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मुरादाबाद में होटल कारोबारी का कमाल, छत पर सब्जियां उगा मचाया धमाल

यूपी के मुरादाबाद में एक होटल कारोबारी अपने मकान की छत पर बागवानी कर सब्जियां उगा रहा है. कारोबारी की इस पहल से स्थानीय लोग काफी प्रेरित हैं और खेती के इस तरीके को सीख रहे हैं.

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अशोक कुमार ने छत को बनाया बागवान
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Published : Dec 2, 2019, 11:36 PM IST

मुरादाबाद: देश में बढ़ती जनसंख्या और खेती की जमीन में आ रही कमी के चलते लोग अब खेती के बदलते तरीकों को आजमा रहे हैं. पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ते प्रदूषण और रासायनिक खादों के चलते सब्जियों और फलों की गुणवत्ता सवालों के घेरे में है. शुद्ध सब्जियों और फलों के लिए महानगरों में किचन गार्डन लगातार लोगों की पसंद बन रहे है. जनपद में रहने वाले एक होटल कारोबारी अपने मकान की छत पर बागवानी कर सब्जियां उगा रहे हैं. लोगों को प्राकृतिक खाद से तैयार सब्जियां परोसने के लिए छत पर बनाए गए इस बगीचे में कई सब्जियां तैयार हो रही हैं. कारोबारी की इस पहल से स्थानीय लोग काफी प्रेरित है और खेती के इस तरीके को सीख रहे हैं.

मकान की छत पर बागवानी कर सब्जियां उगा रहे अशोक कुमार.
छत पर बगीचा तैयार कर उगा रहे सब्जियां
घर की छत पर सब्जियां उगा रहे कारोबारी अशोक कुमार मुरादाबाद जनपद के सिविल लाइन क्षेत्र में रहते हैं. इसके साथ ही पिछले कई सालों से होटल कारोबार से जुड़े हैं. पिछले कुछ सालों में सब्जियों की गुणवत्ता को लेकर उठ रहे सवालों के बीच अशोक कुमार शुद्ध सब्जियां उगाने के तरीकों को तलाश रहे थे और आखिर में उनको तरीका मिल ही गया. बाजार से सब्जियां खरीदने के बजाय अशोक कुमार ने खुद सब्जी उगाने की ठान ली और मकान की छत पर 300 स्क्वायर फीट में बगीचा तैयार कर बागवानी शुरू कर दी. छत पर लोहे के जाल के जरिये 200 से अधिक बाल्टियों को गमले का रूप भी दिया. जहां इस बगीचे में कई किस्म की सब्जियां उग रही हैं.


सिंचाई के लिए पानी की मोटर और ड्रमों का इस्तेमाल
छत पर की जा रही इस बागवानी के जरिए हरी सब्जियां, लौकी, तुरई, धनिया, टमाटर, बैगन उगाया जा रहा है. छत पर सिंचाई की व्यवस्था के लिए पानी की मोटर और ड्रमों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन सब्जियों को उगाने के लिए शुद्ध तरीके की खाद इस्तेमाल की जाती है. साथ ही पेड़ों की पत्तियां उपयोग में लाई जाती है. बागवानी से छत को सीलन से बचाने के लिए छत के ऊपर पत्थर की अलग परत बिछाई गई है.

इसे भी पढ़ें- लखनऊः डिफेंस एक्सपो में सेना के टैंकों की होगी राइडिंग, नहीं काटे जाएंगे पेड़


छोटे शहरों में बढ़ा किचन गार्डन का प्रचलन
किचन गार्डन का यह चलन महानगरों के बाद अब छोटे शहरों में भी तेजी से बढ़ने लगा है. ट्रेनर दीपाली स्थानीय स्तर पर लोगों को किचन गार्डन बनाने की ट्रेनिंग दे रही हैं. उनका कहना है कि इस तरह के तरीकों से एक परिवार अपनी जरूरत के मुताबिक न सिर्फ सब्जियां उगा सकता है बल्कि अपनी सेहत भी सुधार सकता है.


