चंदौली: विधानसभा चुनाव 2022 के लिए सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में लग गए हैं. इस चुनावी माहौल में ईटीवी भारत की टीम यूपी की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से विकास कार्यों की रिपोर्ट जनता को दिखा रही है. इसी क्रम में टीम ने चंदौली जिले की मुगलसराय विधानसभा क्षेत्र में जनता की नब्ज टटोलने के साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की.
ईटीवी भारत की टीम से बातचीत के दौरान लोगों ने सत्ताधारी पार्टी और स्थानीय विधायक साधना सिंह पर गंभीर आरोप लगाए. लोगों ने कहा कि चुनाव के बाद मुगलसराय सीट-380 से बीजेपी विधायक साधना सिंह क्षेत्र में कम ही दिखाई देती हैं. लोगों ने कहा कि हर बार की तरह इस बार भी चुनावी मुद्दा विकास ही होगा, लेकिन बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और महंगाई के मुद्दे पर सरकार फेल साबित हुई हैं.
राकेश ने बताया कि इस समय विधानसभा ही नहीं पूरे देश में बेरोजगारी का मुद्दा सबसे बड़ा मुद्दा है. सरकार रेल, एयरपोर्ट समेत तमाम बड़े संस्थान बेच चुकी है, जबकि नए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में सरकार पूरी तरह नाकाम रही. इससे बेरोजगारी की समस्या लगातार बढ़ती गई और मुगलसराय भी इससे अछूता नहीं है. यही नहीं प्रोफेशनल और टेक्निकल कोर्सेज करने वाले छात्र भी बेरोजगार हैं, लेकिन सरकार का इसपर ध्यान नहीं है. महंगाई डायन की तरह मुंह बाए खड़ी है. सरसों का तेल पिछले 70 सालों में 100 रुपये किलो तक ही पहुंच, जबकि पिछले 5 साल में सरसों का तेल दो गुना कीमत यानी 200 रुपये किलो बिक रहा है. यही योगी-मोदी का विकास मॉडल है.
विवेक सिंह ने बताया कि हम लोगों ने विकास के नाम पर भाजपा को वोट दिया था और योगी सरकार ने 5 साल विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाया है. लोगों को जो महंगाई दिख रही है, असल में वह महंगाई नहीं विकास है. अच्छी सड़कें, अच्छी सुविधाएं, अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो रहा है. अच्छी सुविधाओं के लिए खर्च करना पड़ेगा. वहीं, गरीबों के लिए मुफ्त अनाज वितरण कर रही है. आवास, पेंशन, किसानों को सम्मान निधि दे रही है. सरकार सबके लिए समान रूप से काम कर रही है.
चाय की चुस्की ले रहे गुड्डू पटेल ने कहा कि विकास का मुद्दा हर बार चुनाव में आता है और यह मुद्दा हर बार मुद्दा ही बनकर रह जाता है. जो जैसा करेगा वैसा ही भरेगा. इशारा साफ था कि विधायक साधना सिंह के कामों से खुश नहीं दिखे. उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े 4 सालों में शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी चींजों का ख्याल नहीं रखा गया. एक ट्रॉमा सेंटर का शिलान्यास जरूर 3 साल पहले किया गया था. लेकिन वह आज सिर्फ बाउंड्रीवॉल तक ही सीमित रह गया. वो भी अब खंडहर में तब्दील होने के कगार पर है.
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वहीं स्टेशन के बाहर पान की दुकान चलाने वाले मनोहर चौरसिया ने पहले तो सब कुछ जनता पर छोड़ दिया. बाद में उन्होंने कहा कि इस बार तो बदलाव की बयार है. इस बार सपा सरकार बननी चाहिए, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि सपा सरकार ही क्यों? तो कहा कि सपा सरकार में सारा सिस्टम सही चल रहा था. योगी जी की सरकार में महंगाई चरम पर है, सब सिस्टम फेल है. कहां से कोई काम सही तरीके से चलेगा?
वहीं अन्य लोगों ने भी योगी सरकार को मुगलसराय में विकास के मुद्दे पर फेल बताया. मुगलसराय में कोई काम न किए जाने का आरोप विधायक साधना सिंह पर लगाया. यहां सकलडीहा मुख्य मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं. उन्होंने कहा की योगी जी की सरकार ने जिले के लिए किया ही क्या है? आगामी विधानसभा चुनाव में बदलाव जरूर आएगा.
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ईटीवी भारत की टीम जब आगे बढ़ी तो एक अन्य व्यक्ति ने बात करते हुए कहा कि हर बार की तरह मुद्दा तो विकास का ही होगा, लेकिन विकास होता कहां है. महंगाई चरम पर है. कुछ ही दूरी पर मवई गांव है. एक बार वहां की भी तस्वीर देख लीजिए. सड़कें खस्ताहाल हो चुकी हैं. गांव को जोड़ने वाला मुख्य संपर्क मार्ग गड्ढों में तब्दील हो गया है. बारिश को चार से ज्यादा दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी भी वहां घुटने भर पानी भरा है. योगी जी सिर्फ गड्ढामुक्त सड़क का आश्वासन दे रहे हैं, लेकिन हुआ कुछ नहीं.