ETV Bharat / state

लॉकडाउन: बर्बाद होने की कगार पर हैं नर्सरियां, ग्राहकों के इंतजार में दम तोड़ रहे पौधे

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में लॉकडाउन लागू होने के बाद से नर्सरियों में कोई ग्राहक नहीं पहुंच रहा है. पौधों की बिक्री नहीं होने से फूलों और अन्य पौधे बर्बाद हो रहे हैं. ऐसे में नर्सरी संचालकों को हर रोज हजारों रुपये का नुकसान हो रहा है.

मुरादाबाद में लॉकडाउन के बाद नहीं हो रही पौधों की बिक्री
मुरादाबाद में लॉकडाउन के बाद नहीं हो रही पौधों की बिक्री
author img

By

Published : Apr 11, 2020, 3:05 PM IST

मुरादाबाद: कोरोना संकट के चलते लागू लॉकडाउन से कई कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. मुरादाबाद जनपद में पौधों की नर्सरी से जुड़े लोग आजकल पौधों की बिक्री नहीं होने से खाली बैठे हैं. वहीं नर्सरी में रखे फूलों और दूसरे बागवानी के पौधे बड़े पैमाने पर बर्बाद हो रहे हैं. ऐसे में नर्सरी संचालकों के सामने दोहरी दिक्कत यह है कि एक तरफ ग्राहक न होने से पौधे नहीं बिक रहे हैं, वहीं स्टॉफ और पौधों के रख-रखाव का खर्चा लगातार बना हुआ है. लॉकडाउन के चलते लोगों के घरों में बागवानी का काम बंद है, जिससे नर्सरी संचालकों को हर रोज हजारों रुपये का नुकसान हो रहा है.

मुरादाबाद में लॉकडाउन के बाद नहीं हो रही पौधों की बिक्री

इंतजार में दम तोड़ रहे पौधे

गर्मी का मौसम शुरू होते ही नर्सरी में रखे पौधों में फूल खिल गए हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते ग्राहक यहां नजर नहीं आते. ग्राहकों के इंतजार में हर रोज फूलों के कई पौधे इंतजार में दम तोड़ रहे हैं और इसका खामियाजा नर्सरी चला रहे लोगों को उठाना पड़ रहा है.

सामान्य हालात में इन दिनों लोग बड़े पैमाने पर फूल और अन्य पौधों की खरीदारी करते थे, वहीं छुट्टियों के दौरान लोग घरों में बागवानी करके पौधे लगाते थे. लेकिन लॉकडाउन लागू होने के बाद लोग घरों से नहीं निकल पा रहे हैं, और न ही नर्सरी में काम करने वाले मजदूर लोगों के घर जा रहे हैं.

फूलों की कई प्रजातियां इस मौसम में ही बिकती हैं, लेकिन अब ज्यादातर फूल नर्सरी में ही खिलकर गिर रहे हैं. पौधों को बचाने के लिए नर्सरी चला रहे लोगों को अब दुगुनी मेहनत करनी पड़ रही है, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है.

बंद होने के कगार पर हैं नर्सरियां

जनपद में फूल-पौधों की नर्सरियों की संख्या पचास से ज्यादा है. लेकिन लॉकडाउन के बाद से इन नर्सरियों से एक भी पौधा नहीं बेचा गया है. साथ ही ज्यादातर नर्सरियों में पौधों के रख-रखाव के लिए स्टाफ रखा गया है, जिसका खर्चा संचालक ही उठा रहे है. ऐसे में नर्सरियों में हर रोज फूलों के कई पौधे बर्बाद होने के बाद नर्सरी संचालक भी परेशान हैं.

लॉकडाउन की अवधि बढ़ने पर संचालकों के मुताबिक उनके सामने स्टाफ को कम करने और नर्सरी बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जायेगा. इन नर्सरियों में कई पौधों की कीमत लाखों रुपये तक है, जिनको बचाना भी एक बड़ी चुनौती है.

नर्सरी संचालक लॉकडाउन की अवधि बढ़ने पर नर्सरी संचालन बंद करने पर भी विचार कर रहे हैं, ताकि हर रोज स्टाफ से लेकर दवाइयों और पौधों को बचाने पर हो रहे खर्चें को नियंत्रित किया जा सके.

मुरादाबाद: कोरोना संकट के चलते लागू लॉकडाउन से कई कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. मुरादाबाद जनपद में पौधों की नर्सरी से जुड़े लोग आजकल पौधों की बिक्री नहीं होने से खाली बैठे हैं. वहीं नर्सरी में रखे फूलों और दूसरे बागवानी के पौधे बड़े पैमाने पर बर्बाद हो रहे हैं. ऐसे में नर्सरी संचालकों के सामने दोहरी दिक्कत यह है कि एक तरफ ग्राहक न होने से पौधे नहीं बिक रहे हैं, वहीं स्टॉफ और पौधों के रख-रखाव का खर्चा लगातार बना हुआ है. लॉकडाउन के चलते लोगों के घरों में बागवानी का काम बंद है, जिससे नर्सरी संचालकों को हर रोज हजारों रुपये का नुकसान हो रहा है.

मुरादाबाद में लॉकडाउन के बाद नहीं हो रही पौधों की बिक्री

इंतजार में दम तोड़ रहे पौधे

गर्मी का मौसम शुरू होते ही नर्सरी में रखे पौधों में फूल खिल गए हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते ग्राहक यहां नजर नहीं आते. ग्राहकों के इंतजार में हर रोज फूलों के कई पौधे इंतजार में दम तोड़ रहे हैं और इसका खामियाजा नर्सरी चला रहे लोगों को उठाना पड़ रहा है.

सामान्य हालात में इन दिनों लोग बड़े पैमाने पर फूल और अन्य पौधों की खरीदारी करते थे, वहीं छुट्टियों के दौरान लोग घरों में बागवानी करके पौधे लगाते थे. लेकिन लॉकडाउन लागू होने के बाद लोग घरों से नहीं निकल पा रहे हैं, और न ही नर्सरी में काम करने वाले मजदूर लोगों के घर जा रहे हैं.

फूलों की कई प्रजातियां इस मौसम में ही बिकती हैं, लेकिन अब ज्यादातर फूल नर्सरी में ही खिलकर गिर रहे हैं. पौधों को बचाने के लिए नर्सरी चला रहे लोगों को अब दुगुनी मेहनत करनी पड़ रही है, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है.

बंद होने के कगार पर हैं नर्सरियां

जनपद में फूल-पौधों की नर्सरियों की संख्या पचास से ज्यादा है. लेकिन लॉकडाउन के बाद से इन नर्सरियों से एक भी पौधा नहीं बेचा गया है. साथ ही ज्यादातर नर्सरियों में पौधों के रख-रखाव के लिए स्टाफ रखा गया है, जिसका खर्चा संचालक ही उठा रहे है. ऐसे में नर्सरियों में हर रोज फूलों के कई पौधे बर्बाद होने के बाद नर्सरी संचालक भी परेशान हैं.

लॉकडाउन की अवधि बढ़ने पर संचालकों के मुताबिक उनके सामने स्टाफ को कम करने और नर्सरी बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जायेगा. इन नर्सरियों में कई पौधों की कीमत लाखों रुपये तक है, जिनको बचाना भी एक बड़ी चुनौती है.

नर्सरी संचालक लॉकडाउन की अवधि बढ़ने पर नर्सरी संचालन बंद करने पर भी विचार कर रहे हैं, ताकि हर रोज स्टाफ से लेकर दवाइयों और पौधों को बचाने पर हो रहे खर्चें को नियंत्रित किया जा सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.