चंदौली: सरकार कृषि को तकनीकी से जोड़कर अधिक उत्पादन के साथ ही किसानों की आय बढ़ाने की कवायद में जुटी है. इसके चलते अब ड्रोन के जरिए खेती को आसान बनाने की पहल की जा रही है. इसे बढ़ावा देने के लिए ड्रोन की खरीद करने वाले एफपीओ व स्वयंसेवी संस्थाओं को सौ फीसदी तक वित्तीय सहायता दिलाने की व्यवस्था की गई है. इच्छुक संस्थाओं को इसके लिए कृषि विभाग में आवेदन करना होगा.
दरअसल, शासन स्तर से किसानों को ड्रोन के जरिए दवा के छिड़काव व अन्य तरह से खेती में इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षण और प्रदर्शन का निर्देश दिया गया है. स्वयंसेवी संस्थाएं या एफपीओ इसकी खरीद कर सकती हैं. इसके लिए संस्थाओं को आवेदन करना होगा. ड्रोन की खरीद पर सौ फीसदी तक वित्तीय सहायता मिलेगी.
गौरतलब है कि खेत में खड़ी फसल में दवा व खाद का छिड़काव करने में किसानों को दिक्कत होती है. इसमें श्रम अधिक लगता है लेकिन परिणाम उतने अच्छे नहीं होते हैं. ऐसे में ड्रोन तकनीक काफी कारगर साबित हो रही है. ड्रोन खेत के ऊपर उड़कर दवा का छिड़काव करता है. इसे रिमोट के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है. इससे कम समय में अधिक काम होता है. काम में सहूलियत भी होती है. फिलहाल, कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से प्रयोग के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.
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कृषि उपनिदेशक ने बताया कि स्वयंसेवी संस्थाओं व एफपीओ के साथ ही कृषि से स्नातक की डिग्री हासिल कर चुके युवा भी विभाग की इस मुहिम से जुड़ सकते हैं. उन्हें ड्रोन खरीदने के लिए पांच लाख तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. उन्हें इस काम को करने के तरीके व तकनीक के बारे में किसानों को प्रशिक्षित करना होगा.
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