मुरादाबाद: देश में बढ़ती जनसंख्या और खेती की जमीन में आ रही कमी के चलते लोग अब खेती के बदलते तरीकों को आजमा रहे हैं. पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ते प्रदूषण और रासायनिक खादों के चलते सब्जियों और फलों की गुणवत्ता सवालों के घेरे में है. शुद्ध सब्जियों और फलों के लिए महानगरों में किचन गार्डन लगातार लोगों की पसंद बन रहे है. जनपद में रहने वाले एक होटल कारोबारी अपने मकान की छत पर बागवानी कर सब्जियां उगा रहे हैं. लोगों को प्राकृतिक खाद से तैयार सब्जियां परोसने के लिए छत पर बनाए गए इस बगीचे में कई सब्जियां तैयार हो रही हैं. कारोबारी की इस पहल से स्थानीय लोग काफी प्रेरित है और खेती के इस तरीके को सीख रहे हैं.
सिंचाई के लिए पानी की मोटर और ड्रमों का इस्तेमाल
छत पर की जा रही इस बागवानी के जरिए हरी सब्जियां, लौकी, तुरई, धनिया, टमाटर, बैगन उगाया जा रहा है. छत पर सिंचाई की व्यवस्था के लिए पानी की मोटर और ड्रमों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन सब्जियों को उगाने के लिए शुद्ध तरीके की खाद इस्तेमाल की जाती है. साथ ही पेड़ों की पत्तियां उपयोग में लाई जाती है. बागवानी से छत को सीलन से बचाने के लिए छत के ऊपर पत्थर की अलग परत बिछाई गई है.
इसे भी पढ़ें- लखनऊः डिफेंस एक्सपो में सेना के टैंकों की होगी राइडिंग, नहीं काटे जाएंगे पेड़
छोटे शहरों में बढ़ा किचन गार्डन का प्रचलन
किचन गार्डन का यह चलन महानगरों के बाद अब छोटे शहरों में भी तेजी से बढ़ने लगा है. ट्रेनर दीपाली स्थानीय स्तर पर लोगों को किचन गार्डन बनाने की ट्रेनिंग दे रही हैं. उनका कहना है कि इस तरह के तरीकों से एक परिवार अपनी जरूरत के मुताबिक न सिर्फ सब्जियां उगा सकता है बल्कि अपनी सेहत भी सुधार सकता है.
छोटी जगह में गमलों के जरिये उगाई जा सकती हैं शुद्ध सब्जियां
छतों पर तैयार सब्जियों का यह बगीचा आधुनिक वक्त की जरूरत बनता जा रहा है. छोटी जगह में बहुत कम लागत पर गमलों के जरिये भी शुद्ध सब्जियां उगाई जा सकती है. प्रदूषण और रासायनिक खादों के ज्यादा उपयोग के बाद लोग सेहत को लेकर चिंतित हैं. ऐसे में अपने घर में उगाई सब्जियां और फल इस चिंता को कम करने का एक रास्ता दिखाते हैं.
इसे भी पढ़ें- गर्मियों में अपने गार्डन को हरा-भरा रखना है तो जानिए एक्सपर्ट की राय