मुरादाबाद: कोरोना काल में जहां सभी कारोबारी गतिविधियां प्रभावित हुई हैं. वहीं मुरादाबाद के पीतल कारोबार को भी भारी नुकसान झेलना पड़ा है. पीतल कारोबारियों को अपने उत्पाद बेचने के लिए इंटरनेशनल ट्रेड फेयर का इंतजार रहता है, लेकिन कोरोना के चलते अगले साल मार्च तक होने वाले सभी फेयर निरस्त किये जा चुके हैं. कारोबार की डूबती नैया पार लगाने के लिए ऑनलाइन व्यापार सहारा बनकर सामने आया है और वर्तमान में विदेशी ग्राहकों से जुड़ने के लिए कारोबारी ऑनलाइन तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस तकनीक के जरिये उत्पादों का डिस्प्ले से लेकर निर्यात फर्म तक की जानकारी ग्राहकों को देकर ऑर्डर बुक किये जा रहे हैं. कारोबारियों के मुताबिक, आने वाले समय के लिए निर्यात फर्मों में ऑनलाइन यूनिट शुरू की जा रही है. जिससे काफी फायदा होने की संभावना है.
हर साल आती है साढ़े 8 हजार करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा
हर साल मुरादाबाद के पीतल उत्पादों के जरिये साढ़े आठ हजार करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा देश में आती है, लेकिन कोरोना संकट के बाद कारोबार अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. विदेशी ग्राहकों के पीतल उत्पाद से सम्बंधित ज्यादातर ऑर्डर कोरोना के चलते निरस्त हो गए. वहीं नए ऑर्डर भी न के बराबर रह गए हैं. अनलॉक पार्ट 5.0 में सरकार द्वारा सशर्त कारोबारी गतिविधियों के संचालन की अनुमति दी गयी है. इससे कारोबारियों को कुछ उम्मीद बढ़ी है. दरअसल पीतल कारोबार में उत्पादों के ज्यादातर ऑर्डर ट्रेड फेयर से आते हैं, लेकिन इस साल कोरोना के चलते ज्यादातर फेयर निरस्त हो गए. आवागमन की सुविधा न होने के चलते नए ऑर्डर मिलना मुश्किल हुआ तो पीतल उद्योग ने वर्चुअल ट्रेड फेयर के जरिये ग्राहकों से मिलने का रास्ता तलाश लिया. कोरोना के खतरे के बीच ज्यादातर कारोबारी ऑनलाइन माध्यम से ग्राहकों से सीधे संपर्क कर रहे हैं और उत्पादों को दिखाकर ऑर्डर बुक करा रहे हैं.
कोरोना काल में ऑनलाइन ढूंढ रहे ग्राहक
ऑनलाइन माध्यम से ग्राहकों से सम्पर्क कर ऑर्डर बुक कराने के बाद कारोबार अब अपनी रणनीति बदलने में जुट गए हैं. ज्यादातर निर्यात फर्म अपने कारोबार के लिए खुद ही ऑनलाइन यूनिट तैयार करवा रहे हैं. इससे ग्राहकों को 24 घण्टे उत्पाद देखने और ऑर्डर देने की सुविधा होगी. दरअसल विदेशी व्यापार मेले में कारोबारियों को लाखों रुपये खर्च करना पड़ता है और इसमें काफी समय भी लगता है. व्यापार मेले के बजाय ऑनलाइन माध्यम में कारोबार करने से जहां सालाना लाखों रुपये की बचत होने का अनुमान जताया जा रहा है. वहीं इससे कारोबारियों का समय भी बचेगा. धातु कारोबार में हमेशा से उत्पाद को देखकर खरीदने की परंपरा रही है, लेकिन कोरोना के बाद अब पहली बार पीतल कारोबार ऑनलाइन माध्यम का इस्तेमाल कर रहा है.
संशय के साथ कर रहे सफलता की तलाश
शुरुआत में ऑनलाइन माध्यमों से दूर रहने वाले निर्यातक भी अब धीरे-धीरे इस माध्यम को अपनाने पर मजबूर हुए हैं. हालांकि उत्पाद के डिजाइन चोरी होने, ग्राहक की विश्वसनीयता, भुगतान जैसे कुछ सवाल हैं, जिनको लेकर निर्यातक संशय में भी नजर आते हैं. हालांकि बदहाल हो रहे कारोबार को नया रास्ता देने के लिए तमाम संशयों के बाद भी कारोबारी इस रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं, जिसका परिणाम भविष्य ही तय करेगा.