिए सूर्या हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. यहां बिना किसी चिकित्सक के ही महिला को भर्ती रखा गया. हालत चिंताजनक होने पर बिना ऑक्सीजन के ही रेफर कर दिया गया. रास्ते में महिला ने दम तोड़ दिया. इसके बाद से मामला तूल पकड़ लिया.

वागीश सिंह नागवंशी के बड़े भाई आशीष सिंह ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से शिकायत की कि यह अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण के चल रहा है. इस अस्पताल को ट्रॉमा सेंटर का नाम दिया गया है, जबकि यहां कोई चिकित्सक नहीं है. आशीष सिंह ने 30 को जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर शिकायत की थी.

जिलाधिकारी से शिकायत के बाद सीएमओ ने जांच की. इसमें यह पाया गया कि अस्पताल का रजिस्ट्रेशन 30 अप्रैल को ही समाप्त हो गया. लेकिन, अस्पताल का संचालन अनवरत जारी रहा. जिस दिन विभा सिंह को ईलाज के लिए भर्ती कराया गया था. उस दौरान भी अस्पताल के रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण नहीं कराया गया था.

शुक्रवार को अपर चिकित्साधिकारी ने सदर कोतवाली में प्रार्थना पत्र देकर अस्पताल संचालक सन्तोष तिवारी, चिकित्सक गौतम त्रिपाठी और डॉ यशी त्रिपाठी पर धारा 154 के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया है.

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