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हादसों को रोकने के लिए रेलवे बना रहा चहारदीवारी, लोग कर रहे विरोध

ट्रेन हादसों को रोकने के लिए रेलवे राज्य सरकार के साथ एक योजना बनाकर मुरादाबाद रेलवे स्टेशन से कटघर सेक्शन तक मजबूत चहारदीवारी बना रहा है. वहीं स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया है. उनका कहना है कि रेलवे हमें चहारदीवारी में महज 10 फीट का रास्ता दे रहा है, जो यहां की जरूरतों के हिसाब से नाकाफी है.

people opposed railways boundary wall in moradabad
मुरादाबाद में रेलवे की चहारदीवारी का लोग कर रहे विरोध.
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Published : Jan 29, 2021, 9:51 PM IST

मुरादाबाद : रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में कटघर इलाके में 185 लोगों की जान जा चुकी है. इसके अलावा सैंकड़ों लोग घायल भी हुए हैं. यह आंकड़ा मुरादाबाद रेलवे स्टेशन से लेकर गोविंदनगर तक का है. इन हादसों को रोकने के लिए मुरादाबाद रेल मंडल राज्य सरकार के साथ एक योजना बनाकर मजबूत चहारदीवारी बना रहा है. यह तकरीबन 3.50 किलोमीटर का सेक्शन है, जिस पर काम हो रहा है. वहीं स्थानीय लोगों के विरोध के कारण यह काम शुरू होने के साथ ही रुक गया. लोगों का कहना है कि रेलवे हमें चहारदीवारी में महज 10 फीट का रास्ता दे रहा है, जो यहां की जरूरतों के हिसाब से नाकाफी है. आंबेडकर नगर, बस्ती, शिवपुरी, गोविंद नगर, फाटक इलाके के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.

people opposed railways boundary wall in moradabad
रेलवे स्टेशन.
क्या है लोगों की मुख्य मांगें
यहां के स्थानीय लोगों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि हम कुछ 80-85 हजार लोग होंगे, जिनकी किस्मत अब प्रशासन और रेलवे के हाथों में है. हम चाहते हैं कि चहारदीवारी बने, लेकिन उसमें 10 फीट की जगह 20 फीट का रास्ता दिया जाए, जिससे किसी भी आपात स्थिति में यहां एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आ सकें. किसी भी तरह की आपात स्थिति में हमें मदद मिल सके.
बीमारी में नहीं आ सकेगी एम्बुलेंस
महिलाओं का कहना है कि यदि हमें कोई बीमारी हो जाए या किसी तरह की अन्य आपात स्थिति हो जाए तो हमें कम से कम मदद मिल सके. हमारे मोहल्ले में किसी गर्भवती महिला को सीजर की जरूरत हो तो वह अस्पताल तक कैसे जाएगी. हमारे त्योहार कैसे मनाए जाएंगे. तकरीबन 85 हज़ार की आबादी के लिए यही मुख्य रास्ता है.
रेलवे की चहारदीवारी का लोग कर रहे विरोध.
26 जनवरी के बाद कुछ रास्ता निकालने का मिला था आश्वासन
लोग बताते हैं कि हमने नगर निगम से लेकर जिला प्रशासन और रेलवे मंडल के अधिकारियों से मुलाकात की और 10 फीट के रास्ते की जगह 20 फीट रास्ता और पैदल पुल की मांग की. हमें आश्वासन दिया गया था कि 26 जनवरी के बाद कुछ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन अभी तक कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी. हमें जब तक रास्ता नहीं मिलता, तब तक हम इसी तर्ज पर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करते रहेंगे.
'लोगों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता'
जब गोविंद नगर और आंबेडकर नगर के लोगों की समस्याओं पर बात करने के लिए हमने मुरादाबाद रेल मंडल के महाप्रबंधक तरुण प्रकाश से बात की तो उन्होंने कहा कि रेलवे आम लोगों और अपने सवारियों की सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है. मुरादाबाद रेलवे स्टेशन से कटघर सेक्शन तक दुर्घटनाओं की संख्या काफी बढ़ रही थी. इसी वजह से हमने यहां पर चहारदीवारी बनाने के लिए राज्य सरकार के साथ एक योजना पर काम कर रहे हैं.
people opposed railways boundary wall in moradabad
चहारदीवारी का लोग कर रहे विरोध.

