ETV Bharat / state

1857 के वीर सपूतों को याद करेगी NCC, मेरठ से दिल्ली तक निकालेंगे साइकिल रैली, जानिए तैयारी - NCC WILL REMEMBER MARTYRED SOLDIERS

अभियान एक जनवरी को मेरठ से शुरू होगा, लखनऊ-वाराणसी होते हुए 27 जनवरी को नई दिल्ली में होगा समापन.

1857 के वीर सपूतों को याद करेगी NCC
1857 के वीर सपूतों को याद करेगी NCC (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 15 hours ago

लखनऊ : भारतीय गणतंत्र के 75वें वर्ष में यूपी एनसीसी निदेशालय प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की याद में और उसमें शहीद सैनिकों और नागरिकों के बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए साइकिल अभियान चलाएगा. अभियान का शीर्षक 'संग्राम 1857' है. इसका उद्देश्य अमृत काल में राष्ट्र निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान देने के लिए लोगों को प्रेरित करना है. इसका संदेश है "समर से समृद्धि की ओर"

1857 के वीर सपूतों को याद करेगी NCC (Video Credit; ETV Bharat)

आगरा एनसीसी समूह के ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर एनएस चरग के नेतृत्व में अभियान दल में यूपी एनसीसी निदेशालय की पांच बालिका कैडेटों सहित 15 एनसीसी कैडेट शामिल हैं. मध्य कमान के सूर्या ऑडिटोरियम में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने बताया कि ये अभियान एक जनवरी 2025 को मेरठ से शुरू होगा, जो बरेली, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर, झांसी, ग्वालियर, आगरा और मथुरा सहित 1857 संग्राम के सभी प्रमुख युद्धक्षेत्रों और महत्वपूर्ण स्थानों से होते हुए 27 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में समाप्त होगा.

उन्होंने बताया कि अभियान दल 17 साइकिलिंग दिनों में कुल 2000 किलोमीटर की दूरी तय करेगा. अभियान दल को चार जनवरी 2025 को मध्य कमान के जीओसी-इन-सी की तरफ से लखनऊ में दल को हरी झंडी दिखाई जाएगी. 5 जनवरी को राजभवन से यूपी की राज्यपाल हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगी.

उन्होंने बताया कि अभियान नई दिल्ली में एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर 2025 की पीएम रैली में समाप्त होगा. उन्होंने बताया कि 1857 में भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम ब्रिटिश शासन के खिलाफ पहला व्यापक प्रतिरोध था. यह विद्रोह जो 29 मार्च 1857 को बैरकपुर में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के स्थानीय सैनिकों ने पी-1857 ली एनफील्ड राइफल की शुरूआत के विरोध के रूप में शुरू हुआ था और 10 मई 1857 को एक विद्रोह में बदल गया.

उन्होंने बताया कि यह संग्राम कोलोनियल शासन के खिलाफ कई सामाजिक-राजनीतिक, धार्मिक, आर्थिक और सैन्य शिकायतों से प्रेरित था. विद्रोह मेरठ में शुरू हुआ और जल्द ही पूरे उत्तरी और मध्य भारत में फैल गया. खासकर दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और झांसी में विद्रोह के अधिकांश केंद्र उत्तर प्रदेश राज्य में थे.

उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता आंदोलन ने 1857 में लड़ने वालों की बहादुरी और बलिदान से प्रेरणा ली, जिसके परिणामस्वरूप 90 साल लंबा संघर्ष हुआ और अंततः 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली. विद्रोह में मंगल पांडेय, कुंवर सिंह, तात्या टोपे, नाना साहब, खान बख्त और रानी लक्ष्मीबाई की वीरता की कहानियां आज भी हमें प्रेरित करती हैं.

साइकिल अभियान में हिस्सा ले रहीं विनी चौधरी बताती हैं कि मुझे सेलेक्ट होकर काफी अच्छा लग रहा है. मैंने इसके लिए बहुत मेहनत की है. पहले वालंटियर चुने गए थे इसके लिए मैंने अपना नाम दिया था. एक ऐप के जरिए हमने अपना डाटा रिकॉर्ड किया है. हमारा डाटा काफी अच्छा था. हमारे सर ने हम लोगों को सेलेक्ट किया. इसके बाद हमारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इंटरव्यू लिया फिर हम सिलेक्ट हुए हैं. हमारी एडवेंचर जर्नी एक जनवरी से स्टार्ट होगी.

