मुरादाबाद: लॉकडाउन के दौरान जिले में फंसे बिहार के 483 मजदूर घर वापस जाने के लिए पैदल ही सड़क के रास्ते निकल पड़े. वहीं सड़क पर इतनी बड़ी संख्या में लोगों को देखकर प्रशासन के हाथ पांव फूल गए. पुलिस ने एक चेक पोस्ट पर सभी लोगों को रोक कर अधिकारियों को सूचित किया.
मजदूरों ने बताया कि 6 मई से वे बिहार जाने के लिए अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अधिकारियों की तरफ से किसी प्रकार की मदद न मिलने से त्रस्त होकर वे पैदल ही घर जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि किसी भी तरह की व्यवस्था न होने के कारण वो सभी काफी परेशान है. ये बेरोजगार हो चुके हैं और इनके पास खाने-पीने के लिए भी कुछ नहीं है. इसलिए वे पैदल ही घर जा रहे हैं.
मजदूरों ने बताया कि वे मुरादाबाद में रिक्शा चलाकर, होटल में काम करके, मजदूरी करके अपना जीवन यापन कर रहे थे, लेकिन देश में लॉकडाउन के चलते वे बेरोजगार हो गए हैं. उनके खाने-पीने के लाले पड़ गए हैं, इसलिए वह घर जा रहे हैं.
आरिफ नाम के मजदूर ने बताया कि सभी लोग बिहार में अपने घर जाना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने कई बार जिलाधिकारी के ऑफिस के चक्कर लगाए. उनके घर भी गए, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई. यहां उन्हें खाने की बहुत समस्या हो रही थी. इसीलिए वो पैदल ही घर के लिए निकल पड़े.
एसीएम राजेश कुमार ने बताया कि 483 लोगों की लिस्ट मिली है. यह सभी लोग बिहार के रहने वाले है. मुरादाबाद में अलग-अलग काम करके अपना जीवन यापन कर रहे थे. असालतपुरा हॉटस्पॉट क्षेत्र है, इसलिए जब तक इस क्षेत्र से हॉटस्पॉट समाप्त नहीं हो जाता. इन्हें कहीं नहीं भेजा जा सकता. फिलहाल बिहार सरकार से संपर्क करके सभी को बिहार भेजने की तैयारी की जा रही है.
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