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पीरियड फिल्मों को आकर्षक रूप दे रहे पीतल उत्पाद, बॉलीवुड से हॉलीवुड तक बढ़ी मांग - मुरादाबाद की पहचान पीतल नगरी

मुरादाबाद ने दुनियाभर में अपनी पहचान पीतल नगरी के नाम से बनाई हुई है. शानदार बर्तन और सजावटी सामान तैयार करने के लिए ये जिला टीवी धारावाहिकों से लेकर बॉलीवुड और हॉलीवुड तक पहचाना बना चुका है.

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दुनियाभर में है पीतल नगरी के नाम से पहचान.
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Published : Jan 25, 2020, 6:19 PM IST

मुरादाबाद: पीतल की सुनहरी चमक और आकर्षक डिजाइन दुनिया भर में पसंद की जाती है. यूरोप, अमेरिका और मिडिल ईस्ट के साथ दुनिया में अपनी पहचान बनाने वाले पीतल उत्पाद अब फिल्मों में भी अपनी चमक बिखेर रहे हैं. पीरियड फिल्मों से लेकर पारिवारिक फिल्मों के सेट को भव्य बनाने के लिए जिले में तैयार उत्पादों की मांग बढ़ती जा रही है. टीवी धारावाहिकों से लेकर बॉलीवुड और हॉलीवुड की फिल्मों में जिले के बने उत्पाद अपनी जगह बना रहे हैं. वर्तमान में यह बाजार दस करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है, जिसके भविष्य में लगातार बढ़ने की संभावना है.

दुनियाभर में है पीतल नगरी के नाम से पहचान.
शानदार बर्तन और सजावटी सामान से बनी पहचान दुनियाभर में पहचान रखने वाली पीतल नगरी शानदार बर्तन और सजावटी सामान तैयार कर रही है. आकर्षक डिजाइन और दिलकश कारीगरी के जरिये दुनिया में छाने वाले पीतल उत्पाद अब फिल्मी पर्दे पर भी चमक बिखेर रहे हैं. दुनिया के बाजारों में पीतल उत्पादों की घटती मांग के बाद कारोबारी अब अपने उत्पादों को बड़े पर्दे के लिए तैयार कर रहे हैं. मुरादाबाद के कारखानों में तैयार मशालें, तलवार, ढाल, मास्क और सजावटी सामान बॉलीवुड से हॉलीवुड तक पसंद किए जा रहे हैं. फिल्मी पर्दे पर सेट को भव्यता देने के लिए इन उत्पादों का प्रयोग किया जाता है.

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धारावाहिकों और वेब सीरीज में दिया जाता है सामान
फिल्म निर्माण की बदलती तकनीक और भव्य सेट के बढ़ते चलन से पीतल कारोबारियों को नया बाजार मिला है. वर्तमान में जिले से हर साल 10 से 12 करोड़ रुपये मूल्य के उत्पाद फिल्मों के लिए तैयार किये जा रहे हैं, जिससे सैकड़ों कारीगरों को रोजगार मिल रहा है. कारोबारियों के मुताबिक धारावाहिकों, वेब सीरीज से भी उत्पादों की डिमांड आ रही है, जो भविष्य की राह दिखाती है. देश-विदेश में लगने वाले व्यापार मेलों में आर्ट डायरेक्टर कारोबारियों के स्टॉल पर आकर अपनी डिमांड बताते हैं. पीतल नगरी को मिल रहे इस नए अवसर के बाद अब दिल्ली-मुंबई के कारोबारी भी स्थानीय कारोबारियों के सम्पर्क में हैं.