साइकिलिंग अभियान में सिलेक्ट हुई आगरा ग्रुप की एनसीसी कैडेट तान्या का कहना है कि हम यात्रा के दौरान मेरठ से शुरू होने के बाद जितने भी 1857 के फ्लैश प्वाइंट हैं, उन सबको टच करते हुए आगे जाएंगे. रैली का उद्देश्य है कि हम उस जगह की आम जनता से संपर्क करें और उन्हें बताएं कि हमारे पुरखों द्वारा दी गई आजादी की कीमत क्या थी? हमारे पुरखों ने अपनी जान की कुर्बानी दी.

भारत को विश्व का नंबर वन कंट्री बनाएं यही हमारा उद्देश्य है. तान्या का कहना है कि शुरुआती दौर में जो हमें टारगेट 60 से 70 किलोमीटर दिए गए थे. हम लोग थक जाते थे, लेकिन हम चुनिंदा 14 कैडेट्स हैं हम मेंटली इतना प्रिपेयर हैं कि अभी 100 किलोमीटर की राइड हम आराम से निकाल देंगे. अब हम इंतजार कर रहे हैं कि राइड्स जल्द शुरू हो. हमारी तैयारी धीरे-धीरे शुरू हुई. पहले 60, 70 से 80 किलोमीटर किया. अब हम 100 किलोमीटर की यात्रा आसानी से तय कर लेते हैं. हम सुबह उठते हैं.

उन्होंने कहा कि अब हमें अलार्म की जरूरत नहीं पड़ती. पांच बजे आंख खुल जाती है. योग करते हैं. पीटी करते हैं और यात्रा के लिए साइकिल उठाकर निकल जाते हैं. हमारे सर पूरी फिजिकल फिटनेस का ध्यान देते हैं. रैली खत्म होने के बाद प्रॉपर स्ट्रेचिंग कराते हैं जिससे हमें कोई दिक्कत न हो.

यह भी पढ़ें: गणतंत्र दिवस समारोह में मोहसिन रजा मंत्री दानिश को धक्का देकर कुर्सी पर बैठे

यह भी पढ़ें : गणतंत्र दिवस परेड में दिखा सेना का शौर्य और झांकियों ने भी किया आकर्षित, हेलीकॉप्टर से हुई पुष्पवर्षा


लखनऊ : भारतीय गणतंत्र के 75वें वर्ष में यूपी एनसीसी निदेशालय प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की याद में और उसमें शहीद सैनिकों और नागरिकों के बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए साइकिल अभियान चलाएगा. अभियान का शीर्षक 'संग्राम 1857' है. इसका उद्देश्य अमृत काल में राष्ट्र निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान देने के लिए लोगों को प्रेरित करना है. इसका संदेश है "समर से समृद्धि की ओर"

1857 के वीर सपूतों को याद करेगी NCC (Video Credit; ETV Bharat)

आगरा एनसीसी समूह के ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर एनएस चरग के नेतृत्व में अभियान दल में यूपी एनसीसी निदेशालय की पांच बालिका कैडेटों सहित 15 एनसीसी कैडेट शामिल हैं. मध्य कमान के सूर्या ऑडिटोरियम में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने बताया कि ये अभियान एक जनवरी 2025 को मेरठ से शुरू होगा, जो बरेली, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर, झांसी, ग्वालियर, आगरा और मथुरा सहित 1857 संग्राम के सभी प्रमुख युद्धक्षेत्रों और महत्वपूर्ण स्थानों से होते हुए 27 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में समाप्त होगा.

उन्होंने बताया कि अभियान दल 17 साइकिलिंग दिनों में कुल 2000 किलोमीटर की दूरी तय करेगा. अभियान दल को चार जनवरी 2025 को मध्य कमान के जीओसी-इन-सी की तरफ से लखनऊ में दल को हरी झंडी दिखाई जाएगी. 5 जनवरी को राजभवन से यूपी की राज्यपाल हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगी.

