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जब अपनों ने मुंह मोड़ा, फरिश्ता बन पुलिस ने दिया अर्थी को कंधा - पुलिस ने दिया अर्थी को कंधा

चंदौली पुलिस ने एक असहाय वृद्ध की पत्नी के शव को कंधा देकर अपने निजी खर्च से अंतिम संस्कार कराया. बीमार महिला की संदिग्ध परिस्थियों में हुई मौत से लोग कोविड की आशंका जताकर पास नहीं आए. ऐसे में पुलिस ने सराहनीय कार्य करते हुए महिला का अंतिम संस्कार कराया.

पुलिस ने दिया महिला की अर्थी को कंधा.
पुलिस ने दिया महिला की अर्थी को कंधा.
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Published : May 9, 2021, 9:16 AM IST

चंदौली: कोरोना महामारी में अपनी जान बचाने को लेकर लोग इतने निष्ठुर हो चले हैं कि अपनों को कंधा देने तक के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला चन्दौली में सामने आया है. जहां अपनों के ठुकराने के बाद यूपी पुलिस मसीहा बनकर सामने आई और शव का अंतिम संस्कार किया. पुलिस की इस पहल की लोग सराहना कर रहे हैं.

पुलिस ने दिया महिला की अर्थी को कंधा.
अपनों ने मुंह मोड़ा तो पुलिस को किया याद

पूरा मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के भगवानपुर गांव का है. जहां ज्योत्सना उपाध्याय का शनिवार को संदिग्ध परिस्थितियों में निधन हो गया. वह पिछले कई दिन से बीमार चल रहीं थीं. शनिवार को कोरोना काल में हुई मौत के चलते लोगों ने अंतिम संस्कार करना तो दूर दरवाजे पर भी नहीं गए. वहीं उनके बुजुर्ग पति जयशंकर पत्नी की मौत और परिस्थितियों से असहाय नजर आए. जब अपनों ने मुंह मोड़ लिया तो उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम डायल 112 पर फोन किया. घटना के बाबत जानकारी देते हुए मदद मांगी.

इसे भी पढ़ें-मरने के बाद अपनों ने छोड़ा, पुलिस ने अर्थी को कंधा देकर किया अंतिम संस्कार

पुलिस ने शव को भेजवाया बलुआ घाट

संकट की घड़ी में यूपी पुलिस ने एक बार फिर संवेदनशीलता दिखाई. सूचना के बाद तत्काल सदर कोतवाल अशोक मिश्रा, कस्बा इंचार्ज चौकी प्रभारी मनोज पांडेय समेत पूरे दल बल के साथ मौके पर पहुंचे. उन्होंने घर में पड़े शव को प्लास्टिक से कवर करते हुए सील किया. पुलिस की इस पहल को देख इक्का दुक्का ग्रामीण भी आगे आए. पुलिस के जवानों ने वृद्ध महिला की अर्थी को कंधा देते हुए शव वाहन की मदद से बलुआ घाट पर भिजवाया.

इसे भी पढ़ें-जब 4 कंधों के लिए अर्थी हुई लाचार, तब पुलिस ने किया अंतिम संस्कार


पुलिस ने पीड़ित परिजन को दी आर्थिक मदद

बता दें कि मृतका ज्योत्सना और जयशंकर उपाध्याय के कोई संतान नहीं थी. एक कच्चे मकान में छोटी सी दुकान के सहारे आजीविका चलाते थे. लेकिन ऐसे समय में जब अपनों ने मुंह मोड़ लिया तो पुलिस फरिश्ता बनकर आई और अंतिम संस्कार कराया. पति की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने पर पुलिस ने अंतिम संस्कार का सारा खर्च उठाया.

चंदौली: कोरोना महामारी में अपनी जान बचाने को लेकर लोग इतने निष्ठुर हो चले हैं कि अपनों को कंधा देने तक के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला चन्दौली में सामने आया है. जहां अपनों के ठुकराने के बाद यूपी पुलिस मसीहा बनकर सामने आई और शव का अंतिम संस्कार किया. पुलिस की इस पहल की लोग सराहना कर रहे हैं.

पुलिस ने दिया महिला की अर्थी को कंधा.
अपनों ने मुंह मोड़ा तो पुलिस को किया याद

पूरा मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के भगवानपुर गांव का है. जहां ज्योत्सना उपाध्याय का शनिवार को संदिग्ध परिस्थितियों में निधन हो गया. वह पिछले कई दिन से बीमार चल रहीं थीं. शनिवार को कोरोना काल में हुई मौत के चलते लोगों ने अंतिम संस्कार करना तो दूर दरवाजे पर भी नहीं गए. वहीं उनके बुजुर्ग पति जयशंकर पत्नी की मौत और परिस्थितियों से असहाय नजर आए. जब अपनों ने मुंह मोड़ लिया तो उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम डायल 112 पर फोन किया. घटना के बाबत जानकारी देते हुए मदद मांगी.

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पुलिस ने शव को भेजवाया बलुआ घाट

संकट की घड़ी में यूपी पुलिस ने एक बार फिर संवेदनशीलता दिखाई. सूचना के बाद तत्काल सदर कोतवाल अशोक मिश्रा, कस्बा इंचार्ज चौकी प्रभारी मनोज पांडेय समेत पूरे दल बल के साथ मौके पर पहुंचे. उन्होंने घर में पड़े शव को प्लास्टिक से कवर करते हुए सील किया. पुलिस की इस पहल को देख इक्का दुक्का ग्रामीण भी आगे आए. पुलिस के जवानों ने वृद्ध महिला की अर्थी को कंधा देते हुए शव वाहन की मदद से बलुआ घाट पर भिजवाया.

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पुलिस ने पीड़ित परिजन को दी आर्थिक मदद

बता दें कि मृतका ज्योत्सना और जयशंकर उपाध्याय के कोई संतान नहीं थी. एक कच्चे मकान में छोटी सी दुकान के सहारे आजीविका चलाते थे. लेकिन ऐसे समय में जब अपनों ने मुंह मोड़ लिया तो पुलिस फरिश्ता बनकर आई और अंतिम संस्कार कराया. पति की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने पर पुलिस ने अंतिम संस्कार का सारा खर्च उठाया.

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