मुरादाबाद: लॉकडाउन में फंसे बिहार के मजदूर, मदरसे के छात्र, आम नागरिक और शेल्टर होम में क्वारेंटाइन किये गए लोगों को ट्रेन से बिहार भेजा गया. इनकी संख्या 1584 है. यह सभी लोग बिहार के पूर्णिया जिले के रहने वाले हैं. प्रशासन ने आपदा राहत कोष से रेलवे किराये की व्यवस्था की है. मेडिकल चेकअप के बाद बसों के जरिये रेलवे स्टेशन पर इन लोगों को पहुंचाया गया. सभी का मेडिकल प्रमाण पत्र देखने के बाद ट्रेन में बैठाया गया.
प्रशासन ने सभी लोगों से घर वापसी के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए कहा था, जिसके बाद 1584 लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किया था. इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने बिहार सरकार से इन लोगों को भेजने की अनुमति मांगी थी. बिहार सरकार से अनुमति मिलने के बाद प्रशासन ने रेलवे अधिकारियों से बिहार के पूर्णिया जाने के लिए ट्रेन की व्यवस्था करने की मांग की थी. सभी यात्रियों के टिकट का खर्चा भी प्रशासन की तरफ से दैविक आपदा राहत कोष से दिया गया है.
स्टेशन पर जिलाधिकारी व रेलवे के अधिकारी यात्रियों को भेजने के लिए व्यवस्था में लगे रहे. मुरादाबाद के अलग अलग क्षेत्रों से लोगों का पहले स्वास्थ परीक्षण कराया गया, उसके बाद बस के जरिये स्टेशन लाया गया. स्टेशन पर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया गया. सभी यात्रियों के टिकट चेक कर ट्रेन में बैठा कर उन्हें रवाना किया गया.
मदरसे के छात्र ने बताया अपना अनुभव
इस दौरान मुदासिर राजा ने बताया कि तीन महीने से वो मुरादाबाद में रुका हुआ था. वह बिहार के पूर्णिया जिले का रहने वाला है. मदरसे में पढ़ाई करता है. उसने ये भी बताया की लॉकडाउन की वजह से घर नहीं जा सका था, जिस कारण काफी परेशान था.
एडीएम प्रशासन ने दी जानकारी
एडीएम प्रशासन लक्ष्मी शंकर सिंह ने बताया कि ट्रेन में 22 कोच हैं. एक कोच में 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है. 1540 रजिस्ट्रेशन लोगों ने किए थे. इसमें से 10 प्रतिशत लोग नहीं आये हैं. उन लोगों की जगह जिन लोगों ने पहले से रजिस्ट्रेशन करा रखा था और जो लोग शेल्टर होम में रुके हुए थे उनका मेडिकल चेकअप कराकर तुरंत टिकट करके भेजा गया है. किसी से टिकट का पैसा नहीं लिया गया है. प्रशासन की तरफ से दैविक आपदा राहत कोष से सभी को घर भेजने की व्यवस्था की गई है.
डीआरएम ने दिया व्यवस्था का ब्योरा
डीआरएम तरुण प्रकाश ने बताया कि रेलवे की तरफ से बिहार जाने के लिए ट्रेन की व्यवस्था की गई है. स्टेशन पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया है. राज्य सरकार की मांग पर ट्रेन की व्यवस्था की गयी है. सभी के टिकट चेक करके उनको ट्रेन में बैठाया गया है. रेलवे ने सभी कार्य पूर्ण करने के बाद ट्रेन को रवाना किया है.