उन्होंने बताया कि अभियान नई दिल्ली में एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर 2025 की पीएम रैली में समाप्त होगा. उन्होंने बताया कि 1857 में भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम ब्रिटिश शासन के खिलाफ पहला व्यापक प्रतिरोध था. यह विद्रोह जो 29 मार्च 1857 को बैरकपुर में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के स्थानीय सैनिकों ने पी-1857 ली एनफील्ड राइफल की शुरूआत के विरोध के रूप में शुरू हुआ था और 10 मई 1857 को एक विद्रोह में बदल गया.

उन्होंने बताया कि यह संग्राम कोलोनियल शासन के खिलाफ कई सामाजिक-राजनीतिक, धार्मिक, आर्थिक और सैन्य शिकायतों से प्रेरित था. विद्रोह मेरठ में शुरू हुआ और जल्द ही पूरे उत्तरी और मध्य भारत में फैल गया. खासकर दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और झांसी में विद्रोह के अधिकांश केंद्र उत्तर प्रदेश राज्य में थे.

उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता आंदोलन ने 1857 में लड़ने वालों की बहादुरी और बलिदान से प्रेरणा ली, जिसके परिणामस्वरूप 90 साल लंबा संघर्ष हुआ और अंततः 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली. विद्रोह में मंगल पांडेय, कुंवर सिंह, तात्या टोपे, नाना साहब, खान बख्त और रानी लक्ष्मीबाई की वीरता की कहानियां आज भी हमें प्रेरित करती हैं.

साइकिल अभियान में हिस्सा ले रहीं विनी चौधरी बताती हैं कि मुझे सेलेक्ट होकर काफी अच्छा लग रहा है. मैंने इसके लिए बहुत मेहनत की है. पहले वालंटियर चुने गए थे इसके लिए मैंने अपना नाम दिया था. एक ऐप के जरिए हमने अपना डाटा रिकॉर्ड किया है. हमारा डाटा काफी अच्छा था. हमारे सर ने हम लोगों को सेलेक्ट किया. इसके बाद हमारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इंटरव्यू लिया फिर हम सिलेक्ट हुए हैं. हमारी एडवेंचर जर्नी एक जनवरी से स्टार्ट होगी.

साइकिलिंग अभियान में सिलेक्ट हुई आगरा ग्रुप की एनसीसी कैडेट तान्या का कहना है कि हम यात्रा के दौरान मेरठ से शुरू होने के बाद जितने भी 1857 के फ्लैश प्वाइंट हैं, उन सबको टच करते हुए आगे जाएंगे. रैली का उद्देश्य है कि हम उस जगह की आम जनता से संपर्क करें और उन्हें बताएं कि हमारे पुरखों द्वारा दी गई आजादी की कीमत क्या थी? हमारे पुरखों ने अपनी जान की कुर्बानी दी.

भारत को विश्व का नंबर वन कंट्री बनाएं यही हमारा उद्देश्य है. तान्या का कहना है कि शुरुआती दौर में जो हमें टारगेट 60 से 70 किलोमीटर दिए गए थे. हम लोग थक जाते थे, लेकिन हम चुनिंदा 14 कैडेट्स हैं हम मेंटली इतना प्रिपेयर हैं कि अभी 100 किलोमीटर की राइड हम आराम से निकाल देंगे. अब हम इंतजार कर रहे हैं कि राइड्स जल्द शुरू हो. हमारी तैयारी धीरे-धीरे शुरू हुई. पहले 60, 70 से 80 किलोमीटर किया. अब हम 100 किलोमीटर की यात्रा आसानी से तय कर लेते हैं. हम सुबह उठते हैं.

उन्होंने कहा कि अब हमें अलार्म की जरूरत नहीं पड़ती. पांच बजे आंख खुल जाती है. योग करते हैं. पीटी करते हैं और यात्रा के लिए साइकिल उठाकर निकल जाते हैं. हमारे सर पूरी फिजिकल फिटनेस का ध्यान देते हैं. रैली खत्म होने के बाद प्रॉपर स्ट्रेचिंग कराते हैं जिससे हमें कोई दिक्कत न हो.

यह भी पढ़ें: गणतंत्र दिवस समारोह में मोहसिन रजा मंत्री दानिश को धक्का देकर कुर्सी पर बैठे

यह भी पढ़ें : गणतंत्र दिवस परेड में दिखा सेना का शौर्य और झांकियों ने भी किया आकर्षित, हेलीकॉप्टर से हुई पुष्पवर्षा


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.