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रोका गया मांटीगांव शिव मंदिर में उत्खनन कार्य, मिल चुके हैं प्राचीनतम सामान - excavation work in montigaon shiva temple

चन्दौली के माटी गांव स्थित प्राचीन शिव मंदिर परिसर में चल रही खुदाई में पुरातत्व विभाग को अब तक चांदी के 5 सूक्ष्म मनके, खंडित प्राचीनतम कुषाण काल की मूर्तियां समेत अन्य चीजें मिली हैं. बहरहाल, होली त्योहार के मद्देनजर विभाग ने गुरुवार से उत्खनन कार्य स्थगित करने का फैसला लिया है.

मांटीगांव शिव मंदिर में उत्खनन कार्य स्थगित.
मांटीगांव शिव मंदिर में उत्खनन कार्य स्थगित.
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Published : Mar 26, 2021, 9:46 AM IST

चन्दौली: काशी हिंदू विश्वविद्यालय पुरातत्व विभाग द्वारा माटीगांव स्थित प्राचीन शिव मंदिर पर उत्खनन कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है. बुधवार को खुदाई में प्राचीनतम मिट्टी के पात्र पाए गए हैं. इसके पूर्व खुदाई में खंडित प्राचीनतम कुषाण काल की मूर्तियां भी पुरातत्व विभाग को प्राप्त हुई हैं. हालांकि होली त्योहार के मद्देनजर विभाग ने गुरुवार से उत्खनन कार्य स्थगित रहेगा.

करीब 17 सौ वर्ष पुराना है मंदिर का इतिहास
बता दें कि मंगलवार को खुदाई के दौरान पूजा-पाठ संबंधी तीन छोटे घड़े (घरिये) मिले हैं, जिनमें से एक पात्र में चांदी के 5 सूक्ष्म मनके, एक अन्य मनका तथा तांबे का एक टुकड़ा भी मिला. उत्खनन कार्य के सलाहकार प्रोफेसर अनिल कुमार दुबे ने बताया कि खुदाई में मिल रहे पात्रों से यह ज्ञात हो रहा है कि मंदिर की प्राचीनता लगभग 16 सौ से 17 सौ वर्ष पुरानी है, जिसमें भारत के प्राचीनतम मंदिरों में इस शिव मंदिर होने का प्रमाण मिला है.

इसे भी पढ़ें-चन्दौली के माटीगांव में खोदाई के दौरान पुरातत्व टीम को मिली प्राचीन दीवार

30 मार्च से दोबारा होगा खनन
उत्खनन कार्य के निदेशक डॉ. विनय कुमार ने बताया कि होली पर्व को देखते हुए उत्खनन कार्य कुछ दिनों के लिए रोका जा रहा है. दोबारा 30 मार्च से उत्खनन कार्य शुरू कराया जाएगा.

चन्दौली: काशी हिंदू विश्वविद्यालय पुरातत्व विभाग द्वारा माटीगांव स्थित प्राचीन शिव मंदिर पर उत्खनन कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है. बुधवार को खुदाई में प्राचीनतम मिट्टी के पात्र पाए गए हैं. इसके पूर्व खुदाई में खंडित प्राचीनतम कुषाण काल की मूर्तियां भी पुरातत्व विभाग को प्राप्त हुई हैं. हालांकि होली त्योहार के मद्देनजर विभाग ने गुरुवार से उत्खनन कार्य स्थगित रहेगा.

करीब 17 सौ वर्ष पुराना है मंदिर का इतिहास
बता दें कि मंगलवार को खुदाई के दौरान पूजा-पाठ संबंधी तीन छोटे घड़े (घरिये) मिले हैं, जिनमें से एक पात्र में चांदी के 5 सूक्ष्म मनके, एक अन्य मनका तथा तांबे का एक टुकड़ा भी मिला. उत्खनन कार्य के सलाहकार प्रोफेसर अनिल कुमार दुबे ने बताया कि खुदाई में मिल रहे पात्रों से यह ज्ञात हो रहा है कि मंदिर की प्राचीनता लगभग 16 सौ से 17 सौ वर्ष पुरानी है, जिसमें भारत के प्राचीनतम मंदिरों में इस शिव मंदिर होने का प्रमाण मिला है.

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30 मार्च से दोबारा होगा खनन
उत्खनन कार्य के निदेशक डॉ. विनय कुमार ने बताया कि होली पर्व को देखते हुए उत्खनन कार्य कुछ दिनों के लिए रोका जा रहा है. दोबारा 30 मार्च से उत्खनन कार्य शुरू कराया जाएगा.

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