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मुरादाबाद: उत्तराखंड के 22 रेलवे स्टेशनों के नाम संस्कृत में लिखेगा रेलवे - संस्कृत में लिखे जाएंगे रेलवे स्टेशन के नाम

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के मंडल में उत्तराखंड के 22 रेलवे स्टेशन आते हैं. इन रेलवे स्टेशनों के नाम अब संस्कृत में भी लिखी जाएगी. उत्तराखंड सरकार ने 2010 में संस्कृत को दूसरी राजकीय भाषा के तौर पर दर्जा दिया जिसके तहत यह कार्य किया जा रहा है.

22 स्टेशनों के संस्कृत में लिखे जाएंगे नाम
22 स्टेशनों के संस्कृत में लिखे जाएंगे नाम
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Published : Jan 20, 2020, 6:32 PM IST

मुरादाबाद: रेलवे उत्तराखंड के 22 रेलवे स्टेशनों के नाम संस्कृत में लिखने जा रहा है. इसके लिए सम्बंधित रेलवे स्टेशनों के संस्कृत नामों की जानकारी और उनकी वर्तनी स्थानीय जिला प्रशासन से मांगी गई है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक संस्कृत उत्तराखंड की दूसरी राजकीय भाषा है लिहाजा हिंदी, अंग्रेजी के साथ क्षेत्रीय भाषा में नाम लिखाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद उत्तराखण्ड ने दूसरी राजकीय भाषा के तहत संस्कृत को मान्यता दी थी. रेलवे के इस फैसले के बाद अब उर्दू में लिखे नाम उत्तराखण्ड के रेलवे स्टेशनों पर नजर नहीं आएंगे.

22 स्टेशनों के संस्कृत में लिखे जाएंगे नाम.

संस्कृत में भी लिखे जाएंगे स्टेशनों के नाम

  • उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल में उत्तराखंड के 22 रेलवे स्टेशन आते हैं.
  • रेलवे उत्तराखंड के इन 22 रेलवे स्टेशनों के नाम संस्कृत में भी लिखने की तैयारी कर रहा है.
  • इंडियन रेलवे वर्क मैनुअल के मुताबिक रेलवे स्टेशन के नाम हिंदी, अंग्रेजी के अलावा उस राज्य की राजकीय भाषा में होनी चाहिए.
  • उत्तर प्रदेश में दूसरी राजकीय भाषा उर्दू है, लिहाजा उत्तराखण्ड अलग राज्य बनने के बाद भी स्टेशनों के नाम उर्दू में भी लिखे गए थे.

संस्कृत को दूसरी राजकीय भाषा का दिया गया दर्जा

  • उत्तराखंड सरकार ने 2010 में संस्कृत को दूसरी राजकीय भाषा के तौर पर दर्जा दिया.
  • रेलवे ने राज्य सरकार से सभी स्टेशनों के संस्कृत में नाम और उनकी वर्तनी मांगी है.
  • संस्कृत में नाम लिखने के बाद उत्तराखण्ड राज्य के रेलवे स्टेशनों पर हिंदी और अंग्रेजी में भी नाम लिखे रहेंगे.
  • रेलवे ने डीएम देहरादून, हरिद्वार और कोटद्वार प्रशासन से जल्द से जल्द नाम उपलब्ध करने के लिए पत्राचार किया है.
  • रेलवे अधिकारियों के मुताबिक नामों की सूची मिलते ही इस पर कार्य शुरू कर दी जाएगी.
  • उत्तराखण्ड के रामनगर, लालकुंआ और हल्द्वानी रेलवे स्टेशन पूर्वोत्तर रेलवे के अधीन आते हैं.
  • इन स्टेशनों पर नाम बदलने की प्रक्रिया पूर्वोत्तर रेलवे संपादित करेगी.

इसे भी पढ़ें:- मुरादाबादः पुलिस वाला बनकर लूट करने वाले बदमाश गिरफ्तार

मुरादाबाद: रेलवे उत्तराखंड के 22 रेलवे स्टेशनों के नाम संस्कृत में लिखने जा रहा है. इसके लिए सम्बंधित रेलवे स्टेशनों के संस्कृत नामों की जानकारी और उनकी वर्तनी स्थानीय जिला प्रशासन से मांगी गई है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक संस्कृत उत्तराखंड की दूसरी राजकीय भाषा है लिहाजा हिंदी, अंग्रेजी के साथ क्षेत्रीय भाषा में नाम लिखाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद उत्तराखण्ड ने दूसरी राजकीय भाषा के तहत संस्कृत को मान्यता दी थी. रेलवे के इस फैसले के बाद अब उर्दू में लिखे नाम उत्तराखण्ड के रेलवे स्टेशनों पर नजर नहीं आएंगे.

22 स्टेशनों के संस्कृत में लिखे जाएंगे नाम.

संस्कृत में भी लिखे जाएंगे स्टेशनों के नाम

  • उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल में उत्तराखंड के 22 रेलवे स्टेशन आते हैं.
  • रेलवे उत्तराखंड के इन 22 रेलवे स्टेशनों के नाम संस्कृत में भी लिखने की तैयारी कर रहा है.
  • इंडियन रेलवे वर्क मैनुअल के मुताबिक रेलवे स्टेशन के नाम हिंदी, अंग्रेजी के अलावा उस राज्य की राजकीय भाषा में होनी चाहिए.
  • उत्तर प्रदेश में दूसरी राजकीय भाषा उर्दू है, लिहाजा उत्तराखण्ड अलग राज्य बनने के बाद भी स्टेशनों के नाम उर्दू में भी लिखे गए थे.

