चंदौली: बबुरी सीएचसी का अधूरा निर्माण...भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा इकौनी का सामुदायिक केन्द्र... और शो-पीस बना आईसीयू ....ईटीवी भारत अपनी सीरीज में लगातार आपको चंदौली स्वास्थ्य विभाग की खामियों से रूबरू करा रहा है. आज हम आपको बताएंगे चंदौली के डॉट्स सेंटर के हालात. इस डॉट्स सेंटर के नाम पर 37 लाख रुपये गमन हो गए, लेकिन भ्रष्टाचार की नींव पर दीवार तक खड़ी नहीं की जा सकी.
लाखों रुपये की हुई बंदरबांट
बेहतर इलाज की आस में सरकार की तरफ टकटकी लगाए चंदौली का स्वास्थ्य महकमा अपनी बदहाली पर आसूं बहा रहा है. मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल में टीबी रोगियों के इलाज के लिए अस्पताल खोलने की योजना सालों बाद भी परवान नहीं चढ़ सकी है. 75 लाख की इस परियोजना में जमकर बंदरबांट हुई. ऐसे में 37 लाख रुपये खर्च भी हो गए, लेकिन हैरान कर देने वाली बात तो ये है कि डॉट्स सेंटर की नींव तक भी तैयार नहीं हो सकी.
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सालों से अधर में लटका डॉट्स सेंटर का निर्माण
सपा सरकार में डॉटस सेंटर का शुभारंभ हुआ था. 2015 में ही इस भवन निर्माण का काम पूरा हो जाना था, जो अब तक नहीं हो सका है. सालों से अधर में लटकी इस परियोजना पर विपक्ष लगातार हमलवार है. उनका कहना है कि पूर्ववर्ती सरकारों ने जिस काम को शुरू किया है. इस सरकार में वे सभी काम ठप पड़े हैं. ये सिर्फ विकास की बात करते हैं और काम नहीं करते.
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जांच और कार्रवाई के नाम पर इस मामले को भी प्रशासन सालों से बस्ते में दबाए हुए है. केंद्र सरकार ने 2025 तक देश को क्षय रोग मुक्त कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है, लेकिन सरकार की इस मंशा पर चंदौली स्वास्थ्य विभाग पानी फेर रहा है.