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अवैध संबंधों में हुई हत्या के मामले में 26 साल बाद आया कोर्ट का फैसला, दोषियों को आजीवन कारावास की सजा - दोषियों को आजीवन कारावास

चंदौली जिला सत्र न्यायालय (Chandauli District Sessions Court ) ने 26 साल पुराने हत्या के मामले में दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है. कोर्ट ने प्रत्येक अभियुक्तों पर 15-15 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

चंदौली जिला
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Published : Feb 14, 2023, 10:40 PM IST

चंदौली: जिला सत्र न्यायालय ने 26 साल पुराने हत्या के मामले में अपना फैसला सुनाया है. सुनवाई करते हुए न्यायाधीश सुनील कुमार चतुर्थ ने हत्यारोपी सर्राफजी देवी, सुख्खू व बेचू बियार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही प्रत्येक अभियुक्तों को 15-15 हजार का जुर्माना भी अदा करना होगा. जुर्माना अदा न करने 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. अभियोजन की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी शशि शंकर सिंह, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राम अवध यादव व राजेन्द्र कुमार पांडेय ने तर्क प्रस्तुत किया.

जिला शासकीय अधिवक्ता शशिशंकर सिंह ने बताया की चकिया थाना क्षेत्र के रामपुर कला निवासी राम अनन्त सिंह उर्फ कवि की हत्या अवैध संबंधों को लेकर कर दी गई थी. इसमें सर्फराजी देवी, सुक्खू व बेचू बियार आरोपित थे. उनके खिलाफ मृतक के पट्टीदार दिवाकर सिंह ने 26 सितंबर 1996 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी. जिसमें बताया गया कि राम अनन्त सिंह का अवैध संबंध सुक्खू की पत्नी समराजी उर्फ सर्फराजी से था. इसके चलते समराजी उर्फ सर्फराजी बच्चों सहित अपने मायके में ही रह रही थी. समराजी से अवैध संबंध के चलते उसके पति सुक्खू व समराजी का भाई बेचू रंज मानते रहे.

इसके चलते 25 सितंबर 1996 को दोपहर लगभग 2 बजे आरोपितों ने राम अनन्त की हत्या उन्हीं के घर में कर दिया. शोरगुल की आवाज पर पट्टीदार राम अनन्त के घर के समीप पहुंचा. तब आरोपितों को मृतक के घर से अस्त व्यस्त हालत में निकलकर भागते हुए देखा. उसके शोर मचाने पर गांव के लोग जुट गए. जहां अंदर जाकर देखा गया तो उनके घर में काफी खून गिरा हुआ था. वहीं, राम अनन्त की लाश गोहरि के नीचे दबाया गया था. आरोपितों की नीयत लाश को जलाने की थी,.मौके पर असलहा भी पड़ा हुआ था. इस पर पट्टीदार ने घटना की सूचना राम अनन्त उर्फ कवि के ससुराल पिपरिया में दिया. रिपोर्ट दर्ज कर करवाई करने की प्रार्थना की गयी.

वहीं, न्यायालय में मुकदमे के विचारण के दौरान कुल 9 साक्षी परीक्षित हुए. अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस सुनने के एवं पत्रावली का अवलोकन करने के बाद जनपद एवं सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार (चतुर्थ) ने मृतक राम अनन्त उर्फ कवि एवं अभियुक्ता समराजी के अवैध संबंध में सर्राफजी से होने के कारण मृतक की पत्नी और बच्चों का मायके में रहना, सर्फराजी के पति व उसके भाई बेचू का नाराज रहना, अभियुक्तगण को घटना के बाद मृतक के घर से भागते हुए देखा जाना, मृतक राम अनन्त उर्फ कवि की नृशंस हत्या कारित किया. घटना स्थल एवं अभियुक्त बेचू से की गई बरामदगी आदि को दृष्टिगत रखते हुए आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही प्रत्येक को 15-15 हजार रुपये अर्थदण्ड से लगाया गया. अर्थदण्ड अदा न करने पर प्रत्येक अभियुक्त को 6 महीने का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा.

चंदौली: जिला सत्र न्यायालय ने 26 साल पुराने हत्या के मामले में अपना फैसला सुनाया है. सुनवाई करते हुए न्यायाधीश सुनील कुमार चतुर्थ ने हत्यारोपी सर्राफजी देवी, सुख्खू व बेचू बियार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही प्रत्येक अभियुक्तों को 15-15 हजार का जुर्माना भी अदा करना होगा. जुर्माना अदा न करने 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. अभियोजन की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी शशि शंकर सिंह, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राम अवध यादव व राजेन्द्र कुमार पांडेय ने तर्क प्रस्तुत किया.

जिला शासकीय अधिवक्ता शशिशंकर सिंह ने बताया की चकिया थाना क्षेत्र के रामपुर कला निवासी राम अनन्त सिंह उर्फ कवि की हत्या अवैध संबंधों को लेकर कर दी गई थी. इसमें सर्फराजी देवी, सुक्खू व बेचू बियार आरोपित थे. उनके खिलाफ मृतक के पट्टीदार दिवाकर सिंह ने 26 सितंबर 1996 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी. जिसमें बताया गया कि राम अनन्त सिंह का अवैध संबंध सुक्खू की पत्नी समराजी उर्फ सर्फराजी से था. इसके चलते समराजी उर्फ सर्फराजी बच्चों सहित अपने मायके में ही रह रही थी. समराजी से अवैध संबंध के चलते उसके पति सुक्खू व समराजी का भाई बेचू रंज मानते रहे.

इसके चलते 25 सितंबर 1996 को दोपहर लगभग 2 बजे आरोपितों ने राम अनन्त की हत्या उन्हीं के घर में कर दिया. शोरगुल की आवाज पर पट्टीदार राम अनन्त के घर के समीप पहुंचा. तब आरोपितों को मृतक के घर से अस्त व्यस्त हालत में निकलकर भागते हुए देखा. उसके शोर मचाने पर गांव के लोग जुट गए. जहां अंदर जाकर देखा गया तो उनके घर में काफी खून गिरा हुआ था. वहीं, राम अनन्त की लाश गोहरि के नीचे दबाया गया था. आरोपितों की नीयत लाश को जलाने की थी,.मौके पर असलहा भी पड़ा हुआ था. इस पर पट्टीदार ने घटना की सूचना राम अनन्त उर्फ कवि के ससुराल पिपरिया में दिया. रिपोर्ट दर्ज कर करवाई करने की प्रार्थना की गयी.

वहीं, न्यायालय में मुकदमे के विचारण के दौरान कुल 9 साक्षी परीक्षित हुए. अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस सुनने के एवं पत्रावली का अवलोकन करने के बाद जनपद एवं सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार (चतुर्थ) ने मृतक राम अनन्त उर्फ कवि एवं अभियुक्ता समराजी के अवैध संबंध में सर्राफजी से होने के कारण मृतक की पत्नी और बच्चों का मायके में रहना, सर्फराजी के पति व उसके भाई बेचू का नाराज रहना, अभियुक्तगण को घटना के बाद मृतक के घर से भागते हुए देखा जाना, मृतक राम अनन्त उर्फ कवि की नृशंस हत्या कारित किया. घटना स्थल एवं अभियुक्त बेचू से की गई बरामदगी आदि को दृष्टिगत रखते हुए आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही प्रत्येक को 15-15 हजार रुपये अर्थदण्ड से लगाया गया. अर्थदण्ड अदा न करने पर प्रत्येक अभियुक्त को 6 महीने का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा.

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