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मिर्जापुर के दीपक गुप्ता बनाते हैं दुनिया का सबसे छोटा समोसा

उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर के रहने वाले दीपक गुप्ता दुनिया का सबसे छोटा समोसा बनाते हैं. इस हुनर के कारण उन्हें 2013 में शाबाश इंडिया प्रोग्राम में प्रथम पुरस्कार मिला था. वहीं अब यह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराना चाहते हैं.

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Published : Jul 6, 2020, 4:21 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

etv bharatदीपक ने बनाए सबसे छोटे समोसे
दीपक ने बनाए सबसे छोटे समोसे

मिर्जापुर: हाथों में चकला-बेलन लिए, मिर्जापुर के दीपक गुप्ता बना रहे हैं दुनिया का सबसे छोटा और लजीज समोसा. इनका हुनर ऐसा है जिसके कारण ये अब तक कई पुरस्कार अपने नाम कर चुके हैं. ये एक ग्राम मैदे में 100 से ज्यादा समोसे बनाने का रिकॉर्ड दर्ज कर चुके हैं और इसी हुनर के कारण 2013 में शाबाश इंडिया में इन्हें प्रथम प्राइज मिला था. ये जिले में छोटे समोसे वाले के नाम से जाने जाते हैं.

दीपक ने बनाए सबसे छोटे समोसे

परिवार के साथ चलाते हैं दुकान
जिले में दीपक की एक मिठाई की दुकान है, जिसे वे अपने परिवार के साथ चलाते हैं. वे बताते हैं कि बचपन से ही वह बचे हुए सामानों से छोटे समोसे बनाया करते थे. वहीं उनकी शादी के बाद उनकी पत्नी को ये छोटे समोसे बहुत भाए. अपनी पत्नी की इच्छा को पूरी करने के लिए वे ये छोटे समोसे बनाते रहे और आज वे दुनिया का सबसे छोटा समोसा बना रहे हैं.

दूर-दूर से आते हैं ग्राहक
जिले के पसरहट्टा बाजार के रहने वाले दीपक की दुकान पर दूर-दूर से लोग आकर इस छोटे वाले समोसे की दुकान पर आकर समोसा ले जाते हैं. लोगों का कहना है कि इस तरह का समोसा पूरे मिर्जापुर में नहीं मिलता है. यहां तक की देसी घी वाले दुकान भी इस दुकान के आगे फीकी हो गई हैं.

छोटे से समोसे में भरे रहते हैं आलू
दीपक के इस हुनर को देखकर हर कोई हैरान है. बड़ी बात यह है कि इतने छोटे समोसे में आलू भी भरा रहता है. 2013 में शाबाश इंडिया में इन्हें प्रथम पुरस्कार मिला था. इसके अलावा दीपक कई और जगह भी पुरस्कृत किए गए. दीपक एक ग्राम मैदे में सबसे ज्यादा समोसे बनाने का रिकॉर्ड बना चुके हैं. उन्हें इतने समोसे बनाने में एक घंटा लगता है. वे इसे छोटे बेलन कढ़ाई और चकले पर बनाते हैं. हैरानी की बात यह है कि इतने छोटे समोसे में वह सारी खूबियां होती हैं जो कि एक बड़े समोसे में होती है. आज भी इनकी दुकान में एक रुपये का समोसा मिलता है. हालांकि कोरोना के कारण अभी ये समोसे नहीं बना पा रहे हैं.

एक ग्राम मैदा में बन जाते हैं 100 से ज्यादा समोसे
दीपक का कहना है कि उनकी पत्नी को छोटे वाले ज्यादा समोसे पसंद थे. इसीलिए वो छोटे समोसे बनाने लगे और आज वे सबसे छोटा समोसे बना लेते हैं. एक ग्राम मैदे में 100 से ज्यादा समोसे बना सकते हैं. दीपक की दुकान पर समोसे खाने वालों का जमावड़ा लगा रहता है.

देसी घी वाली दुकानें भी पड़ीं फिकी
दुकान पर समोसे खरीदने आए लोगों कहना है कि बहुत दूर-दूर से लोग छोटे समोसे वाले की दुकान पर आते हैं. देसी घी की दुकानें, इस दुकान के समोसे के आगे फीकी हो गई है. ऐसी मिठाई और ऐसा समोसा दीपक ने बेचते हैं कि लोग एक बार खा लेते हैं तो उसका स्वाद नहीं भूल पाते.

गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने का सपना
लोगों का कहना है कि मिर्जापुर में इस तरह की दूसरी दुकान नहीं बन पाई है. दीपक समोसे के स्पेशलिस्ट कहे जाते हैं. पक्के समोसे एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों खाए जा सकते हैं. आज भी इस दुकान पर एक रुपये में समोसे मिलते हैं. दीपक गुप्ता की तमन्ना है कि इसके लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए और इसके लिए उन्होंने आवेदन भी किया है. इसके बाद उनसे विवरण मांगा गया है.

