मुरादाबाद: जिले के डिलारी विकासखंड से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग ने गांव की सड़क बनवाने का टेंडर निकाला तो उसी समय लोक निर्माण सेवा विभाग ने भी उसी सड़क का लाखों की राशि का रिपेयरिंग का टेंडर निकाल दिया.
क्या है पूरा मामला
डिलारी विकास खण्ड में आने वाले गांव पीलखपुर से बमनिया पट्टी तक की सड़क प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग द्वारा बनवाई गई. सड़क का नियमानुसार टेंडर 27 दिसम्बर 2017 को निकाला गया और सड़क बनवाने का कार्य 28 मार्च 2018 को पूर्ण किया गया. इसे बनाने की लागत 19 लाख 76 हजार रुपये मंजूर हुई, जिसका बोर्ड भी विभाग द्वारा सम्पूर्ण जानकारी के साथ लगा दिया गया.
वहीं चौंकाने वाली बात ये है कि जो सड़क अभी बनकर तैयार ही नहीं हुई, उसी सड़क पर 20 मार्च 2018 को लोक निर्माण विभाग ने भी बमनिया पट्टी से पीलखपुर की सड़क की मरम्मत का टेंडर निकाल दिया. यानी अभी ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग द्वारा बनवाई जा रही सड़क के बनने में 8 दिन बाकी है और पीडब्लूडी द्वारा भी उसी सड़क की मरम्मत का टेंडर 43.50 लाख रुपये की लागत से निकाल दिया गया.
इसे भी पढ़ें- बाराबंकी: आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले दारोगा को हटाया, जांच शुरू
सहायक अभियंता ने दी जानकारी
जब सड़क निर्माण के मामले की जानकारी ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के सहायक अभियंता विनय कुमार से ली गयी तो उन्होंने बताया कि ये सड़क उनके विभाग द्वारा 19.76 लाख की लागत से बनवाई गयी है. जिसका बोर्ड कार्य प्रारंभ होने वाले स्थान पर लगा हुआ है. सड़क अब पीडब्ल्यूडी को सौंप दी गयी है. उन्होंने इस बाबत अभिलेख भी दिखाए.
उन्होंने कहा कि जब तक सड़क को हम पीडब्लूडी को नहीं सौंप देते तब तक उस सड़क पर कोई मरम्मत का कार्य पीडब्लूडी विभाग नहीं करा सकता. क्योंकि एक साल तक सड़क में मरम्मत कराने की जिम्मेदारी ठेकेदार की है. यह सड़क हमारे विभाग द्वारा बनवाई गई है. पीडब्लूडी ने इस सड़क पर कोई कार्य नहीं कराया है.
इसे भी पढ़ें- खतरे में है इस ऐतिहासिक पुस्तकालय का अस्तित्व, सुभाष चंद्र बोस बनाते थे यहां आजादी की रणनीति
अधिशासी अभियंता ने बताया कि-
जब पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता लक्ष्मी नारायण से इस बाबत बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमारे विभाग ने बमनिया पट्टी से सरकड़ा तक की सड़क बनवाई है. पीछे की सड़क ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग द्वारा बनवाई गई है. उस पर हमारे द्वारा कोई कार्य नहीं किया गया. जबकि टेंडर में मरम्मत का कार्य पीलखपुर से बमनिया पट्टी दर्शाया गया है. अगर ऐसा कोई मामला है तो इस मामले की जांच करवाई जाएगी. जांच के बाद ही बता सकते हैं कि जो पेमेंट निर्माण कार्य के नाम पर निकाल ली गयी है उससे रिकवरी की जाएगी या नहीं. वहीं अपने विभाग के इस घोटाले पर अधिशासी अभियंता कोई संतोषजनक बात न बताते हुए जांच की बात कह रहे हैं.