'लोगों की सुरक्षा के बना रहे दीवार'
वह बताते हैं कि मुरादाबाद रेलवे स्टेशन से कटघर सेक्शन की यह दूरी तकरीबन 3.5 किलोमीटर है. जबकि हम अभी 1.5 किलोमीटर की चहारदीवारी पर काम कर रहे हैं. यहां पर स्थानीय लोगों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है. हम लोग पहले से निर्धारित ड्राइंग पर ही काम कर रहे हैं. उन्हें पहले ही 10 फीट का रास्ता दिया जा चुका है. अन्य चीजों के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम जिम्मेदार है.

मुरादाबाद : रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में कटघर इलाके में 185 लोगों की जान जा चुकी है. इसके अलावा सैंकड़ों लोग घायल भी हुए हैं. यह आंकड़ा मुरादाबाद रेलवे स्टेशन से लेकर गोविंदनगर तक का है. इन हादसों को रोकने के लिए मुरादाबाद रेल मंडल राज्य सरकार के साथ एक योजना बनाकर मजबूत चहारदीवारी बना रहा है. यह तकरीबन 3.50 किलोमीटर का सेक्शन है, जिस पर काम हो रहा है. वहीं स्थानीय लोगों के विरोध के कारण यह काम शुरू होने के साथ ही रुक गया. लोगों का कहना है कि रेलवे हमें चहारदीवारी में महज 10 फीट का रास्ता दे रहा है, जो यहां की जरूरतों के हिसाब से नाकाफी है. आंबेडकर नगर, बस्ती, शिवपुरी, गोविंद नगर, फाटक इलाके के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.

people opposed railways boundary wall in moradabad
रेलवे स्टेशन.
क्या है लोगों की मुख्य मांगें
यहां के स्थानीय लोगों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि हम कुछ 80-85 हजार लोग होंगे, जिनकी किस्मत अब प्रशासन और रेलवे के हाथों में है. हम चाहते हैं कि चहारदीवारी बने, लेकिन उसमें 10 फीट की जगह 20 फीट का रास्ता दिया जाए, जिससे किसी भी आपात स्थिति में यहां एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आ सकें. किसी भी तरह की आपात स्थिति में हमें मदद मिल सके.
बीमारी में नहीं आ सकेगी एम्बुलेंस
महिलाओं का कहना है कि यदि हमें कोई बीमारी हो जाए या किसी तरह की अन्य आपात स्थिति हो जाए तो हमें कम से कम मदद मिल सके. हमारे मोहल्ले में किसी गर्भवती महिला को सीजर की जरूरत हो तो वह अस्पताल तक कैसे जाएगी. हमारे त्योहार कैसे मनाए जाएंगे. तकरीबन 85 हज़ार की आबादी के लिए यही मुख्य रास्ता है.
रेलवे की चहारदीवारी का लोग कर रहे विरोध.
26 जनवरी के बाद कुछ रास्ता निकालने का मिला था आश्वासन
लोग बताते हैं कि हमने नगर निगम से लेकर जिला प्रशासन और रेलवे मंडल के अधिकारियों से मुलाकात की और 10 फीट के रास्ते की जगह 20 फीट रास्ता और पैदल पुल की मांग की. हमें आश्वासन दिया गया था कि 26 जनवरी के बाद कुछ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन अभी तक कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी. हमें जब तक रास्ता नहीं मिलता, तब तक हम इसी तर्ज पर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करते रहेंगे.
'लोगों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता'
जब गोविंद नगर और आंबेडकर नगर के लोगों की समस्याओं पर बात करने के लिए हमने मुरादाबाद रेल मंडल के महाप्रबंधक तरुण प्रकाश से बात की तो उन्होंने कहा कि रेलवे आम लोगों और अपने सवारियों की सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है. मुरादाबाद रेलवे स्टेशन से कटघर सेक्शन तक दुर्घटनाओं की संख्या काफी बढ़ रही थी. इसी वजह से हमने यहां पर चहारदीवारी बनाने के लिए राज्य सरकार के साथ एक योजना पर काम कर रहे हैं.
people opposed railways boundary wall in moradabad
चहारदीवारी का लोग कर रहे विरोध.

'लोगों की सुरक्षा के बना रहे दीवार'
वह बताते हैं कि मुरादाबाद रेलवे स्टेशन से कटघर सेक्शन की यह दूरी तकरीबन 3.5 किलोमीटर है. जबकि हम अभी 1.5 किलोमीटर की चहारदीवारी पर काम कर रहे हैं. यहां पर स्थानीय लोगों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है. हम लोग पहले से निर्धारित ड्राइंग पर ही काम कर रहे हैं. उन्हें पहले ही 10 फीट का रास्ता दिया जा चुका है. अन्य चीजों के लिए जिला प्रशासन और नगर निगम जिम्मेदार है.

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