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मिलों ने नहीं किया भुगतान, कैसे घुलेगी गन्ना किसानों के जीवन में मिठास

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में संचालित चार चीनी मिलें योगी सरकार की मंशा पर बट्टा लगाने का काम कर रही हैं. इन चीनी मिलों द्वारा पिछले तीन महीने में अभी तक महज 40 फीसदी राशि का भुगतान किया गया है, जिससे गन्ना किसानों के सामने अन्य फसलों की जुताई और बुवाई के लिए आर्थिक समस्या खड़ी हो गई है. देखिए ये खास रिपोर्ट...

special story on sugarcane farmer of moradabad
गन्ना किसानों ने नहीं किया भुगतान
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Published : Jan 21, 2021, 7:29 PM IST

मुरादाबाद : एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर सक्रिय नजर आते हैं, वहीं दूसरी तरफ चीनी मिलें उनकी मंशा पर बट्टा लगाने का काम कर रही हैं. मुरादाबाद जिले में चार चीनी मिलें स्थित हैं, जो पिछले तीन महीने से गन्ना पेराई कर रही हैं, लेकिन अभी तक उनके द्वारा महज 40 फीसदी राशि का भुगतान किया जा सका है. इससे गन्ना किसानों के सामने अन्य फसलों की जुताई और बुवाई के लिए आर्थिक समस्या खड़ी हो रही है. चीनी मिलें किसानों के पैसे पर कुंडली मारकर बैठी हुई हैं.

special story on sugarcane farmer of moradabad
खेत में काम करते गन्ना किसान.

क्या कहते हैं जिले के गन्ना किसान

ईटीवी भारत की टीम ने अगवानपुर के इस्लामनगर रामपुरा के किसानों से बातचीत की. किसानों ने बताया कि चीनी मिल चलते हुए तो 3 महीने हो चुके हैं, लेकिन भुगतान की समस्या अभी जस की तस बनी हुई है. हमारे पास अभी एक भी पर्ची का भुगतान नहीं हुआ है. अन्य चीनी मिलें भुगतान कर रही हैं, लेकिन अगवानपुर चीनी मिल भुगतान करने में सबसे फिसड्डी है.

स्पेशल रिपोर्ट...

'गन्ने की फसल पर ही हैं निर्भर'

किसानों ने अपनी समस्याओं के बारे में बात करते हुए कहा कि हमें अगर समय से भुगतान नहीं मिलता है तो हम अपने अन्य फसलों की बुवाई में पीछे रह जाते हैं. इस कारण काफी नुकसान झेलना पड़ता है. वहीं, अगर घर में कोई मांगलिक काम करना हो तब भी परेशानी होती है, क्योंकि हम लोग गन्ने की फसलों पर ही निर्भर हैं. इसलिए साल भर मेहनत करके इसे उगाते हैं और जब पैसा मिलने का समय आता है तो चीनी मिलें हमें देरी से भुगतान करती हैं. उनका कहना है कि योगी सरकार जहां एक तरफ कह रही है कि 14 दिन में किसानों के पैसे का भुगतान करवा दिया जाएगा, वहीं चीनी मिलें तीन-तीन महीने हमारे पैसों का भुगतान नहीं करतीं.

क्या कहते हैं चीनी मिलों के आंकड़े

मुरादाबाद जिले में स्थित चारों चीनी मिलों द्वारा गन्ना पेराई की क्षमता 24 हजार टीसीडी है, जिनमें अब तक 145.81 लाख कुंतल गन्ना खरीदा जा चुका है. वहीं चारों चीनी मिलों द्वारा अब तक 145.54 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की जा चुकी है. अगर कुल चीनी उत्पादन को देखा जाए तो चारों चीनी मिलों द्वारा अब तक 14.49 लाख कुंतल चीनी का उत्पादन किया जा चुका है.

special story on sugarcane farmer of moradabad
गन्ना किसान.

38 हजार 235 लाख रुपये बकाया

अब तक सभी चीनी मिलों द्वारा मुरादाबाद के किसानों से 46 हजार 875 लाख रुपये के गन्ने की खरीदारी की गई है. जबकि 15 जनवरी तक के बकाया राशि की बात की जाए तो 38 हजार 235 लाख रुपये अभी तक कुल बकाया है. अगर अब तक किसानों को किए गए पेमेंट की बात की जाए तो जिले की सभी चीनी मिलों द्वारा 14 हजार 278 लाख रुपये का भी पेमेंट किया गया है.

