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Chandauli में गरजा वन विभाग का बुलडोजर, 200 बीघा वन भूमि कब्जा मुक्त

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Published : Jan 29, 2023, 10:02 PM IST

चंदौली में केवला खाड़ जंगल में वन विभाग की टीम ने अभियान चलाकर 200 बीघा जमीन को कब्जामुक्त कराया है.

वन विभाग का बुलडोजर
वन विभाग का बुलडोजर

चंदौली: चकिया तहसील क्षेत्र के भभोरा ग्राम सभा अंतर्गत केवला खाड़ जंगल में वन विभाग की टीम ने अभियान चलाते हुए 50 एकड़ जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया. पुलिस और पीएसी बल की मौजूदगी में तीन ओर से जेसीबी लगाकर सुरक्षा में खाई खुदवाने का काम शुरू करा दिया गया है. इस दौरान वन क्षेत्र में स्थित वनवासी समुदाय की दो दर्जन से अधिक झोपड़ियों को भी तोड़ दिया गया. फसलों को भी आंशिक रूप से नुकसान हुआ. वहीं, वन विभाग की कार्रवाई से स्थानीय किसानों में जबर्दस्त आक्रोश व्याप्त है. कुछ किसानों ने विरोध भी किया, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी.

200 बीघा वन भूमि कब्जा मुक्त
200 बीघा वन भूमि कब्जा मुक्त
किसानों का आरोप है कि जिस जमीन पर वन विभाग द्वारा कार्रवाई की गई है. उस पर कोर्ट से रोक लगी है. आदेश की कॉपी दिखाए जाने के बावजूद वन विभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई की. दरअसल चकिया तहसील अंतर्गत अधिकांश वन भूमि पर कई वर्षो से वनवासी समेत स्थानीय लोग कृषि आदि कार्य कर अपना जीवन यापन करते हैं. आदिवासी समुदाय के दर्जनभर से अधिक लोगों की झोपड़ियां भी उक्त जमीन पर मौजूद थीं. जिस पर वन विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है. वहीं, सरसों व अरहर की खड़ी फसल को भी नष्ट कर दिया गया, जिसको लेकर जबरदस्त आक्रोश व्याप्त हो गया है.
वन विभाग और किसानों की अपनी-अपनी की दलील: चकिया रेंजर योगेश सिंह ने बताया कि शासन के आदेश पर आरक्षित वन भूमि पर सुरक्षा खाई खोदी जा रही है. अतिक्रमणकारियों को पूर्व में नोटिस भी जारी की जा चुकी है. मौके पर मौजूद किसान नारायण दास ने बताया कि उक्त भूमि पर 1997 में माननीय सिविल जज जूनियर डिविजन द्वारा स्टे आर्डर दिया गया था और मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों को आदेश की कापी भी दिखाई गई. इसके बावजूद भारी संख्या में पुलिस कर्मियों की उपस्थिति में विभाग द्वारा सुरक्षा खाई खोदी गई है. विभाग की कार्यवाही से स्थानीय किसानों समेत वनवासियों में हड़कंप मचा हुआ है.

चंदौली: चकिया तहसील क्षेत्र के भभोरा ग्राम सभा अंतर्गत केवला खाड़ जंगल में वन विभाग की टीम ने अभियान चलाते हुए 50 एकड़ जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया. पुलिस और पीएसी बल की मौजूदगी में तीन ओर से जेसीबी लगाकर सुरक्षा में खाई खुदवाने का काम शुरू करा दिया गया है. इस दौरान वन क्षेत्र में स्थित वनवासी समुदाय की दो दर्जन से अधिक झोपड़ियों को भी तोड़ दिया गया. फसलों को भी आंशिक रूप से नुकसान हुआ. वहीं, वन विभाग की कार्रवाई से स्थानीय किसानों में जबर्दस्त आक्रोश व्याप्त है. कुछ किसानों ने विरोध भी किया, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी.

200 बीघा वन भूमि कब्जा मुक्त
200 बीघा वन भूमि कब्जा मुक्त
किसानों का आरोप है कि जिस जमीन पर वन विभाग द्वारा कार्रवाई की गई है. उस पर कोर्ट से रोक लगी है. आदेश की कॉपी दिखाए जाने के बावजूद वन विभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई की. दरअसल चकिया तहसील अंतर्गत अधिकांश वन भूमि पर कई वर्षो से वनवासी समेत स्थानीय लोग कृषि आदि कार्य कर अपना जीवन यापन करते हैं. आदिवासी समुदाय के दर्जनभर से अधिक लोगों की झोपड़ियां भी उक्त जमीन पर मौजूद थीं. जिस पर वन विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है. वहीं, सरसों व अरहर की खड़ी फसल को भी नष्ट कर दिया गया, जिसको लेकर जबरदस्त आक्रोश व्याप्त हो गया है.
वन विभाग और किसानों की अपनी-अपनी की दलील: चकिया रेंजर योगेश सिंह ने बताया कि शासन के आदेश पर आरक्षित वन भूमि पर सुरक्षा खाई खोदी जा रही है. अतिक्रमणकारियों को पूर्व में नोटिस भी जारी की जा चुकी है. मौके पर मौजूद किसान नारायण दास ने बताया कि उक्त भूमि पर 1997 में माननीय सिविल जज जूनियर डिविजन द्वारा स्टे आर्डर दिया गया था और मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों को आदेश की कापी भी दिखाई गई. इसके बावजूद भारी संख्या में पुलिस कर्मियों की उपस्थिति में विभाग द्वारा सुरक्षा खाई खोदी गई है. विभाग की कार्यवाही से स्थानीय किसानों समेत वनवासियों में हड़कंप मचा हुआ है.
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