चंदौली: विकास भवन के सामने बुधवार को एनएच-2 की सर्विस लेन पर एक बुजुर्ग बेहोश होकर गिरे थे. वहां से कई गाड़ियां गुजरीं मगर किसी ने बुजुर्ग की सुध नहीं ली. इस बीच जिले के डीएम संजीव सिंह की नजर बेहोश वृद्ध पर पड़ी. उन्होंने तुरंत गाड़ी रुकवाई. उन्होंने देखा कि बुजुर्ग के हाथ, पैर, सिर समेत शरीर के अन्य हिस्सों पर चोट के निशान थे. डीएम ने एंबुलेंस बुलवाया और बुजुर्ग को इलाज के लिए पंडित कमलापति त्रिपाठी हॉस्पिटल भेज दिया. फिर उन्होंने प्रशासनिक अमले को बुजुर्ग के परिजनों को ढूंढने को कहा. अफसरों ने एक दिन बाद बुजुर्ग के परिजनों को ढूंढ लिया.
भूलने की बीमारी से ग्रसित हैं वृद्ध
गुरुवार को परिजन मिले तो बुजुर्ग की पहचान भी हो गई. उनका नाम शारदा बिंद है, जो कंदवा थाना क्षेत्र के घोसवा गांव के रहने वाले हैं. वह पिछले 30 मई से घर से लापता थे. संभवतः भूलने की बीमारी के चलते ही वह यहां तक पहुँच गए. परिजनों ने कंदवा थाने में उनकी गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी. डॉक्टरों के मुताबिक शारदा बिंद डिमेंशिया की बीमारी से ग्रस्त हैं. जिसे यह बीमारी होती है तो उसकी यादाश्त कमजोर हो जाती है. वह हर छोटी-बड़ी बात भूलने लगता है. आशंका जताई जा रही है कि इस कारण ही शारदा बिंद अपने घर का रास्ता भूल गए और तीन दिनों तक भटकते रहे.
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परिजन डीएम को दे रहे धन्यवाद
बुधवार को वह बेहोश होकर विकास भवन के सामने सर्विस लेन पर गिर पड़े. कमलापति त्रिपाठी जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि वह ब्रेन में प्रॉब्लम होने की वजह से वह बेसुध होकर गिर पड़े थे. अभी उनकी हालत खतरे से बाहर है. अब शारदा बिंद के परिजन बेहद खुश है. उनके बेटे ने शारदा बिंद के अचानक लापता होने की पूरी कहानी बताई. बुधवार को उन्हें सूचना मिली कि शारदा जिला अस्पताल में भर्ती है. अब शारदा बिंद का बेटा उनकी सेवा कर रहा है. परिजन डीएम संजीव सिंह को धन्यवाद देते थक नहीं रहे है.