छोटी जगह में गमलों के जरिये उगाई जा सकती हैं शुद्ध सब्जियां
छतों पर तैयार सब्जियों का यह बगीचा आधुनिक वक्त की जरूरत बनता जा रहा है. छोटी जगह में बहुत कम लागत पर गमलों के जरिये भी शुद्ध सब्जियां उगाई जा सकती है. प्रदूषण और रासायनिक खादों के ज्यादा उपयोग के बाद लोग सेहत को लेकर चिंतित हैं. ऐसे में अपने घर में उगाई सब्जियां और फल इस चिंता को कम करने का एक रास्ता दिखाते हैं.

इसे भी पढ़ें- गर्मियों में अपने गार्डन को हरा-भरा रखना है तो जानिए एक्सपर्ट की राय

मुरादाबाद: देश में बढ़ती जनसंख्या और खेती की जमीन में आ रही कमी के चलते लोग अब खेती के बदलते तरीकों को आजमा रहे हैं. पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ते प्रदूषण और रासायनिक खादों के चलते सब्जियों और फलों की गुणवत्ता सवालों के घेरे में है. शुद्ध सब्जियों और फलों के लिए महानगरों में किचन गार्डन लगातार लोगों की पसंद बन रहे है. जनपद में रहने वाले एक होटल कारोबारी अपने मकान की छत पर बागवानी कर सब्जियां उगा रहे हैं. लोगों को प्राकृतिक खाद से तैयार सब्जियां परोसने के लिए छत पर बनाए गए इस बगीचे में कई सब्जियां तैयार हो रही हैं. कारोबारी की इस पहल से स्थानीय लोग काफी प्रेरित है और खेती के इस तरीके को सीख रहे हैं.

मकान की छत पर बागवानी कर सब्जियां उगा रहे अशोक कुमार.
छत पर बगीचा तैयार कर उगा रहे सब्जियां
घर की छत पर सब्जियां उगा रहे कारोबारी अशोक कुमार मुरादाबाद जनपद के सिविल लाइन क्षेत्र में रहते हैं. इसके साथ ही पिछले कई सालों से होटल कारोबार से जुड़े हैं. पिछले कुछ सालों में सब्जियों की गुणवत्ता को लेकर उठ रहे सवालों के बीच अशोक कुमार शुद्ध सब्जियां उगाने के तरीकों को तलाश रहे थे और आखिर में उनको तरीका मिल ही गया. बाजार से सब्जियां खरीदने के बजाय अशोक कुमार ने खुद सब्जी उगाने की ठान ली और मकान की छत पर 300 स्क्वायर फीट में बगीचा तैयार कर बागवानी शुरू कर दी. छत पर लोहे के जाल के जरिये 200 से अधिक बाल्टियों को गमले का रूप भी दिया. जहां इस बगीचे में कई किस्म की सब्जियां उग रही हैं.


सिंचाई के लिए पानी की मोटर और ड्रमों का इस्तेमाल
छत पर की जा रही इस बागवानी के जरिए हरी सब्जियां, लौकी, तुरई, धनिया, टमाटर, बैगन उगाया जा रहा है. छत पर सिंचाई की व्यवस्था के लिए पानी की मोटर और ड्रमों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन सब्जियों को उगाने के लिए शुद्ध तरीके की खाद इस्तेमाल की जाती है. साथ ही पेड़ों की पत्तियां उपयोग में लाई जाती है. बागवानी से छत को सीलन से बचाने के लिए छत के ऊपर पत्थर की अलग परत बिछाई गई है.

इसे भी पढ़ें- लखनऊः डिफेंस एक्सपो में सेना के टैंकों की होगी राइडिंग, नहीं काटे जाएंगे पेड़


छोटे शहरों में बढ़ा किचन गार्डन का प्रचलन
किचन गार्डन का यह चलन महानगरों के बाद अब छोटे शहरों में भी तेजी से बढ़ने लगा है. ट्रेनर दीपाली स्थानीय स्तर पर लोगों को किचन गार्डन बनाने की ट्रेनिंग दे रही हैं. उनका कहना है कि इस तरह के तरीकों से एक परिवार अपनी जरूरत के मुताबिक न सिर्फ सब्जियां उगा सकता है बल्कि अपनी सेहत भी सुधार सकता है.


छोटी जगह में गमलों के जरिये उगाई जा सकती हैं शुद्ध सब्जियां
छतों पर तैयार सब्जियों का यह बगीचा आधुनिक वक्त की जरूरत बनता जा रहा है. छोटी जगह में बहुत कम लागत पर गमलों के जरिये भी शुद्ध सब्जियां उगाई जा सकती है. प्रदूषण और रासायनिक खादों के ज्यादा उपयोग के बाद लोग सेहत को लेकर चिंतित हैं. ऐसे में अपने घर में उगाई सब्जियां और फल इस चिंता को कम करने का एक रास्ता दिखाते हैं.

