मुरादाबाद : जनपद में जुलाई महीने में कोरोना संक्रमण के मामलों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. पिछले एक महीने में 1500 लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया जबकि 30 मरीजों ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तमाम कोशिशों के बाद भी संक्रमण की दर लगातार बढ़ती जा रही है.
सामाजिक दूरी का पालन न करने और बाजारों में हर रोज जमा हो रहीं भीड़ के चलते आने वाले दिनों में यह आंकड़ा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. मार्च से जून के आखिरी सप्ताह तक महज 478 लोग कोरोना पॉजिटिव थे, लेकिन जुलाई के आखिर में यह संख्या 1900 के पार पहुंच चुकी है. जुलाई में तीस मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग भी चिंतित नजर आ रहा है.
मुरादाबाद जनपद में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 21 मार्च को सामने आया था. जब फ्रांस से लौटी मेडिकल छात्रा में कोरोना की पुष्टि हुई थी. कोरोना का पहला मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने लोगों से नियमों का पालन करने की अपील भी की, लेकिन संक्रमण धीरे-धीरे बढ़ता गया. 30 जून तक जनपद में कोरोना के 478 मामले सामने आए थे. जबकि 23 लोगों की मौत हुई थी. अनलॉक पार्ट- 1.0 में लोगों द्वारा की गई लाहपरवाही का नतीजा जुलाई महीने में देखने को मिला.
एक ही महीने में लगभग 1500 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए. संक्रमित मरीजों में व्यापारी, कारोबारी, रेलवे कर्मी, रोडवेज कर्मी, पुलिस जवान, बैंक कर्मी शामिल रहे. 31 जुलाई तक जनपद में कुल मरीजों की संख्या 1964 हो चुकी है. जबकि मौतों का आंकड़ा 53 तक पहुंचा है. सीएमओ एमसी गर्ग के मुताबिक जुलाई महीने में ज्यादा लोगों के कोरोना टेस्ट कराए गए हैं. जिसके चलते बिना लक्षण वाले मरीज पॉजिटिव आये हैं. स्वास्थ्य विभाग संक्रमण रोकने के लिए ज्यादा संख्या में लोगों की जांच कर रहा है.
कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अब RT-PCR, ट्रू-नेट मशीन, जिला अस्पताल लैब और एंटीजन किट से लोगों की जांच शुरू की है. जिसके बाद हर रोज संक्रमित मरीजों का आंकड़ा सौ के पार पहुंच रहा है. जनपद में अब तक 31 हजार से ज्यादा लोगों के कोरोना टेस्ट किये जा चुके हैं. एंटीजन किट द्वारा 16 हजार लोगों की जांच में लगभग 500 मरीज संक्रमित पाए गए हैं. प्रशासन के मुताबिक बिना लक्षण वाले संक्रमित मरीज कोरोना संक्रमण फैलाने के लिए जिम्मेदार है, लिहाजा उनकी पहचान कराना सबसे बड़ी प्राथमिकता है.
स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के सामने सबसे बड़ी दिक्कत आने वाले दिनों को लेकर है. मानसून के मौसम में बरसात के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी संक्रमण बढ़ने की आशंका जता रहे है जिसके चलते कोविड-19 अस्पतालों में इंतजाम बढ़ाने और नए अस्पतालों को शुरू करना एक चुनौती है.