मुरादाबाद: कोरोना संक्रमण के चलते देश में लागू लॉकडाउन को तीन मई तक बढाया गया है. लॉकडाउन बढ़ाये जाने से जहां कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने की कवायद की जा रही है, वहीं कई परिवारों की दिक्कत भी बढ़ गई है. मुरादाबाद जनपद के कुंदरकी थाना क्षेत्र में स्थित एक परिवार आजकल ऐसी समस्या से दो-चार हो रहा है जो अक्सर कम ही देखने में आता है.
दरअसल परिवार ने 21 मार्च को अपनी बेटी की शादी की थी जिसके लिए सभी मेहमानों को बुलाया गया था. शादी के बाद लॉकडाउन लागू हो गया और पैंतीस से ज्यादा मेहमान घर में ही रुक गए. अब परिवार के पास मेहमानों की आवभगत के लिए इंतजाम नहीं है लिहाजा मेजबान आंखों में आंसू लिए सरकार से मेहमानों को घर भेजने की गुहार लगा रहें है.
21 मार्च को थी शकील की बेटी की शादी
दरअसल कुंदरकी थाना क्षेत्र के कायस्थान मोहल्ले में रहने वाले शकील ने 21 मार्च को अपनी बेटी की शादी की थी. जिसके लिए आगरा, मथुरा, हरियाणा और अन्य शहरों में रहने वाले रिश्तेदारों को आमंत्रित किया गया. शादी की दावत के बीच देश में लॉकडाउन घोषित हुआ तो शादी में आए 35 मेहमान शकील के घर पर ही रुक गए. 21 दिन का लॉकडाउन समाप्त हुआ तो घर जाने की उम्मीद थी, लेकिन अब मेहमान भी फफक-फफक कर रो रहें है.
पहले शादी का खर्च और अब मेहमानों के खाने-पीने के इंतजाम में शकील की हिम्मत जबाब देने लगी है. घर में मेहमानों के खाने-पीने की दिक्कत शुरू हो गयी है. पैंतीस मेहमानों के खाने-पीने पर हर रोज हजारों रुपये का खर्चा शकील और परिवार की आंखों को नम कर रहा है. मेहमान घर जाने को तैयार है लेकिन वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद है. शकील का परिवार रोते हुए मेहमानों को भेजने की गुहार सरकार से लगा रहा है लेकिन अब लॉकडाउन की अवधि बढ़ने के बाद मेहमानों का वापस जाना मुश्किल हो गया है.
लॉकडाउन में 35 मेहमानों का खर्च उठा रहे शकील और उनका परिवार अब मेहमानों के घर जाने की दुआ कर रहा है. शादी की यह दावत शकील और उनके मेहमान ताउम्र याद रखने का दावा कर रहें है. फिलहाल मेहमानों को अलग-अलग ग्रुप में पड़ोसियों के घर ठहराया गया है.