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राजा महेंद्र प्रताप ने AMU के लिए दी थी सिर्फ एक एकड़ जमीन, बीजेपी लोगों को कर रही गुमराह : सपा सांसद डॉ. एसटी हसन

मुरादाबाद से सपा सासंद डॉ. एसटी हसन ने अलीगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्वारा राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर विश्वविद्यालय का शिलान्यास किए जाने के बाद बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है उन्होंने कहा कि, बीजेपी के कुछ लोग देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने के लिए सारी जमीन राजा महेंद्र प्रताप सिंह की दी थी, जबकि ऐसा नहीं है. बहुत से नवाबों ने एएमयू को बनाने के लिए जमीन दान दी थी. राजा महेंद्र प्रताप ने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के सिर्फ एक एकड़ कुछ डिसमिल जमीन दान में दी थी.

राजा महेंद्र प्रताप पर सपा सांसद डॉ. एसटी हसन का बयान
राजा महेंद्र प्रताप पर सपा सांसद डॉ. एसटी हसन का बयान
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Published : Sep 14, 2021, 9:47 PM IST

मुरादाबाद : किसान आंदोलन को लेकर नाराज चल रहे जाट समाज को खुश करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ के रहने वाले राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम से यूनिवर्सिटी बनाने का शिलान्यास किया है. जिसके बाद अब इसको लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है. मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि अलीगढ़ में तो AMU के नाम से इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी है. AMU के लिए राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने भी जमीन दान में दी थी. कई नबाबों ने भी AMU के लिए जमीन दान में दी थी. भाजपा राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम का इस्तेमाल कर रही है. जबकि उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को 1957 में चुनाव में हराया था. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के नाम से बनी यूनिवर्सिटी को तोड़ने का काम कर रही है.

किसान आंदोलन को लेकर नाराज चल रहे जाट समाज को आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में मनाने के लिए भाजपा सरकार ने एक दांव खेला है. जाट समाज मे मनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ के जाट राजा महाराज महेंद्र प्रताप सिंह के नाम से इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया है. जिसके बाद से राजनीति बयानबाजी शुरू हो गयी है. मुरादाबाद के सपा सांसद ने कहा कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने देश के लिए अपना बड़ा योगदान दिया है. उनके नाम से एक यूनिवर्सिटी बन रही है यह बहुत खुशी की बात है. लेकिन, इसे अगर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मुकाबले में बनाया जा रहा है, तो यह बहुत गलत बात है. यूनिवर्सिटी बने एजुकेशनल संस्थान बने यह हम सब लोग चाहते हैं, इनकी देश प्रदेश में बहुत कमी है. लेकिन, जहां कमी है वहां वहां बननी चाहिए, हमारे मुरादाबाद जनपद के अंदर भी यूनिवर्सिटी की जरूरत है.

सपा सांसद डॉ. एसटी हसन का बयान

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'बीजेपी लोगों को गुमराह कर रही'

इसके आगे सपा सांसद ने कहा कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह जिन्होंने तमाम जिंदगी अपने देश के ऊपर निछावर कर दी. अलीगढ़ यूनिवर्सिटी को उन्होंने सिर्फ एक एकड़ कुछ डिसमिल जमीन दान में दी थी. जिस पर एक पार्क बना हुआ है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की अथॉरिटी का कहना है कि अगर हमारे पास फंड होगा तो हम उनके नाम से एक इंस्टिट्यूट बनाएंगे. लेकिन, बीजेपी के कुछ लोग देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने के लिए सारी जमीन राजा महेंद्र प्रताप सिंह की दी थी, जबकि ऐसा नहीं है. बहुत से नवाबों ने एएमयू को बनाने के लिए जमीन दान दी थी. नवाब छतारी वकार उल मुस्लिमीन और मोहसिन साहब ने भी अपनी जायदाद व पैसा दिया था.

