मुरादाबाद: जिले में तीन मई तक लॉकडाउन घोषित होने के बाद से कोरोना संक्रमण को रोकने की कवायद जारी है. वहीं इसका सबसे अधिक बुरा असर किसानों पर देखने को मिल रहा है. गर्मियों के मौसम में सबसे ज्यादा डिमांड में रहने वाला खीरा, आजकल कौड़ियों के भाव बिक रहा है जिससे खीरा उगाने वाले किसान मायूस नजर आ रहे हैं. खेतों में तैयार खीरा मंडियों तक नहीं पहुंच पा रहा जिसकी वजह से किसान खेतों पर ही दो रुपए किलो के हिसाब से खीरा बेच रहे है.
कौड़ियों के भाव बिक रहा खीरा
गर्मियों के मौसम में खीरे को सलाद के तौर पर सर्वाधिक पसंद किया जाता है. कोरोना संकट के चलते ग्राहक तलाशने से भी नहीं मिल रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों ने बड़े पैमाने पर जमीन किराए पर लेकर खीरे की फसल तैयार की थी. किसानों की खीरे की फसल खेतों में तैयार है. कोरोना के चलते देश में लागू लॉकडाउन से खेतों में तैयार खीरा मंडियों तक नहीं पहुंच रहा. वहीं स्थानीय लोग खेतों से जाकर दो रुपये किलों के हिसाब से खीरा खरीद रहे हैं
किसानों को हो रहा नुकसान
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई किसान पारम्परिक फसलों के बजाय नकद फसलों को उगाने में रुचि दिखा रहे है. कोरोना संकट के चलते ऐसे किसानों को ज्यादा नुकसान हो रहा है. सब्जियां, फल और फूलों की खेती कर रहे किसान इस वक्त मुश्किल में हैं. सरकार किसानों की मदद का दावा कर रही है लेकिन ज्यादातर किसानों के पास अपनी जमीन तक नहीं है.