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नक्सलियों से लोहा लेंगी पीएसी महिला जवान, जंगल में ले रही हैं ट्रेनिंग

यूपी के मुरादाबाद जिले में पीएसी महिला जवानों को जंगलों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे कि वे नक्सलियों-आतंकियों के अलावा बीहड़ जैसे अत्यंत संवेदनशील स्थानों पर रहने वाले डकैतों से भी मोर्चा लेने में सक्षम हो सकें.

जानकारी देती महिला जवान.
जानकारी देती महिला जवान.
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Published : Jun 14, 2020, 7:16 PM IST

मुरादाबाद: खतरनाक बीहड़ों में छिपे डकैत हों या फिर जंगलों में तैयारी के साथ घात लगाए बैठे नक्सली. ये दोनों अक्सर ही सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती होते हैं. जंगल की इन्हीं चुनौतियों का सामना करने के लिए अब पीएसी में महिला जवानों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है. मुरादाबाद स्थित 9वीं वाहिनी पीएसी की महिला जवान आजकल जंगल में युद्ध अभ्यास कर खुद को तैयार कर रही हैं.

जानकारी देती महिला जवान.

प्रशिक्षकों की देखरेख में ट्रेनिंग
कुशल प्रशिक्षकों और अधिकारियों की देखरेख में पीएसी महिला जवानों को जंगल के युद्ध के नियमों को सिखाया जा रहा है. जंगल में घात लगाकर नक्सलियों की तलाश करना हो या फिर पैट्रोलिंग के दौरान खुद को सुरक्षित रखना. प्रशिक्षण में ये सभी गुण महिला जवानों को सिखाए जा रहे हैं. पीएसी की तकरीबन 200 महिला जवान जंगल में प्रशिक्षण ले रही हैं.

अलर्ट मोड पर जवान
पीएसी बलों को नक्सलियों-आतंकियों से मुकाबले के लिए हमेशा तैयार रहना पड़ता है. साथ ही साथ इन्हें बीहड़ जैसे अत्यंत संवेदनशील स्थानों पर रहने वाले डकैतों से भी मोर्चा लेना पड़ता है. कानून व्यवस्था बनाए रखना हो या जंगल में छिपे नक्सलियों का सामना करना हो. पीएसी के जवान हमेशा अलर्ट मोड पर रहते हैं.

क्या है प्रशिक्षण का अहम हिस्सा
प्रशिक्षण में महिला जवानों को हथियार चलाना सिखाना हो. जंगल में छिपकर हमला करना हो या नक्सलियों की जानकारी इकट्ठा करना हो. यह सब सिखाया जा रहा है, जिससे कि संकट के समय महिला जवान अपनी और दूसरों की सुरक्षा कर सकें. महिला जवानों को पुरुष जवानों की तरह ही प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

चुनौतियों का सामना करेंगी महिला जवान
प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिला जवान हिस्सा लेकर भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए खुद को तैयार कर रही हैं. पीएसी कमांडेंट के मुताबिक महिला जवान संवेदनशील क्षेत्रों में ज्यादा प्रभावी हो सकती हैं.

अलग-अलग जिलों में होगी तैनाती
प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद महिला जवानों को अलग-अलग जनपदों में तैनात किया जाएगा, जहां प्रशिक्षण में सीखे गए अनुभव से वे चुनौतियों का मुकाबला कर पाएंगी.

इसे भी पढ़ें- मुरादाबाद: धातु उत्पादों को कोरोना मुक्त रखेगा 'सुरक्षा-24'

मुरादाबाद: खतरनाक बीहड़ों में छिपे डकैत हों या फिर जंगलों में तैयारी के साथ घात लगाए बैठे नक्सली. ये दोनों अक्सर ही सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती होते हैं. जंगल की इन्हीं चुनौतियों का सामना करने के लिए अब पीएसी में महिला जवानों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है. मुरादाबाद स्थित 9वीं वाहिनी पीएसी की महिला जवान आजकल जंगल में युद्ध अभ्यास कर खुद को तैयार कर रही हैं.

जानकारी देती महिला जवान.

प्रशिक्षकों की देखरेख में ट्रेनिंग
कुशल प्रशिक्षकों और अधिकारियों की देखरेख में पीएसी महिला जवानों को जंगल के युद्ध के नियमों को सिखाया जा रहा है. जंगल में घात लगाकर नक्सलियों की तलाश करना हो या फिर पैट्रोलिंग के दौरान खुद को सुरक्षित रखना. प्रशिक्षण में ये सभी गुण महिला जवानों को सिखाए जा रहे हैं. पीएसी की तकरीबन 200 महिला जवान जंगल में प्रशिक्षण ले रही हैं.

अलर्ट मोड पर जवान
पीएसी बलों को नक्सलियों-आतंकियों से मुकाबले के लिए हमेशा तैयार रहना पड़ता है. साथ ही साथ इन्हें बीहड़ जैसे अत्यंत संवेदनशील स्थानों पर रहने वाले डकैतों से भी मोर्चा लेना पड़ता है. कानून व्यवस्था बनाए रखना हो या जंगल में छिपे नक्सलियों का सामना करना हो. पीएसी के जवान हमेशा अलर्ट मोड पर रहते हैं.

क्या है प्रशिक्षण का अहम हिस्सा
प्रशिक्षण में महिला जवानों को हथियार चलाना सिखाना हो. जंगल में छिपकर हमला करना हो या नक्सलियों की जानकारी इकट्ठा करना हो. यह सब सिखाया जा रहा है, जिससे कि संकट के समय महिला जवान अपनी और दूसरों की सुरक्षा कर सकें. महिला जवानों को पुरुष जवानों की तरह ही प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

चुनौतियों का सामना करेंगी महिला जवान
प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिला जवान हिस्सा लेकर भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए खुद को तैयार कर रही हैं. पीएसी कमांडेंट के मुताबिक महिला जवान संवेदनशील क्षेत्रों में ज्यादा प्रभावी हो सकती हैं.

अलग-अलग जिलों में होगी तैनाती
प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद महिला जवानों को अलग-अलग जनपदों में तैनात किया जाएगा, जहां प्रशिक्षण में सीखे गए अनुभव से वे चुनौतियों का मुकाबला कर पाएंगी.

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