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सालाना होता है आठ हजार करोड़ का विदेशी कारोबार
पीरियड और ऐतिहासिक विषयों पर बनने वाली फिल्मों में इस्तेमाल होने वाले उत्पाद जहां वास्तविकता का अहसास कराते है. वहीं फिल्म निर्माताओं की बढ़ती रुचि से कारोबार को रफ्तार मिल रही है. सालाना करीब साढ़े आठ हजार करोड़ के विदेशी कारोबार वाले इस शहर में फिल्मों के उत्पाद तैयार करने से जहां नई पहचान हासिल हो रही है. वहीं सैकड़ों कारीगरों को रोजगार भी मुहैया हो रहा है.

मुरादाबाद: पीतल की सुनहरी चमक और आकर्षक डिजाइन दुनिया भर में पसंद की जाती है. यूरोप, अमेरिका और मिडिल ईस्ट के साथ दुनिया में अपनी पहचान बनाने वाले पीतल उत्पाद अब फिल्मों में भी अपनी चमक बिखेर रहे हैं. पीरियड फिल्मों से लेकर पारिवारिक फिल्मों के सेट को भव्य बनाने के लिए जिले में तैयार उत्पादों की मांग बढ़ती जा रही है. टीवी धारावाहिकों से लेकर बॉलीवुड और हॉलीवुड की फिल्मों में जिले के बने उत्पाद अपनी जगह बना रहे हैं. वर्तमान में यह बाजार दस करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है, जिसके भविष्य में लगातार बढ़ने की संभावना है.

दुनियाभर में है पीतल नगरी के नाम से पहचान.
शानदार बर्तन और सजावटी सामान से बनी पहचान दुनियाभर में पहचान रखने वाली पीतल नगरी शानदार बर्तन और सजावटी सामान तैयार कर रही है. आकर्षक डिजाइन और दिलकश कारीगरी के जरिये दुनिया में छाने वाले पीतल उत्पाद अब फिल्मी पर्दे पर भी चमक बिखेर रहे हैं. दुनिया के बाजारों में पीतल उत्पादों की घटती मांग के बाद कारोबारी अब अपने उत्पादों को बड़े पर्दे के लिए तैयार कर रहे हैं. मुरादाबाद के कारखानों में तैयार मशालें, तलवार, ढाल, मास्क और सजावटी सामान बॉलीवुड से हॉलीवुड तक पसंद किए जा रहे हैं. फिल्मी पर्दे पर सेट को भव्यता देने के लिए इन उत्पादों का प्रयोग किया जाता है.

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धारावाहिकों और वेब सीरीज में दिया जाता है सामान
फिल्म निर्माण की बदलती तकनीक और भव्य सेट के बढ़ते चलन से पीतल कारोबारियों को नया बाजार मिला है. वर्तमान में जिले से हर साल 10 से 12 करोड़ रुपये मूल्य के उत्पाद फिल्मों के लिए तैयार किये जा रहे हैं, जिससे सैकड़ों कारीगरों को रोजगार मिल रहा है. कारोबारियों के मुताबिक धारावाहिकों, वेब सीरीज से भी उत्पादों की डिमांड आ रही है, जो भविष्य की राह दिखाती है. देश-विदेश में लगने वाले व्यापार मेलों में आर्ट डायरेक्टर कारोबारियों के स्टॉल पर आकर अपनी डिमांड बताते हैं. पीतल नगरी को मिल रहे इस नए अवसर के बाद अब दिल्ली-मुंबई के कारोबारी भी स्थानीय कारोबारियों के सम्पर्क में हैं.

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सालाना होता है आठ हजार करोड़ का विदेशी कारोबार
पीरियड और ऐतिहासिक विषयों पर बनने वाली फिल्मों में इस्तेमाल होने वाले उत्पाद जहां वास्तविकता का अहसास कराते है. वहीं फिल्म निर्माताओं की बढ़ती रुचि से कारोबार को रफ्तार मिल रही है. सालाना करीब साढ़े आठ हजार करोड़ के विदेशी कारोबार वाले इस शहर में फिल्मों के उत्पाद तैयार करने से जहां नई पहचान हासिल हो रही है. वहीं सैकड़ों कारीगरों को रोजगार भी मुहैया हो रहा है.