दीपक का कहना है कि एक ग्राम मैदे में 100 समोसे से ज्यादा बना सकते हैं. मगर अब देखना होगा दीपक की सबसे छोटा समोसा गिनीज बुक में जगह बना पाता है या नहीं.

मिर्जापुर: हाथों में चकला-बेलन लिए, मिर्जापुर के दीपक गुप्ता बना रहे हैं दुनिया का सबसे छोटा और लजीज समोसा. इनका हुनर ऐसा है जिसके कारण ये अब तक कई पुरस्कार अपने नाम कर चुके हैं. ये एक ग्राम मैदे में 100 से ज्यादा समोसे बनाने का रिकॉर्ड दर्ज कर चुके हैं और इसी हुनर के कारण 2013 में शाबाश इंडिया में इन्हें प्रथम प्राइज मिला था. ये जिले में छोटे समोसे वाले के नाम से जाने जाते हैं.

दीपक ने बनाए सबसे छोटे समोसे

परिवार के साथ चलाते हैं दुकान
जिले में दीपक की एक मिठाई की दुकान है, जिसे वे अपने परिवार के साथ चलाते हैं. वे बताते हैं कि बचपन से ही वह बचे हुए सामानों से छोटे समोसे बनाया करते थे. वहीं उनकी शादी के बाद उनकी पत्नी को ये छोटे समोसे बहुत भाए. अपनी पत्नी की इच्छा को पूरी करने के लिए वे ये छोटे समोसे बनाते रहे और आज वे दुनिया का सबसे छोटा समोसा बना रहे हैं.

दूर-दूर से आते हैं ग्राहक
जिले के पसरहट्टा बाजार के रहने वाले दीपक की दुकान पर दूर-दूर से लोग आकर इस छोटे वाले समोसे की दुकान पर आकर समोसा ले जाते हैं. लोगों का कहना है कि इस तरह का समोसा पूरे मिर्जापुर में नहीं मिलता है. यहां तक की देसी घी वाले दुकान भी इस दुकान के आगे फीकी हो गई हैं.

छोटे से समोसे में भरे रहते हैं आलू
दीपक के इस हुनर को देखकर हर कोई हैरान है. बड़ी बात यह है कि इतने छोटे समोसे में आलू भी भरा रहता है. 2013 में शाबाश इंडिया में इन्हें प्रथम पुरस्कार मिला था. इसके अलावा दीपक कई और जगह भी पुरस्कृत किए गए. दीपक एक ग्राम मैदे में सबसे ज्यादा समोसे बनाने का रिकॉर्ड बना चुके हैं. उन्हें इतने समोसे बनाने में एक घंटा लगता है. वे इसे छोटे बेलन कढ़ाई और चकले पर बनाते हैं. हैरानी की बात यह है कि इतने छोटे समोसे में वह सारी खूबियां होती हैं जो कि एक बड़े समोसे में होती है. आज भी इनकी दुकान में एक रुपये का समोसा मिलता है. हालांकि कोरोना के कारण अभी ये समोसे नहीं बना पा रहे हैं.

एक ग्राम मैदा में बन जाते हैं 100 से ज्यादा समोसे
दीपक का कहना है कि उनकी पत्नी को छोटे वाले ज्यादा समोसे पसंद थे. इसीलिए वो छोटे समोसे बनाने लगे और आज वे सबसे छोटा समोसे बना लेते हैं. एक ग्राम मैदे में 100 से ज्यादा समोसे बना सकते हैं. दीपक की दुकान पर समोसे खाने वालों का जमावड़ा लगा रहता है.

देसी घी वाली दुकानें भी पड़ीं फिकी
दुकान पर समोसे खरीदने आए लोगों कहना है कि बहुत दूर-दूर से लोग छोटे समोसे वाले की दुकान पर आते हैं. देसी घी की दुकानें, इस दुकान के समोसे के आगे फीकी हो गई है. ऐसी मिठाई और ऐसा समोसा दीपक ने बेचते हैं कि लोग एक बार खा लेते हैं तो उसका स्वाद नहीं भूल पाते.

गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने का सपना
लोगों का कहना है कि मिर्जापुर में इस तरह की दूसरी दुकान नहीं बन पाई है. दीपक समोसे के स्पेशलिस्ट कहे जाते हैं. पक्के समोसे एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों खाए जा सकते हैं. आज भी इस दुकान पर एक रुपये में समोसे मिलते हैं. दीपक गुप्ता की तमन्ना है कि इसके लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए और इसके लिए उन्होंने आवेदन भी किया है. इसके बाद उनसे विवरण मांगा गया है.

दीपक का कहना है कि एक ग्राम मैदे में 100 समोसे से ज्यादा बना सकते हैं. मगर अब देखना होगा दीपक की सबसे छोटा समोसा गिनीज बुक में जगह बना पाता है या नहीं.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST
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