चंदौली : विशेष न्यायाधीश (पाक्सो अधिनियम) राजेंद्र प्रसाद की अदालत में बालिका के साथ हुए बलात्कार के मामले की सुनवाई गुरुवार को हुई. इस दौरान आरोप सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश ने आरोपी गंगा सागर उर्फ मंटू को 15 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 25 हजार रुपया अर्थदंड भी दिया है. अर्थदंड जमा न करने पर दोषी को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
पीड़ित की ओर से मुकदमे की पैरवी करने वाले विशेष अधिवक्ता (पाक्सो) शमशेर बहादुर सिंह ने गुरुवार को कोर्ट के फैसले और घटनाक्रम की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि रेप की घटना एक दिसंबर 2016 की है. मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र की चार वर्षीय पीड़िता अपनी मां के साथ मायके सैयदराजा कस्बे में रह रही थी. दरअसल बच्ची की मां अपने पिता यानी बच्ची के नाना के साथ रहती थी. एक दिसंबर 2016 को दोपहर में उसकी बेटी बगल के ही पड़ोसी के घर खेलने गई थी. तभी पड़ोसी गंगा सागर उर्फ मंटू ने उसकी बेटी के साथ बलात्कार किया. जब महिला पीड़ित बेटी को कपड़ा बदलने आई तो उसे बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म का पता चला. पूछने पर नन्हीं बच्ची ने आपबीती बतायी.
इस संबंध में पीड़िता की मां ने सैयदराजा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने मामले की रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत किया था. कोर्ट में सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश ने बालिका के बयान और वरिष्ठ अधिवक्ता के तर्क सुनने के बाद गंगासागर उर्फ मंटू को दोषी मानते हुए धारा-6 पास्को अधिनियम में 15 साल की कठोर कारावास की सजा दी. दोषी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना न देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
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