Intro:एंकर: मुरादाबाद: पीतल की सुनहरी चमक और आकर्षक डिजाइन दुनिया भर में पसंद किए जाते है. यूरोप,अमेरिका और मिडिल ईस्ट के साथ दुनिया में अपनी पहचान बनाने वाले पीतल उत्पाद अब फिल्मों में भी अपनी चमक बिखेर रहें है. पीरियड फिल्मों से लेकर पारिवारिक फिल्मों के सैट को भव्य बनाने के लिए मुरादाबाद में तैयार उत्पादों की मांग हर साल बढ़ती जा रहीं है. टीवी धारावाहिकों से लेकर बॉलीवुड और हॉलीवुड की फिल्मों में मुरादाबाद के बने उत्पाद अपनी जगह बना रहे है. वर्तमान में फिल्मी उत्पाद तैयार करने का यह बाजार दस करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है जिसके भविष्य में लगातार बढ़ते जाने की संभावनाएं पीतल कारोबारी जता रहे है.


Body:वीओ वन: दुनियाभर में पहचान रखने वाली पीतल नगरी मुरादाबाद की अपनी पहचान शानदार बर्तन और सजावटी सामान तैयार करने की रहीं है. आकर्षक डिजाइन और दिलकश कारीगरी के जरिये दुनिया में छाने वाले पीतल उत्पाद अब फिल्मी पर्दे पर भी चमक बिखेर रहें है. दुनिया के बाजारों में पीतल उत्पादों की घटती मांग के बाद कारोबारी अब अपने उत्पादों को बड़े पर्दे के लिए तैयार कर रहें है. मुरादाबाद के कारखानों में तैयार मशालें, तलवार,ढाल, मास्क और सजावटी सामान बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक पसंद किए जा रहें है. फिल्मी पर्दे पर सैट को भव्यता देने के लिए इन उत्पादों का प्रयोग किया जाता है साथ ही इनसे सैट के आभासी होने का अहसास भी नहीं होता.
बाईट: अमित भूटानी- निर्यातक
वीओ टू: फ़िल्म निर्माण की बदलती तकनीक और भव्य सेटों के बढ़ते चलन से पीतल कारोबारियों को नया बाजार उपलब्ध हुआ है. वर्तमान में मुरादाबाद से हर साल 10 से 12 करोड़ रुपये मूल्य के उत्पाद फिल्मों के लिए तैयार किये जा रहें है जिससे सैकड़ों कारीगरों को रोजगार मिल रहा है. कारोबारियों के मुताबिक धारावाहिकों,वेब सीरीज से भी उत्पादों की डिमांड आ रहीं है जो भविष्य की राह दिखाती है. देश-विदेश में लगने वाले व्यापार मेलों में आर्ट डायरेक्टर कारोबारियों के स्टॉल पर आकर अपनी डिमांड बताते है. पीतल नगरी को मिल रहे इस नए अवसर के बाद अब दिल्ली-मुंबई के कारोबारी भी स्थानीय कारोबारियों के सम्पर्क में है.
बाईट: कार्तिक छाबड़ा- निर्यातक


Conclusion:वीओ तीन: पीरियड और ऐतिहासिक विषयों पर बनने वाली फिल्मों में इस्तेमाल होने वाले उत्पाद जहां वास्तविकता का अहसास कराते है वहीं फ़िल्म निर्माताओं की बढ़ती रुचि से कारोबार को रफ्तार मिल रहीं है. सालाना साढ़े आठ हजार करोड़ के विदेशी कारोबार वाले इस शहर में फिल्मों के उत्पाद तैयार करने से जहां नई पहचान हासिल हो रहीं है वहीं सैकड़ो कारीगरों को रोजगार भी मुहैया हो रहा है.
भुवन चन्द्र
ईटीवी भारत
मुरादाबाद
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