इसे भी पढ़ें : यूपी के चुनावी यज्ञ में 'ध्रुवीकरण की पहली आहुति' डाल गए पीएम मोदी

'राजा महेंद्र प्रताप सिंह का भाजपाई नहीं थे'

इसके अलावा सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह हम सबके लिए एक आइडियल थे. बीजेपी उनके नाम को भुनाना चाहती है. उनका संबंध बीजेपी से नहीं था. उन्होंने 1957 में अटल बिहारी वाजपेयी को मथुरा सीट से चुनाव में हराया था. अटल बिहारी वाजपेयी जी उस वक्त जनसंघ से खड़े हुए थे और राजा महेंद्र प्रताप ने उनके खिलाफ चुनाव लड़ा था.

इसे भी पढ़ें : प्रधानमंत्री ने ताजा कीं बचपन की यादें, बोले-अलीगढ़ के एक ताला सेल्समैन के पैसे मेरे पिताजी के पास रहते थे

'राजा महेंद्र प्रताप सिंह हिंदू मुस्लिम एकजुटता के पैरोकार थे'

इसके साथ ही सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने जब अफगानिस्तान में अपनी अंतरिम सरकार बनाई थी तो उस अंतरिम सरकार का प्रधानमंत्री एक मुसलमान को बनाया था. वह तो हिंदू मुस्लिम एकजुटता के पैरोकार थे. ना के हिंदू-मुस्लिम के बीच में विभाजन करने वाले थे. यहां दो विचारधारा का टकराव हो रहा है. उनके नाम को भी घुमा फिराकर इस तरह से इस्तेमाल किया जाए कि शायद के हिंदू-मुस्लिम के बीच में कोई दरार पैदा हो जाए.

इसे भी पढ़ें : राजा महेंद्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी से बीजेपी ने जाट लैंड में चला अपना दांव, क्या इससे कम होगा गुस्सा ?


'स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के नाम से बनी यूनिवर्सिटी को खत्म करने का काम कर रही सरकार'

प्रदेश में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के नाम से यूनिवर्सिटी बने यह अच्छी बात है. हिंदुस्तान की आजादी बहुत बड़े स्वतंत्र संग्राम सेनानी जनाब मौलाना मोहम्मद अली जौहर साहब भी थे. जिनके लिए बापू ने यह कहा था कि अगर वे नहीं होते तो हमें आजादी नहीं मिल पाती. उनके नाम की एक यूनिवर्सिटी रामपुर में मोहम्मद आजम खान ने बनवाई है. आज उसी यूनिवर्सिटी को सरकार खत्म कर रही है, उसकी सारी जमीन सरकार ने ले ली है. यहा दोहरा चरित्र सरकार का नहीं होना चाहिए, इसमें भी हिंदू-मुस्लिम नहीं करना चाहिए.

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मुरादाबाद : किसान आंदोलन को लेकर नाराज चल रहे जाट समाज को खुश करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ के रहने वाले राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम से यूनिवर्सिटी बनाने का शिलान्यास किया है. जिसके बाद अब इसको लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है. मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि अलीगढ़ में तो AMU के नाम से इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी है. AMU के लिए राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने भी जमीन दान में दी थी. कई नबाबों ने भी AMU के लिए जमीन दान में दी थी. भाजपा राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम का इस्तेमाल कर रही है. जबकि उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को 1957 में चुनाव में हराया था. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के नाम से बनी यूनिवर्सिटी को तोड़ने का काम कर रही है.

