मुरादाबाद : जामा मस्जिद क्षेत्र के पार्टी कार्यकर्ता के यहां एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए जयंत चौधरी ने कहा कि पंचायत चुनाव में गांव के लोग भाग लेते हैं. पंचायत चुनाव में पार्टियां अपना पार्टी सिंबल नहीं देतीं. वहीं, भाजपा किसान आंदोलन से पहले ग्राम प्रधानी तक का चुनाव अपने पार्टी सिंबल पर लड़ने की बात कह रही थी. लेकिन अब किसान आंदोलन का रुख देखते हुए ग्राम पंचायत चुनाव बिना सिंबल के लड़ने की बात कह रही है. जहां भले ही पंचायत चुनाव का आरक्षण दोबारा से लागू होगा लेकिन हमारी पार्टी से जो भी प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा, हम उसका समर्थन करेंगे.
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विधानसभा चुनाव की जगह किसान आंदोलन को दे रहे बल
जयंत चौधरी ने कहा कि अभी विधानसभा चुनाव में अभी समय है. इसलिए इसमें ध्यान लगाने की जगह हम किसान आंदोलन को प्रमुखता दे रहे हैं. किसान आंदोलन का प्रभाव आने वाले विधानसभा चुनाव में दिखाई देगा. कहा कि किसान आंदोलन का हल इसलिए नहीं निकल रहा क्योंकि भाजपा सरकार इसका हल नही चाहती है. भाजपा सरकार गलतफहमी पाले हुए है. वह सोचती है कि किसान इस बात को भूल जाएगा. जिस तरह भाजपा के सांसद बयान दे रहे हैं, उससे सरकार खुद घिरती दिखाई दे रही है. कहा कि किसान आंदोलन राजनीतिक मुद्दा होना ही चाहिए. खेती किसानी राजनीतिक मुद्दे की चर्चाओं में आए, पॉलिटिकल एजेंडे में शामिल हो और किसान एक होकर सभी पॉलीटिकल पार्टी और सरकारों पर अपना दबाव बनाएं. यह निश्चित तौर पर देशहित में होगा.
मथुरा में अखिलेश यादव के साथ किसान पंचायत में मंच साझा करेंगे जयंत चौधरी
जयंत चौधरी ने कहा कि 19 मार्च को मथुरा के ऐतिहासिक मैदान में किसान पंचायत में अखिलेश यादव के साथ शामिल होंगे. 2009 में इस स्थान पर बहुत बड़ी पंचायत हुई थी. जब भूमि अधिग्रहण कानून के विरोध में आंदोलन हुआ और वहां गोलियां चलाई गईं थीं. उसके बाद किसानों को नया कानून मिला. इससे पूरे देश के किसानों को उसका लाभ मिला. हमें उम्मीद है के 19 तारिक को एक साथ मंच साझा करने से उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिवर्तन का भी एक संकेत होगा.
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'महंगाई के मामले में प्रधानमंत्री पूर्व की सरकार को ही देंगे दोष'
जयंत चौधरी ने कहा कि बंगाल के साथ सभी राज्यों में किसान आंदोलन की चर्चा है. देश के किसानों के साथ अत्याचार हो रहा है. निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. अगर महंगाई के ऊपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल करें तो वह इसका दोष पूर्व की ही सरकारों को देंगे.