चन्दौली: चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में सीबीआई ने दो हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. इसके बाद शनिवार को इसमें शामिल 3 आरोपी स्पेशल पॉक्सो कोर्ट चन्दौली(Special POCSO Court Chandauli) में पेश हुए. इसमें चन्दौली निवासी दोनों आरोपी अवनीश सिंह और अजय गुप्ता के अलावा पटना निवासी अभियुक्त अजित कुमार भी पेश हुए. सभी आरोपियों को चार्जशीट की कॉपी सौंपने की औपचारिकता निभाई गई. इसके साथ ही 1 सितंबर को अगली तारीख मुकर्रर करते हुए सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. हालांकि घटना का मास्टमाइंड रामभुवन पेश नहीं हुआ. सीबीआई ने इस मामले में आईपीसी की धारा 120 B, आईटी एक्ट समेत पॉक्सो एक्ट की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.
दरअसल, 16 अगस्त को चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े मामले में सीबीआई ने चन्दौली की स्पेशल पॉक्सो कोर्ट में 2 हजार से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. चंदौली पॉक्सो कोर्ट के विशेष अधिवक्ता शमशेर सिंह ने बताया कि यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस है. इस प्रकरण में सीबीआई की टीम ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की थी. उन्होंने बताया बच्चों की पोर्न क्लिप बनाकर उसे बाजार में बेचे जाने की सूचना पर सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी. सीबीआई अपनी जांच के क्रम में बच्चों की क्लिप को लेकर चंदौली पहुंची तो उन्होंने उन मासूमों के परिवार वालों से मुलाकात की और पूरे प्रकरण के बारे में बताया. जब उन्हें क्लिप दिखाई तो उनके होश उड़ गए. सीबीआई ने जांच के दौरान बच्चों से भी आरोपियों की पुष्टि कराई थी.
सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार चंदौली जिले के सकलडीहा इलाके के रहने वाले अजय कुमार गुप्ता और धानापुर के आवाजापुर के अवनीश कुमार सिंह गरीब बच्चों को टारगेट करते थे. बच्चों को वीडियो गेम खिलाने के बहाने उन्हें अपने यहां बुलाते थे. इसके बाद जब बच्चे वीडियो गेम खेलने में मशगूल रहते तब ये लोग उनके साथ अश्लील हरकत कर उसका वीडियो शूट करते थे. बच्चों को इस बात की भनक तक नहीं लग पाती थी. कई बार तो गरीब बच्चों को चॉकलेट व अन्य प्रकार के प्रलोभन देकर उनके साथ कुकृत्य करते थे.
सीबीआई टीम को चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले में दो सितंबर 2021 को एक शिकायत मिली थी. इस मामले में जांच के बाद सीबीआई ने उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर पद पर कार्यरत बांदा निवासी रामभुवन व बिहार के पटना जिले के फतुहा निवासी अजीत कुमार के खिलाफ 29 अप्रैल 2022 के खिलाफ एक केस दर्ज किया. मामले की जांच के दौरान ओडिसा के राउरकेला में लोको पायलट के पद पर कार्य कर रहे पटना निवासी के यहां छापेमारी कर उसके मोबाइल व लैपटॉप समेत अन्य सामानों की जांच की. जांच के दौरान सीबीआई टीम के हाथ चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित कई फोटो और वीडियो मिले. जो कि बांदा के रहने वाले जूनियर इंजीनियर के मोबाइल पर भेजे गये थे. जांच में यह भी तथ्य सामने आया कि दोनों लोग एक एप के माध्यम से एक दूसरे के साथ जुड़े थे.
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टीम को पता चला कि जनवरी 2015 और फरवरी 2016 में दोनों ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित वीडियों और फोटो साझा किए थे. इस मामले की जांच के क्रम में सीबीआई के सामने दो अन्य लोगों के नाम सामने आए जोकि चंदौली के रहने वाले थे. चंदौली के सकलडीहा इलाके के रहने वाले अजय कुमार गुप्ता और धानापुर के आवाजापुर के अवनीश कुमार सिंह बच्चों का यौन शोषण कर उसकी फिल्म व फोटो खींचकर ऊंचे दामों पर बेचा करते थे. खास बात यह है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी का इनका कारोबार विदेशों तक फैला है इसके जरिए यह लोग करोड़ो रूपये कमाते थे.
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