इसे भी पढ़ें- गर्मियों में अपने गार्डन को हरा-भरा रखना है तो जानिए एक्सपर्ट की राय

Intro:एंकर: मुरादाबाद: देश में बढ़ती जनसंख्या और खेती की जमीन में हो रहीं कमी के चलते लोग अब खेती के बदलते तरीकों को आजमा रहे है. पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ते प्रदूषण और रासायनिक खादों के चलते सब्जियों और फलों की गुणवत्ता सवालों के घेरे में है. शुद्ध सब्जियों और फलों के लिए महानगरों में किचन गार्डन लगातार लोगों की पसंद बन रहे है. मुरादाबाद जनपद में रहने वाले एक होटल कारोबारी अपने मकान की छत पर बागवानी कर सब्जियां उगा रहें है. लोगों को प्राकृतिक खाद से तैयार सब्जियां परोसने के लिए छत पर बनाये इस बगीचे में कई सब्जियां तैयार हो रहीं है. कारोबारी की इस पहल से स्थानीय लोग काफी प्रेरित है और खेती के इस तरीके को सीख रहें है.


Body:बाईट: अशोक कुमार गुप्ता: कारोबारी
वीओ वन: घर की छत पर सब्जियां उगा रहें अशोक कुमार मुरादाबाद जनपद के सिविल लाइन क्षेत्र में रहते है और पिछले कई सालों से होटल कारोबार से जुड़े है. पिछले कुछ सालों में सब्जियों की गुणवत्ता को लेकर उठ रहे सवालों के बीच अशोक कुमार शुद्ध सब्जियां उगाने के तरीकों को तलाश रहें थे और आखिर में उनको तरीका मिल ही गया. बाजार से सब्जियां खरीदने के बजाय अशोक कुमार ने खुद सब्जी उगाने के फैसला लिया और मकान की छत पर तीन सौ स्क्वायर फीट में बगीचा तैयार कर बागवानी शुरू कर दी. छत पर लोहे के जाल के जरिये दो सौ से अधिक बाल्टियों को गमले का रूप भी दिया गया और आज इस बगीचें में कई किस्म की सब्जियां उग रहीं है.
बाईट: अशोक कुमार: कारोबारी
वीओ टू: छत पर हो रहीं इस बागवानी के जरिये हरी सब्जियां, लौकी, तुरई, धनिया, टमाटर, बैगन उगाया जा रहा है. छत पर सिंचाई की व्यवस्था के लिए पानी की मोटर और ड्रमों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन सब्जियों को उगाने के लिए शुद्ध तरीके की खाद इस्तेमाल की जाती है साथ ही पेड़ों की पत्तियां उपयोग में लाई जाती है. बागवानी से छत को सीलन से बचाने के लिए छत के ऊपर पत्थर की अलग परत बिछाई गई है.
बाईट: अशोक कुमार: कारोबारी
वीओ तीन: किचन गार्डन का यह चलन महानगरों के बाद अब छोटे शहरों में भी तेजी से बढ़ने लगा है. स्थानीय स्तर पर लोगों को किचन गार्डन बनाने की ट्रेनिंग दे रहीं दीपाली त्यागी के मुताबिक इस तरह के तरीकों से एक परिवार अपनी जरूरत के मुताबिक न सिर्फ सब्जियां उगा सकता है बल्कि अपनी सेहत भी सुधार सकता है.
बाईट: दीपाली गुप्ता: ट्रेनर


Conclusion:वीओ तीन: छतों में तैयार सब्जियों का यह बगीचा आधुनिक वक्त की जरूरत बनता जा रहा है. छोटी जगह में बहुत कम लागत पर गमलों के जरिये भी शुद्ध सब्जियां उगाई जा सकती है. प्रदूषण और रासायनिक खादों के ज्यादा उपयोग के बाद लोग सेहत को लेकर चिंतित है ऐसे में अपने घर में उगाई सब्जियां और फल इस चिंता को कम करने का एक रास्ता दिखाते है.
भुवन चन्द्र
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