मुरादाबाद: जिले के मझोला थाना क्षेत्र से 7 अगस्त शुक्रवार के दिन घर के बाहर खेलते समय 5 साल के बच्चे का अपहरण हो गया था. इस मामले में अपहरणकर्ताओं ने 30 लाख की फिरौती मांगी थी. 23 घंटे में पुलिस ने बच्चे को सकुशल बरामद कर परिजनों को सौंप दिया था. पुलिस ने मंगलवार को इस मामले का खुलासा किया है. मामले में बच्चे के अपहरण करने की साजिश रचने वाली मां और उसके प्रेमी को पुलिस ने 10 दिन बाद धर दबोचा.
बच्चे के अपहरण से पहले मां ने प्रेमी की कार में बैठकर सेल्फी भी ली थी. बच्चे की मां फिरौती की रकम मिलने पर प्रेमी के संग तेलंगाना में जाकर शादी करके जिम खोलने की तैयारी में थी. मां ने बच्चे को पुलिस के सामने कुछ न बताने की 15 दिन की ट्रेनिंग दी थी.
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि अपहरण की साजिश रचने वाली 5 साल के बच्चे की मां शिखा की शादी 2011 में मुरादाबाद के लाइनपार के रामलीला मैदान निवासी गौरव से हुई थी. शिखा की एक 8 साल की बेटी और एक 5 साल का बेटा है. दो साल पहले शिखा की फेसबुक पर तेलंगाना राज्य के निजामाबाद के रहने वाले अशफाक से दोस्ती हुई थी. अशफाक बिजली मिस्त्री है. यह दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई.
शिखा के पति गौरव के नाना अपनी जमीन में से हिस्सा देने की बात कहते थे, जब गौरव के नाना की मृत्यु हुई, तो पता चला कि नाना कुछ भी जमीन उसके नाम नहीं करके गए. सब कुछ गौरव की मौसी रेखा के नाम कर गए हैं. उसके बाद रुपये के लालच में शिखा ने अपने प्रेमी अशफाक के साथ अपने बेटे की अपहरण की साजिश रची. अपहरण से मिलने वाले फिरौती की रकम को लेकर तेलगांना में जाकर अशफाक से शादी कर जिम खोलने की योजना बनायी.
मां ने रची अपहरण की साजिश
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि रुपये के लालच और प्रेमी के साथ शादी करने के लिए शिखा ने मार्च में ही अपने 5 साल के बेटे के अपहरण की साजिश रच दी थी. अपहरण के बाद पुलिस पकड़ न ले, इसलिए इंटरनेट के जरिए 9 बार कॉल करके ट्रायल किया गया था. लॉकडाउन की वजह से बेटे के अपहरण का समय अगस्त तक खींच गया. अगस्त के शुरुआत में शिखा ने अशफाक को मुरादाबाद आने के लिए कहा था. अशफाक तेलंगाना से टैक्सी करके 7 अगस्त की सुबह मुरादाबाद पहुंच गया और एक होटल में कमरा ले लिया.
अशफाक के आने के बाद शिखा अशफाक से मिलने गई और एक कार में बैठकर एक सेल्फी भी ली और पूरी जानकारी दी कि बेटे को किस समय उसके हवाले करेगी. दोपहर के समय खुद अपने 5 साल के बेटे को लेकर अशफाक के पास रामलीला मैदान आकर कार तक छोड़कर चली गई, लेकिन शिखा ने अपने परिवार में किसी को भी जानकारी नहीं दी कि बेटे का अपहरण हो गया है.
चार घंटे बाद जब पति गौरव घर आया, तब इस बात की जानकारी दी गई. शिखा ने तुरंत अशफाक को फोन कर फिरौती की रकम की मांग करने के लिए कहा. असफाक ने मुरादाबाद के होटल से ही इंटरनेट कॉल करके 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी. गौरव ने इस बात की जानकारी पुलिस को दी. पुलिस और मीडिया को एक्टिव देख शिखा को पकड़े जाने का डर सताने लगा. इसलिए रात को फोन कर बेटे को छोड़कर चले जाने के लिए कहा, लेकिन लॉकडाउन शुरू हो गया था, इसलिए होटल वाले ने बाहर निकलने से मना कर दिया. 8 अगस्त की सुबह बच्चे को लेकर गाजियाबाद निकल गया.
गाजियाबाद के एक होटल में रुककर बच्चे के लिए पिजा मंगवाया और उसकी पूरी वीडियो बनाकर शिखा को भेजी. सुबह गाजियाबाद के कौशांबी बस अड्डे पहुंचकर एक बस में चढ़ा और खुद पीछे बैठ गया और बच्चे की जेब में दो फोन नम्बर और पता लिखकर रख दिया और कहा कि आगे वाली सीट पर जाकर बैठ जाओ. बच्चा सबसे आगे वाली सीट पर जाकर बैठ गया और अशफाक बस से उतरकर चला गया. कुछ देर बात अपने आपको अकेला पाकर बच्चा रोने लगा. इसके बाद बस के चालक और परिचालक ने बच्चे के परिजन को सूचित किया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्चे को बरामद कर लिया.
पुलिस को ऐसे हुआ शक
1- पुलिस ने बच्चे के अपहरण की सूचना के बाद आसपास के सीसीटीवी फुटेज जब देखे, तो बच्चे ने काले कपड़े पहन रखे थे. जब बच्चा बरामद हुआ, तब बच्चे ने अलग रंग के कपड़े पहन रखे थे.
2- पुलिस ने जब बच्चे को बरामद किया और शिखा से बात करवाई, तब बच्चे में फोन पर बात करते समय यह बताया कि मम्मी-पापा को यह बता दो कि आपने ही मुझको उनके साथ भेजा था. यह बात बच्चे ने दो से तीन बार फोन पर बोली थी.
पुलिस को क्यों कुछ नहीं बता रहा था बच्चा
पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद शिखा ने बताया कि मैंने अपने बेटे को 15 दिन की ट्रेनिंग दी थी. मैंने अपने बेटे को समझाया था कि कोई तुमसे पूछे तो कुछ नहीं बताना और गुस्से में आकर अपना सिर दरवाजे में मारने लगना.