मुरादाबाद: एक मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है. मौजूदा समय में कोरोना महामारी के कारण सबसे अधिक मजदूर ही प्रभावित हैं. लाॅकडाउन के कारण जहां प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी है. वहीं कुम्हारों के तैयार मिट्टी के बर्तनोंं की बिक्री नहीं हो पा रही है और उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिले के समाथल गांव के कुम्हार परिवार आने वाले दिनों को लेकर परेशान हैं.
पाकबड़ा थाना क्षेत्र के समाथल गांव में 15 कुम्हारों का परिवार रहता है. इन परिवारों की रोजी-रोटी का जरिया इनके द्वारा बनाए गए मिट्टी के बर्तनों से ही होता है. गर्मियों के मौसम में बाजार में मिट्टी के बने घड़े सहित अन्य बर्तनों की मांग बढ़ जाती है लेकिन लाॅकडाउन के कारण बाजार बंद है और बर्तनों की बिक्री नहीं हो पा रही है. कुम्हारों का कहना है कि जो पैसे थे, उससे मिट्टी आदि खरीद कर बर्तन बना दिया गया है. अगर इनकी बिक्री नहीं हुई तो आने वाले समय में गुजारा करना मुश्किल हो जाएगा.
गर्मी के मौसम में ही होती है वर्ष भर की कमाई
कुम्हार मित्रपाल ने बताया कि गर्मी के मौसम में मिट्टी के बर्तनों की मांग बढ़ जाती है और शादी-विवाह में भी मिट्टी के बर्तनों का उपयोग होता है. इससे जो कमाई होती है वर्ष भर उसी से गुजारा होता है, जो इस बार नहीं होगी.