चंदौलीः बिगड़ते पर्यावरण और बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर अस्पतालों से निकलने वाली बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण को लेकर एनजीटी ने सख्ती दिखाते हुए इसके निस्तारण की रिपोर्ट मांगी है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने आनन-फानन में टीम गठित कर जिले भर के निजी और सरकारी अस्पतालों समेत पैथोलॉजी सेंटरों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट की जांच पड़ताल शुरू कर दी है. सके लिए सीएमओ ने 10 नोडल अफसरों की चार-;चार सदस्यीय टीमें बनाई हैं.
10 जनवरी तक भेजनी है रिपोर्ट
इसी क्रम में दीनदयाल नगर की नोडल अधिकारी एडिशनल सीएमओ डॉ. नीलम ओझा के नेतृत्व में गठित चार सदस्यी टीम ने सोमवार को दीनदयाल नगर स्थित निजी अस्पतालों में वेस्ट मैनेजमेंट के निस्तारण की हकीकत देखी. शासन की ओर से दिए गए 30 बिंदुओं पर व्यवस्थाओं को परखा. जांच में नगर के ज्यादातर निजी अस्पतालों में अपशिष्ट निस्तारण की व्यवस्था ठीक नहीं पाई गई और मानकों पर खरे नहीं उतरे. इसकी रिपोर्ट 10 जनवरी तक महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं लखनऊ को जानी है.
मेडिकल वेस्ट एकत्रित करने वाली कंपनियां भी होंगी जांच के दायरे में
दरअसल जिले में सरकारी और निजी अस्पतालों समेत पैथोलॉजी सेंटर से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट को एकत्र करने का काम निजी संस्था सिलिकॉन और सीपीसी कंपनियां करती हैं. इस जांच में कलेक्शन को लेकर कंपनियों के कार्य प्रणाली भी, जांच के दायरे में होगी. इस बात की भी जांच की जा रही है कि कंपनियां अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट का कलेक्शन करती भी है या नहीं. उनकी ओर से कलेक्शन नहीं किया जाता है तो रिपोर्ट में इसको भी शामिल किया जाएगा और संबंधित संस्था के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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जिले में इतने हैं अस्पताल और पैथोलॉजी सेंटर
गौरतलब है कि जिले में कुल 695 अस्पताल और पैथोलॉजी सेंटर है, जिसमें दो जिला अस्पताल चन्दौली और चकिया में संचालित है. इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चार, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पांच, नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 20, आयुर्वेदिक अस्पताल 30, होम्योपैथिक अस्पताल 20, उप स्वास्थ्य केंद्र 248, दीनदयाल नगर में दो अर्बन हेल्थ सेंटर, निजी अस्पताल 275 जबकि जिले में कुल 88 जांच केंद्र है.
बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर कमोबेश जिले भर के सभी निजी अस्पतालों का यही हाल है. या यूं कहें कि जिले के निजी अस्पताल बीमारी का इलाज नहीं बल्कि बीमारी बांट रहे हैं.
एनजीटी के निर्देश पर अस्पतालों और पैथोलॉजी सेंटरों की बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण व्यवस्था की जांच की जा रही है. कुछ जगह ठीक पाई गई है और कुछ गड़बड़ भी पाई गई इसकी रिपोर्ट बनाकर 10 जनवरी तक महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं लखनऊ को भेजना है.
-डॉ. नीलम ओझा, एडिशनल सीएमओ