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मुरादाबाद: कश्मीर में कारोबार के लिए तैयार हैं पीतल दस्तकार, सरकार से मदद की दरकार - Brass trader

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में पीतलनगरी के नाम से दुनिया में मशहूर मुरादाबाद और दस्तकार पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-A हटाये जाने के बाद पीतल कारोबारी अब कश्मीर में कारोबार करने की उम्मीद तलाश रहें है.

कश्मीर में कारोबार के लिए तैयार है पीतल दस्तकार
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Published : Aug 20, 2019, 9:52 AM IST

मुरादाबाद: पीतलनगरी के नाम से दुनिया में मशहूर मुरादाबाद और दस्तकार पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है. सालाना आठ हजार करोड़ से ज्यादा विदेशी मुद्रा देश में लाने वाले इस शहर में पीतल कारोबारियों और कारीगरों की भरमार है. केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-A हटाये जाने के बाद पीतल कारोबारी अब कश्मीर में कारोबार करने की उम्मीदें तलाश रहें है.

कश्मीर में कारोबार के लिए तैयार है पीतल दस्तकार

पीतल कारोबारियों में खुशी की लहर:

  • मुरादाबाद के पीतल उधोग की चमक पूरी दुनिया में फैली है.
  • देश में उत्तर से दक्षिण तक पीतल कारोबारी साल भर कारोबार के सिलसिले में यात्राएं करते रहते हैं.
  • पिछले कुछ सालों से मुरादाबाद के दर्जनों पीतल कारोबारियों ने कश्मीर में भी अपना कारोबार जमाया है.
  • अनवर अली पिछले बीस सालों से लगातार कश्मीर में पीतल उत्पाद बिक्री का काम कर रहे हैं.
  • कश्मीर में अनुच्छेद 370 के कारण कठिन व्यापारिक परिस्थितियां और स्थानीय लोगों का सहयोग न मिलने के चलते वसीम वापस लौट आए थे.

केंद्र सरकार के फैसले के बाद अब दोबारा कश्मीर में कारोबार शुरू करना चाह रहें है. इस बार कश्मीर में अपनी दुकान और घर बनाने का सपना भी साथ लेकर आए हैं.
अनवर, कारोबारी

कश्मीर में पिछले कई सालों से पीतल उत्पादों की बिक्री कर रहे कारीगर जहां खुश हैं, वहीं सरकार से भी विशेष सहायता मिलने की उम्मीद लगाए हैं.

कश्मीर में हस्तशिल्प कारोबार के लिए अपार सम्भवनाएं मौजूद हैं. पर्यटन स्थल होने के चलते कश्मीर कारोबार के लिए सबसे मुफीद है. आने वाले दिनों में कश्मीर कारोबार के लिहाज से देश की सबसे बढ़िया जगहों में से एक हो सकता है. पीतल कारोबार से जुड़े लोगों के मुताबिक केंद्र सरकार कश्मीर में कारोबारियों को टैक्स में छूट और कारोबार में रियायत दे तो मंदी से जूझ रहे कारोबारी कश्मीर पलायन करने को तैयार हैं.
-सैयद गानिम., चेयरमैन ( FTTPA)

मुरादाबाद: पीतलनगरी के नाम से दुनिया में मशहूर मुरादाबाद और दस्तकार पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है. सालाना आठ हजार करोड़ से ज्यादा विदेशी मुद्रा देश में लाने वाले इस शहर में पीतल कारोबारियों और कारीगरों की भरमार है. केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-A हटाये जाने के बाद पीतल कारोबारी अब कश्मीर में कारोबार करने की उम्मीदें तलाश रहें है.

कश्मीर में कारोबार के लिए तैयार है पीतल दस्तकार

पीतल कारोबारियों में खुशी की लहर:

  • मुरादाबाद के पीतल उधोग की चमक पूरी दुनिया में फैली है.
  • देश में उत्तर से दक्षिण तक पीतल कारोबारी साल भर कारोबार के सिलसिले में यात्राएं करते रहते हैं.
  • पिछले कुछ सालों से मुरादाबाद के दर्जनों पीतल कारोबारियों ने कश्मीर में भी अपना कारोबार जमाया है.
  • अनवर अली पिछले बीस सालों से लगातार कश्मीर में पीतल उत्पाद बिक्री का काम कर रहे हैं.
  • कश्मीर में अनुच्छेद 370 के कारण कठिन व्यापारिक परिस्थितियां और स्थानीय लोगों का सहयोग न मिलने के चलते वसीम वापस लौट आए थे.

