मुरादाबाद: पुलिस ने 3 साल बाद 3 साल की बच्ची की हत्या (child murder) का खुलासा कर दो हत्यारोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, बच्ची के साथ दुष्कर्म(rape of innocent girl) कर गला घोंटकर हत्या करके आरोपियों ने उसके शव को कूड़े से जला दिया था. बच्ची के शव की शिनाख्त नहीं होने की वजह से डीएनए की रिपोर्ट आने के बाद सिविल लाइन पुलिस ने सोमवार को हत्या का खुलासा किया. डीआईजी ने इस अनसुलझे हत्याकांड का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को प्रशस्ति पत्र और 25 हजार रुपये का पुरस्कार देने क्या एलान किया है.
बता दें कि 6 सितंबर 2018 को जन्माष्टमी के अगले दिन सिविल लाइन थाना क्षेत्र में एक 3 साल की बच्ची का शव कूड़े के ढेर पर जली हुई अवस्था मे मिला था. 5 सितंबर 2018 को जन्माष्टमी के दिन एक परिवार ने अपनी 3 साल की बच्ची की गुमशुदगी दर्ज करवाई थी. अगले दिन शव मिलने के बाद पुलिस ने शव की शिनाख्त करने के लिए परिजनों को बुलाया था, लेकिन शव बहुत बुरी तरह से जला हुआ था, जिसकी वजह से शिनाख्त नही हो पाई. बाद में पुलिस ने शव और परिजनों का डीएनए टेस्ट कराया. अब तीन साल बाद डीएनए रिपोर्ट आने पर बच्ची के इसी परिवार की होने की पुष्टि हुई है.
जन्माष्टमी के जुलूस से बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म करने के बाद की थी हत्या
बच्ची की हत्या के मामले में पकड़े गए रविंद्र और मिंटू ने बताया कि 5 सितंबर 2018 को जन्माष्टमी के दिन जुलूस में से 3 साल की बच्ची को टॉफी दिलाने के बहाने बहला-फुसला कर वे अपने साथ ले गए थे. उसके बाद शराब के नशे में बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और बाद में उसका गला घोंटकर हत्या कर दी थी. दुष्कर्म को छिपाने और शव की पहचान को मिटाने के लिए एक कूड़े के ढेर पर आग लगी हुई थी उसी कूड़े के ढेर पर वे शव को फेंक कर फरार हो गए थे.
3 साल पहले छानबीन कर पुलिस ने हत्या के आरोपी को अपहरण के केस में भेजा था जेल
3 साल की बच्ची का कूड़े के ढेर पर शव मिलने के बाद शव की शिनाख्त नही हो पाई थी. जिसके बाद पुलिस ने गुमशुदगी वाली बच्ची का फोटो लेकर उसकी छानबीन की तो एक पान की दुकान वाले ने बताया कि रविन्द्र नाम के एक व्यक्ति ने फोटो वाली बच्ची को टॉफी दिलाई थी. जिसके बाद पुलिस ने रविन्द्र को पकड़ लिया. रविन्द्र ने उस समय यह बताया था कि बच्ची को मैंने टॉफी दिलाई थी और बच्ची को अपने साथी मिंटू को सौंप दिया था. मिंटू बच्ची को लेकर कहां गया इस बात की जानकारी नहीं है. इस मामले में पुलिस ने धारा 363 यानी अपहरण के मामले में उसे जेल भेज दिया था.
लॉक डाउन की वजह से जेल से बाहर आ गया था रविन्द्र
2020 में लॉकडाउन की वजह से जेल में बंद बहुत से कैदियों को पैरोल पर छोड़ दिया गया था. उसमें रविन्द्र का नाम भी था और वह भी बाहर आ गया था. 15 दिन पहले डीएनए रिपोर्ट आने के बाद रविन्द्र को पुलिस ने दुबारा से गिरफ्तार किया. तब रविन्द्र ने बताया कि उसने और उसके साथी कर मिंटू ने शराब के नशे में बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म किया और उसके बाद गला घोंटकर बच्ची की हत्या कर दी. इसके बाद शव को जलते हुए कूड़े के ढेर पर फेंक कर चले गए थे. इस मामले में मिंटू को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
एसपी सिटी अमित कुमार आनंद ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 3 साल पहले एक बच्ची का शव जली अवस्था में मिला था. उससे एक दिन पहले एक 3 साल की बच्ची की गुमशुदगी भी दर्ज की गई थी, लेकिन शव की शिनाख्त नहीं हो सकी थी. तीन साल बाद इस मामले में डीएनए रिपोर्ट आई है. रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि वह शव उसी बच्ची का था, जिसकी गुमशुदगी दर्ज हुई थी. इस मामले में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. हत्या आरोपियों ने बताया कि इन दोनों ने शराब के नशे में बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद हत्या कर शव को जलते हुए कूड़े के ढेर पर फेंक दिया था.
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