किसान आंदोलन को लेकर नाराज चल रहे जाट समाज को आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में मनाने के लिए भाजपा सरकार ने एक दांव खेला है. जाट समाज मे मनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ के जाट राजा महाराज महेंद्र प्रताप सिंह के नाम से इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया है. जिसके बाद से राजनीति बयानबाजी शुरू हो गयी है. मुरादाबाद के सपा सांसद ने कहा कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने देश के लिए अपना बड़ा योगदान दिया है. उनके नाम से एक यूनिवर्सिटी बन रही है यह बहुत खुशी की बात है. लेकिन, इसे अगर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मुकाबले में बनाया जा रहा है, तो यह बहुत गलत बात है. यूनिवर्सिटी बने एजुकेशनल संस्थान बने यह हम सब लोग चाहते हैं, इनकी देश प्रदेश में बहुत कमी है. लेकिन, जहां कमी है वहां वहां बननी चाहिए, हमारे मुरादाबाद जनपद के अंदर भी यूनिवर्सिटी की जरूरत है.

सपा सांसद डॉ. एसटी हसन का बयान

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'बीजेपी लोगों को गुमराह कर रही'

इसके आगे सपा सांसद ने कहा कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह जिन्होंने तमाम जिंदगी अपने देश के ऊपर निछावर कर दी. अलीगढ़ यूनिवर्सिटी को उन्होंने सिर्फ एक एकड़ कुछ डिसमिल जमीन दान में दी थी. जिस पर एक पार्क बना हुआ है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की अथॉरिटी का कहना है कि अगर हमारे पास फंड होगा तो हम उनके नाम से एक इंस्टिट्यूट बनाएंगे. लेकिन, बीजेपी के कुछ लोग देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाने के लिए सारी जमीन राजा महेंद्र प्रताप सिंह की दी थी, जबकि ऐसा नहीं है. बहुत से नवाबों ने एएमयू को बनाने के लिए जमीन दान दी थी. नवाब छतारी वकार उल मुस्लिमीन और मोहसिन साहब ने भी अपनी जायदाद व पैसा दिया था.

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'राजा महेंद्र प्रताप सिंह का भाजपाई नहीं थे'

इसके अलावा सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह हम सबके लिए एक आइडियल थे. बीजेपी उनके नाम को भुनाना चाहती है. उनका संबंध बीजेपी से नहीं था. उन्होंने 1957 में अटल बिहारी वाजपेयी को मथुरा सीट से चुनाव में हराया था. अटल बिहारी वाजपेयी जी उस वक्त जनसंघ से खड़े हुए थे और राजा महेंद्र प्रताप ने उनके खिलाफ चुनाव लड़ा था.

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'राजा महेंद्र प्रताप सिंह हिंदू मुस्लिम एकजुटता के पैरोकार थे'

इसके साथ ही सांसद डॉ. एसटी हसन ने कहा कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने जब अफगानिस्तान में अपनी अंतरिम सरकार बनाई थी तो उस अंतरिम सरकार का प्रधानमंत्री एक मुसलमान को बनाया था. वह तो हिंदू मुस्लिम एकजुटता के पैरोकार थे. ना के हिंदू-मुस्लिम के बीच में विभाजन करने वाले थे. यहां दो विचारधारा का टकराव हो रहा है. उनके नाम को भी घुमा फिराकर इस तरह से इस्तेमाल किया जाए कि शायद के हिंदू-मुस्लिम के बीच में कोई दरार पैदा हो जाए.

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'स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के नाम से बनी यूनिवर्सिटी को खत्म करने का काम कर रही सरकार'

प्रदेश में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के नाम से यूनिवर्सिटी बने यह अच्छी बात है. हिंदुस्तान की आजादी बहुत बड़े स्वतंत्र संग्राम सेनानी जनाब मौलाना मोहम्मद अली जौहर साहब भी थे. जिनके लिए बापू ने यह कहा था कि अगर वे नहीं होते तो हमें आजादी नहीं मिल पाती. उनके नाम की एक यूनिवर्सिटी रामपुर में मोहम्मद आजम खान ने बनवाई है. आज उसी यूनिवर्सिटी को सरकार खत्म कर रही है, उसकी सारी जमीन सरकार ने ले ली है. यहा दोहरा चरित्र सरकार का नहीं होना चाहिए, इसमें भी हिंदू-मुस्लिम नहीं करना चाहिए.

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