क्या कहते हैं सरकार के आंकडे़

योगी सरकार के 14 दिनों में गन्ना मूल्य के भुगतान के वादे के मुताबिक जिले के किसानों को 23 हजार 957 लाख रुपये का पेमेंट बताया जा चुका है या प्रोसेस में है. अगर कुल पेमेंट को इस तरह जोड़ लिया जाए तो 37.34 फीसदी पेमेंट ही चीनी मिलें अब तक किसानों को कर सकीं हैं. जिले की अगवानपुर चीनी मिल 20.73 प्रतिशत के साथ किसानों को गन्ना मूल्य के भुगतान करने में सबसे फिसड्डी साबित हो रही है. जबकि बेलवारा चीनी मिल ने अब तक 23.12 प्रतिशत पेमेंट किसानों को कर दिया है. वहीं, बिलारी चीनी मिल द्वारा 24.88 प्रतिशत पैसे का पेमेंट किया जा चुका है. वहीं रानी नांगल मिल अब तक 14 दिवसीय भुगतान चक्र में 73.33 फीसदी राशि का भुगतान किसानों को कर चुकी है.

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जिला गन्ना अधिकारी.

एक करोड़ 45 लाख कुंतल गन्ने की हुई पेराई

गन्ना किसानों के भुगतान के संबंध में जिला गन्ना अधिकारी डॉक्टर अजय सिंह ने बताया कि जनपद में कुल 4 चीनी मिल हैं, जिनसे जनपद के लगभग एक लाख 30 हजार किसान जुड़े हुए हैं. इन चीनी मिलों को एक लाख 10 हजार गन्ना किसान चीनी मिलों को गन्ने की आपूर्ति करते हैं. जनपद में 3.50 करोड़ कुंतल गन्ने की पेराई पिछले वर्ष में की गई थी. जबकि इस वर्ष लक्ष्य को अधिक किया गया है, जो तकरीबन 4 करोड़ कुंतल के आसपास है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष लगभग एक करोड़ 45 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की जा चुकी है. हमने किसानों का अभी तक तकरीबन 14 दिनों में होने वाले भुगतान का लगभग 40 प्रतिशत भुगतान करवा दिया है. जबकि पिछले वर्ष का शत प्रतिशत भुगतान पहले ही हो चुका है.

'दो अरब रुपये का भुगतान बकाया'

डॉ. अजय सिंह ने कहा कि इस बार गन्ना किसानों को अभी तक 142 करोड़ रुपये का पेमेंट किया जा चुका है. वहीं, अभी तक तकरीबन 2 अरब रुपये का भुगतान बकाया है. उन्होंने बताया कि गन्ना मिलों द्वारा जल्द से जल्द किसानों के बकाये का भुगतान कराने के लिए गन्ना आयुक्त द्वारा नोटिस जारी किया जा चुका है. जबकि जिला अधिकारी ने भी गन्ना मिलों को भुगतान जल्द से जल्द करने का निर्देश दिया है.

मुरादाबाद : एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर सक्रिय नजर आते हैं, वहीं दूसरी तरफ चीनी मिलें उनकी मंशा पर बट्टा लगाने का काम कर रही हैं. मुरादाबाद जिले में चार चीनी मिलें स्थित हैं, जो पिछले तीन महीने से गन्ना पेराई कर रही हैं, लेकिन अभी तक उनके द्वारा महज 40 फीसदी राशि का भुगतान किया जा सका है. इससे गन्ना किसानों के सामने अन्य फसलों की जुताई और बुवाई के लिए आर्थिक समस्या खड़ी हो रही है. चीनी मिलें किसानों के पैसे पर कुंडली मारकर बैठी हुई हैं.

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खेत में काम करते गन्ना किसान.

क्या कहते हैं जिले के गन्ना किसान

ईटीवी भारत की टीम ने अगवानपुर के इस्लामनगर रामपुरा के किसानों से बातचीत की. किसानों ने बताया कि चीनी मिल चलते हुए तो 3 महीने हो चुके हैं, लेकिन भुगतान की समस्या अभी जस की तस बनी हुई है. हमारे पास अभी एक भी पर्ची का भुगतान नहीं हुआ है. अन्य चीनी मिलें भुगतान कर रही हैं, लेकिन अगवानपुर चीनी मिल भुगतान करने में सबसे फिसड्डी है.

स्पेशल रिपोर्ट...

'गन्ने की फसल पर ही हैं निर्भर'

किसानों ने अपनी समस्याओं के बारे में बात करते हुए कहा कि हमें अगर समय से भुगतान नहीं मिलता है तो हम अपने अन्य फसलों की बुवाई में पीछे रह जाते हैं. इस कारण काफी नुकसान झेलना पड़ता है. वहीं, अगर घर में कोई मांगलिक काम करना हो तब भी परेशानी होती है, क्योंकि हम लोग गन्ने की फसलों पर ही निर्भर हैं. इसलिए साल भर मेहनत करके इसे उगाते हैं और जब पैसा मिलने का समय आता है तो चीनी मिलें हमें देरी से भुगतान करती हैं. उनका कहना है कि योगी सरकार जहां एक तरफ कह रही है कि 14 दिन में किसानों के पैसे का भुगतान करवा दिया जाएगा, वहीं चीनी मिलें तीन-तीन महीने हमारे पैसों का भुगतान नहीं करतीं.

