मुरादाबाद: देश भर में स्वास्थ्य कर्मियों पर बढ़ते हमलों को लेकर केंद्र सरकार ने एक कानून को मंजूरी दे दी, जिसमे स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों पर पांच लाख का जुर्माना और सात साल की सजा का प्रवधान है. मुरादाबाद में भीड़ द्वारा किये गए जानलेवा हमले में गंभीर रूप से घायल हुए डॉक्टर ने खुशी जाहिर करते हुए सरकार की मंशा हमेशा को अच्छा बताया है.
डॉक्टर और स्वास्थ कर्मियों पर हमला करने की मिलेगी सजा
केंद्र सरकार की तरफ से 123 साल पुराने माहमारी कानून 1897 में संशोधन करने के बाद राष्ट्रपति ने भी इस पर अपनी मोहर लगा दी है. डॉक्टर और स्वास्थ कर्मियों पर जानलेवा हमला करने वालों को थाने से जमानत नहीं मिल पाएगी. साथ ही पांच लाख का जुर्माना और सात साल की सजा का प्रावधान हो गया है. हमले की जांच 30 दिन में पूरी करने के साथ एक साल में सजा होगी. स्वास्थ्य कर्मी की सम्पत्ति का नुकसान हमला करने वालो से दोगुना वसूला जाएगा.
हमले का शिकार हुए डॉक्टर ने जताई खुशी
डॉक्टर और स्वास्थ कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए लागू हुए कानून से मुरादाबाद में 15 अप्रैल को लोगों की भीड़ के हमले का शिकार हुए डॉक्टर सुधीर चन्द्र अग्रवाल ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा हमेशा अच्छी ही रही है. इस प्रकार का आदेश लागू होने के बाद यह छोटे कर्मी के लिए तो निश्चित रूप से फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि वह जिंदगी दांव पर लगाकर काम करते हैं. उम्मीद है कि सरकार के इस कदम से हम सब जिस कार्य के लिए लगे हैं वो बाधित नहीं होगा.