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अधिवक्ताओं की जिला प्रशासन को चेतावनी, कहा- 10 दिन में न्यायालय निर्माण नहीं तो करेंगे बड़ा आंदोलन

चंदौली में न्यायालय निर्माण को लेकर डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार एसोसिएशन दो दिवसीय सांकेतिक धरना-प्रदर्शन शनिवार को कड़ी चेतावनी के साथ समाप्त हुआ. इस दौरान अधिवक्ताओं ने एक बार फिर जिला प्रशासन की उदासीनता व लापरवाही पर सवाल खड़े किए. साथ ही जिला प्रशासन को

अधिवक्ताओं का आंदोलन स्थगित
अधिवक्ताओं का आंदोलन स्थगित
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Published : Apr 4, 2021, 1:39 PM IST

चंदौली: न्यायालय निर्माण को लेकर डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार एसोसिएशन दो दिवसीय सांकेतिक धरना-प्रदर्शन शनिवार को कड़ी चेतावनी के साथ समाप्त हुआ. इस दौरान अधिवक्ताओं ने एक बार फिर जिला प्रशासन की उदासीनता व लापरवाही पर सवाल खड़े किए. मौके पर पहुंचे एसडीएम सदर व तहसीलदार को मांग पत्र देकर चेतावनी दी कि 10 दिनों के अंदर यदि न्यायालय निर्माण कार्य आरंभ नहीं हुआ, तो अधिवक्ता बड़ा आंदोलन करेंगे. अधिवक्ताओं के आंदोलन को सपोर्ट करने हाईकोर्ट से पहुंचे वरिस्टर सिंह ने समर्थन किया और कहा कि यदि जिला प्रशासन नहीं चेता तो इस लड़ाई को यूपी का एक-एक वकील लड़ेगा.

न्यायालय निर्माण समेत अन्य कार्यालय का संचालन हो शुरू

डेमोक्रेटिक बार के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद पाठक ने मांग की कि जनपद न्यायालय व उससे संबंधित अधिवक्ता भवन, वादकारी शेड आदि के निर्माण के लिए तत्काल आवश्यक भूमि की रजिस्ट्री कराकर जनपद न्यायालय भवन का निर्माण प्रारंभ किया जाय. इसके अलावा जनपद से संबंधित वाणिज्य कर कार्यालय, परिवहन कार्यालय व चकबंदी न्यायालय आदि का संचालन चंदौली मुख्यालय से ही किया जाय. लम्बे अर्से से रोडवेज स्टैण्ड एवं रोडवेज बस का संचालन जो अधर में लटका है उसका संचालन तत्काल जनपद मुख्यालय से कराया जाय.

जिले के अस्तित्व व विकास से जुड़ा है संघर्ष

इस दौरान सिविल बार महामंत्री धनंजय कुमार सिंह ने कहा कि यह लड़ाई किसी व्यक्ति व संस्था की नहीं है. यह जिले के विकास व उसके अस्तित्व से जुड़ा संघर्ष है. जिला प्रशासन अब अपनी लापरवाही से बाज आए और जनपद न्यायालय निर्माण के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए उसे मुकम्मल करे, अन्यथा परिणाम अत्यंत घातक होगा.

प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता का परिणाम

सिविल बार उपाध्यक्ष संदीप सिंह यादव ने कहा कि जिला प्रशासन की लापरवाही व उदासीनता के कारण आज जनपद में न्यायालय जर्जर कमरों में संचालित है, और अधिवक्ता सुविधाओं के अभाव में वादकारियों को न्याय दिलाने का काम कर रहे हैं. लेकिन जिला प्रशासन व स्थानीय जननेता अधिवक्ताओं की जायज मांग को पूरा करने में नाकाम है.

एसडीएम ने उचित कार्रवाई का दिया भरोसा

वहीं अन्त में पहुंचे एसडीएम सदर व तहसीलदार ने अधिवक्ताओं का मांग-पत्र लिया और भरोसा दिया की जिला प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा.

चंदौली: न्यायालय निर्माण को लेकर डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार एसोसिएशन दो दिवसीय सांकेतिक धरना-प्रदर्शन शनिवार को कड़ी चेतावनी के साथ समाप्त हुआ. इस दौरान अधिवक्ताओं ने एक बार फिर जिला प्रशासन की उदासीनता व लापरवाही पर सवाल खड़े किए. मौके पर पहुंचे एसडीएम सदर व तहसीलदार को मांग पत्र देकर चेतावनी दी कि 10 दिनों के अंदर यदि न्यायालय निर्माण कार्य आरंभ नहीं हुआ, तो अधिवक्ता बड़ा आंदोलन करेंगे. अधिवक्ताओं के आंदोलन को सपोर्ट करने हाईकोर्ट से पहुंचे वरिस्टर सिंह ने समर्थन किया और कहा कि यदि जिला प्रशासन नहीं चेता तो इस लड़ाई को यूपी का एक-एक वकील लड़ेगा.

न्यायालय निर्माण समेत अन्य कार्यालय का संचालन हो शुरू

डेमोक्रेटिक बार के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद पाठक ने मांग की कि जनपद न्यायालय व उससे संबंधित अधिवक्ता भवन, वादकारी शेड आदि के निर्माण के लिए तत्काल आवश्यक भूमि की रजिस्ट्री कराकर जनपद न्यायालय भवन का निर्माण प्रारंभ किया जाय. इसके अलावा जनपद से संबंधित वाणिज्य कर कार्यालय, परिवहन कार्यालय व चकबंदी न्यायालय आदि का संचालन चंदौली मुख्यालय से ही किया जाय. लम्बे अर्से से रोडवेज स्टैण्ड एवं रोडवेज बस का संचालन जो अधर में लटका है उसका संचालन तत्काल जनपद मुख्यालय से कराया जाय.

जिले के अस्तित्व व विकास से जुड़ा है संघर्ष

इस दौरान सिविल बार महामंत्री धनंजय कुमार सिंह ने कहा कि यह लड़ाई किसी व्यक्ति व संस्था की नहीं है. यह जिले के विकास व उसके अस्तित्व से जुड़ा संघर्ष है. जिला प्रशासन अब अपनी लापरवाही से बाज आए और जनपद न्यायालय निर्माण के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए उसे मुकम्मल करे, अन्यथा परिणाम अत्यंत घातक होगा.

प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता का परिणाम

सिविल बार उपाध्यक्ष संदीप सिंह यादव ने कहा कि जिला प्रशासन की लापरवाही व उदासीनता के कारण आज जनपद में न्यायालय जर्जर कमरों में संचालित है, और अधिवक्ता सुविधाओं के अभाव में वादकारियों को न्याय दिलाने का काम कर रहे हैं. लेकिन जिला प्रशासन व स्थानीय जननेता अधिवक्ताओं की जायज मांग को पूरा करने में नाकाम है.

एसडीएम ने उचित कार्रवाई का दिया भरोसा

वहीं अन्त में पहुंचे एसडीएम सदर व तहसीलदार ने अधिवक्ताओं का मांग-पत्र लिया और भरोसा दिया की जिला प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा.

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