क्या कहते हैं चीनी मिलों के आंकड़े

मुरादाबाद जिले में स्थित चारों चीनी मिलों द्वारा गन्ना पेराई की क्षमता 24 हजार टीसीडी है, जिनमें अब तक 145.81 लाख कुंतल गन्ना खरीदा जा चुका है. वहीं चारों चीनी मिलों द्वारा अब तक 145.54 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की जा चुकी है. अगर कुल चीनी उत्पादन को देखा जाए तो चारों चीनी मिलों द्वारा अब तक 14.49 लाख कुंतल चीनी का उत्पादन किया जा चुका है.

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गन्ना किसान.

38 हजार 235 लाख रुपये बकाया

अब तक सभी चीनी मिलों द्वारा मुरादाबाद के किसानों से 46 हजार 875 लाख रुपये के गन्ने की खरीदारी की गई है. जबकि 15 जनवरी तक के बकाया राशि की बात की जाए तो 38 हजार 235 लाख रुपये अभी तक कुल बकाया है. अगर अब तक किसानों को किए गए पेमेंट की बात की जाए तो जिले की सभी चीनी मिलों द्वारा 14 हजार 278 लाख रुपये का भी पेमेंट किया गया है.

क्या कहते हैं सरकार के आंकडे़

योगी सरकार के 14 दिनों में गन्ना मूल्य के भुगतान के वादे के मुताबिक जिले के किसानों को 23 हजार 957 लाख रुपये का पेमेंट बताया जा चुका है या प्रोसेस में है. अगर कुल पेमेंट को इस तरह जोड़ लिया जाए तो 37.34 फीसदी पेमेंट ही चीनी मिलें अब तक किसानों को कर सकीं हैं. जिले की अगवानपुर चीनी मिल 20.73 प्रतिशत के साथ किसानों को गन्ना मूल्य के भुगतान करने में सबसे फिसड्डी साबित हो रही है. जबकि बेलवारा चीनी मिल ने अब तक 23.12 प्रतिशत पेमेंट किसानों को कर दिया है. वहीं, बिलारी चीनी मिल द्वारा 24.88 प्रतिशत पैसे का पेमेंट किया जा चुका है. वहीं रानी नांगल मिल अब तक 14 दिवसीय भुगतान चक्र में 73.33 फीसदी राशि का भुगतान किसानों को कर चुकी है.

special story on sugarcane farmer of moradabad
जिला गन्ना अधिकारी.

एक करोड़ 45 लाख कुंतल गन्ने की हुई पेराई

गन्ना किसानों के भुगतान के संबंध में जिला गन्ना अधिकारी डॉक्टर अजय सिंह ने बताया कि जनपद में कुल 4 चीनी मिल हैं, जिनसे जनपद के लगभग एक लाख 30 हजार किसान जुड़े हुए हैं. इन चीनी मिलों को एक लाख 10 हजार गन्ना किसान चीनी मिलों को गन्ने की आपूर्ति करते हैं. जनपद में 3.50 करोड़ कुंतल गन्ने की पेराई पिछले वर्ष में की गई थी. जबकि इस वर्ष लक्ष्य को अधिक किया गया है, जो तकरीबन 4 करोड़ कुंतल के आसपास है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष लगभग एक करोड़ 45 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की जा चुकी है. हमने किसानों का अभी तक तकरीबन 14 दिनों में होने वाले भुगतान का लगभग 40 प्रतिशत भुगतान करवा दिया है. जबकि पिछले वर्ष का शत प्रतिशत भुगतान पहले ही हो चुका है.

'दो अरब रुपये का भुगतान बकाया'

डॉ. अजय सिंह ने कहा कि इस बार गन्ना किसानों को अभी तक 142 करोड़ रुपये का पेमेंट किया जा चुका है. वहीं, अभी तक तकरीबन 2 अरब रुपये का भुगतान बकाया है. उन्होंने बताया कि गन्ना मिलों द्वारा जल्द से जल्द किसानों के बकाये का भुगतान कराने के लिए गन्ना आयुक्त द्वारा नोटिस जारी किया जा चुका है. जबकि जिला अधिकारी ने भी गन्ना मिलों को भुगतान जल्द से जल्द करने का निर्देश दिया है.

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