केंद्र सरकार के फैसले के बाद अब दोबारा कश्मीर में कारोबार शुरू करना चाह रहें है. इस बार कश्मीर में अपनी दुकान और घर बनाने का सपना भी साथ लेकर आए हैं.
अनवर, कारोबारी

कश्मीर में पिछले कई सालों से पीतल उत्पादों की बिक्री कर रहे कारीगर जहां खुश हैं, वहीं सरकार से भी विशेष सहायता मिलने की उम्मीद लगाए हैं.

कश्मीर में हस्तशिल्प कारोबार के लिए अपार सम्भवनाएं मौजूद हैं. पर्यटन स्थल होने के चलते कश्मीर कारोबार के लिए सबसे मुफीद है. आने वाले दिनों में कश्मीर कारोबार के लिहाज से देश की सबसे बढ़िया जगहों में से एक हो सकता है. पीतल कारोबार से जुड़े लोगों के मुताबिक केंद्र सरकार कश्मीर में कारोबारियों को टैक्स में छूट और कारोबार में रियायत दे तो मंदी से जूझ रहे कारोबारी कश्मीर पलायन करने को तैयार हैं.
-सैयद गानिम., चेयरमैन ( FTTPA)

Intro:एंकर: मुरादाबाद: पीतलनगरी के नाम से दुनिया में मशहूर मुरादाबाद की कारोबारी दुनिया में अपनी अलग पहचान है. सालाना आठ हजार करोड़ से ज्यादा विदेशी मुद्रा देश में लाने वाले इस शहर में पीतल कारोबारियों और कारीगरों की भरमार है.केंद्र सरकार द्वारा जम्बू-कश्मीर से धारा 370 और 35-A हटाये जाने के बाद पीतल कारोबारी अब कश्मीर में कारोबारी उम्मीदें तलाश रहें है. कश्मीर में पिछले कई सालों से पीतल उत्पादों की बिक्री कर रहें कारीगर जहां खुश है वहीं सरकार से भी विशेष सहायता मिलने की उम्मीद लगाए है.


Body:वीओ वन: मुरादाबाद के पीतल उधोग की चमक पूरी दुनिया में फैली है. देश की बात करें तो उत्तर से दक्षिण तक पीतल कारोबारी साल भर कारोबार के सिलसिले में यात्राएं करते रहते है.पिछले कुछ सालों से मुरादाबाद के दर्जनों पीतल कारोबारियों ने कश्मीर में भी अपना कारोबार जमाया है. मुरादाबाद के रहने वाले अनवर अली पिछले बीस सालों से लगातार कश्मीर में पीतल उत्पाद बिक्री का काम कर रहें है.कश्मीर में धारा 370 के कारण कठिन व्यापारिक परिस्थितियां और स्थानीय लोगों का सहयोग न मिलने के चलते वसीम वापस लौट आएं. अनवर के मुताबिक केंद्र सरकार के फैसले के बाद अब वह दुबारा कश्मीर में कारोबार शुरू करने जा रहें है. इस बार अनवर कश्मीर में अपनी दुकान और घर बनाने का सपना भी साथ लेकर जा रहें है.
बाईट: अनवर: कारोबारी
वीओ टू: कश्मीर में हस्तशिल्प कारोबार के लिए अपार सम्भवनाएँ मौजूद है और पर्यटन स्थल होने के चलते कश्मीर कारोबार के लिए सबसे मुफीद है. वसीम जैसे दर्जनों कारीगरों और कारोबारियों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में कश्मीर कारोबार के लिहाज से देश की सबसे बढ़िया जगहों में से एक हो सकता है. पीतल कारोबार से जुड़े लोगों के मुताबिक केंद्र सरकार कश्मीर में कारोबारियों को टैक्स में छूट और कारोबार में रियायत दे तो मंदी से जूझ रहे कारोबारी कश्मीर पलायन करने को तैयार है.
बाईट: सैयद गानिम : चैयरमैन( FTTPA)


Conclusion:वीओ तीन: कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद मुरादाबाद के कारोबारियों को एक उम्मीद नजर आ रहीं है. धारा- 370 के चलते कारोबारी कश्मीर में अपने खुद के कारोबार को शुरू नहीं कर सकते थे और उन्हें स्थानीय स्तर पर मुश्किलों का भी सामना करना पड़ता था लेकिन बदले हालात में कारोबारियों को उम्मीद है कि सरकार कश्मीर को कारोबारी माहौल देगी. ऐसे में आने वाले दिनों में पीतल कारोबारी कश्मीर में विदेशी ग्राहकों के ऑर्डर तैयार करते बज्र आये तो हैरानी नहीं होनी चाहिए.
भुवन चन्द्र
ईटीवी भारत
मुरादाबाद
9634544417
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