संस्कृत को दूसरी राजकीय भाषा का दिया गया दर्जा

  • उत्तराखंड सरकार ने 2010 में संस्कृत को दूसरी राजकीय भाषा के तौर पर दर्जा दिया.
  • रेलवे ने राज्य सरकार से सभी स्टेशनों के संस्कृत में नाम और उनकी वर्तनी मांगी है.
  • संस्कृत में नाम लिखने के बाद उत्तराखण्ड राज्य के रेलवे स्टेशनों पर हिंदी और अंग्रेजी में भी नाम लिखे रहेंगे.
  • रेलवे ने डीएम देहरादून, हरिद्वार और कोटद्वार प्रशासन से जल्द से जल्द नाम उपलब्ध करने के लिए पत्राचार किया है.
  • रेलवे अधिकारियों के मुताबिक नामों की सूची मिलते ही इस पर कार्य शुरू कर दी जाएगी.
  • उत्तराखण्ड के रामनगर, लालकुंआ और हल्द्वानी रेलवे स्टेशन पूर्वोत्तर रेलवे के अधीन आते हैं.
  • इन स्टेशनों पर नाम बदलने की प्रक्रिया पूर्वोत्तर रेलवे संपादित करेगी.

इसे भी पढ़ें:- मुरादाबादः पुलिस वाला बनकर लूट करने वाले बदमाश गिरफ्तार

Intro:एंकर: मुरादाबाद: रेलवे उत्तराखंड के बाइस रेलवे स्टेशनों के नाम संस्कृत में लिखने जा रहा है. इसके लिए सम्बंधित रेलवे स्टेशनों के संस्कृत नामों की जानकारी और उनकी वर्तनी स्थानीय जिला प्रशासन से मांगी गई है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक संस्कृत उत्तराखंड की दूसरी राजकीय भाषा है लिहाजा हिंदी, अंग्रेजी के साथ क्षेत्रीय भाषा में नाम लिखाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद उत्तराखण्ड ने दूसरी राजकीय भाषा के तहत संस्कृत को मान्यता दी थी. रेलवे के इस फैसले के बाद अब उर्दू में लिखे नाम उत्तराखण्ड के रेलवे स्टेशनों पर नजर नहीं आएंगे.
Body:वीओ वन: उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल में उत्तराखंड के बाइस रेलवे स्टेशन आते है जिन पर रेल संचालन की जिम्मेदारी डीआरएम कार्यालय मुरादाबाद की है. रेलवे अब उत्तराखंड के इन बाइस रेलवे स्टेशनों के नाम संस्कृत में भी लिखाने की तैयारी कर रहा है. इंडियन रेलवे वर्क मैनुअल के मुताबिक रेलवे स्टेशन के नाम हिंदी,अंग्रेजी के अलावा उस राज्य की राजकीय भाषा में होना चाहिए. उत्तर प्रदेश में दूसरी राजकीय भाषा उर्दू है लिहाजा उत्तराखण्ड अलग राज्य बनने के बाद भी स्टेशनों के नाम उर्दू में भी लिखे गए थे. उत्तराखंड सरकार ने 2010 में संस्कृत को दूसरी राजकीय भाषा के तौर पर दर्जा दिया जिसके बाद रेलवे ने अब राज्य सरकार से सभी स्टेशनों के संस्कृत में नाम और उनकी वर्तनी मांगी है.
बाईट: रेखा शर्मा: सीनियर डीसीएम मुरादाबाद मंडल

वीओ टू: संस्कृत में नाम लिखने के बाद उत्तराखण्ड राज्य के रेलवे स्टेशनों पर हिंदी और अंग्रेजी में भी नाम लिखें रहेंगे लेकिन उर्दू में लिखे नाम हटा दिए जाएंगे. रेलवे ने डीएम देहरादून,हरिद्वार और कोटद्वार प्रशासन से जल्द से जल्द नाम उपलब्ध करने के लिए पत्राचार किया है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक नामों की सूची मिलते ही इस पर कार्य शुरू कर दिया जाएगा. उत्तराखण्ड के रामनगर, लालकुंआ और हल्द्वानी रेलवे स्टेशन पूर्वोत्तर रेलवे के अधीन आते है लिहाजा उन स्टेशनों पर नाम बदलने की प्रक्रिया पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा संपादित की जाएगी.

बाईट: रेखा शर्मा: सीनियर डीसीएम मुरादाबाद मंडलConclusion:वीओ तीन: उत्तराखंड में रेल सेवाओं को विस्तार देने की योजना बना रहा रेलवे विभाग नाम परिवर्तन को रेल मैनुअल का हिस्सा बता रहा है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक सभी राज्यों में स्थानीय राजकीय भाषा में नाम लिखे गए है और उत्तराखंड में भी इसी प्रक्रिया को लागू किया जा रहा है.
भुवन चन्द्र
ईटीवी भारत
मुरादाबाद
9634544417
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