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एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट की सूची में शामिल चंदौली के जिला अस्पताल में नहीं है स्ट्रेचर की सुविधा

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकार चिकित्सीय सुविधा को बढ़ा रही है. वहीं चंदौली के सड़क दुर्घटना में घायल मरीज को ले जाने के लिए जिला अस्पताल में स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं था.

चंदौली में कोरोना का कहर
जिला अस्पताल की बुरी स्थिति
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Published : Mar 31, 2020, 7:18 PM IST

चंदौली: देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार तमाम प्रयास कर रही है. आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. वहां चदौली जिला अस्पताल में मरीज को ले जाने के लिए स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं है.

पिकअप पलटने से महिला की मौत
जिले में घर वापसी के दौरान एक पिकअप अनियंत्रित होकर पलट गई. हादसे में एक महिला की मौत हो गई. वहीं महिला के बच्चे, पति समेत 12 से अधिक लोग घायल हो गए. घायलों को जिला अस्पताल ले जाया गया.

अस्पताल में नहीं उपलब्ध है स्ट्रेचर
घायलों में एक मरीज को वाराणसी रेफर किया जाना था, लेकिन गंभीर मरीज के लिए एक स्ट्रेचर भी उपलब्ध नहीं हो सका. काफी खोजबीन के बाद जो स्ट्रेचर मिला, वह भी जर्जर अवस्था में था. स्ट्रेचर पर चादर न होने की वजह से हरे रंग के प्लास्टिक के दो टुकड़ों को बिछाया गया. यही नहीं एंबुलेंस का फोन भी कई बार के प्रयास पर भी नहीं लगा. बाद में डॉक्टरों से एंबुलेंसकर्मी से संपर्क कर एंबुलेंस को बुलाया.

जिला अस्पताल में स्वास्थ्य महकमे की यह स्थिति है, जबकि यह शहर एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट की सूची में शामिल है और हेल्थ उनके प्रमुख इंडिकेटर्स में शामिल हैं. ऐसे में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जिले की सक्षमता देखी जा सकती है. हालांकि चंदौली में अब तक कोई कोरोना पॉजिटीव केस नहीं मिला.

चंदौली: देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार तमाम प्रयास कर रही है. आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. वहां चदौली जिला अस्पताल में मरीज को ले जाने के लिए स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं है.

पिकअप पलटने से महिला की मौत
जिले में घर वापसी के दौरान एक पिकअप अनियंत्रित होकर पलट गई. हादसे में एक महिला की मौत हो गई. वहीं महिला के बच्चे, पति समेत 12 से अधिक लोग घायल हो गए. घायलों को जिला अस्पताल ले जाया गया.

अस्पताल में नहीं उपलब्ध है स्ट्रेचर
घायलों में एक मरीज को वाराणसी रेफर किया जाना था, लेकिन गंभीर मरीज के लिए एक स्ट्रेचर भी उपलब्ध नहीं हो सका. काफी खोजबीन के बाद जो स्ट्रेचर मिला, वह भी जर्जर अवस्था में था. स्ट्रेचर पर चादर न होने की वजह से हरे रंग के प्लास्टिक के दो टुकड़ों को बिछाया गया. यही नहीं एंबुलेंस का फोन भी कई बार के प्रयास पर भी नहीं लगा. बाद में डॉक्टरों से एंबुलेंसकर्मी से संपर्क कर एंबुलेंस को बुलाया.

जिला अस्पताल में स्वास्थ्य महकमे की यह स्थिति है, जबकि यह शहर एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट की सूची में शामिल है और हेल्थ उनके प्रमुख इंडिकेटर्स में शामिल हैं. ऐसे में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जिले की सक्षमता देखी जा सकती है. हालांकि चंदौली में अब तक कोई कोरोना पॉजिटीव केस नहीं मिला.

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