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Up Assembly Election 2022 : मझवां विधानसभा क्षेत्र में कितना हुआ विकास, सुनिए जनता की आवाज - मिर्जापुर चुनाव की खबर

यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव 2022(Assembly Election 2022) का आगाज हो चुका है, सभी राजनीतिक दल चुनावी माहौल बनाने में जुट गए हैं. इस चुनावी माहौल में ईटीवी भारत की टीम ने मिर्जापुर जिले की मझवां विधानसभा सीट पर विकास की स्थिति जानने की कोशिश की. ईटीवी भारत ने आगामी चुनाव को लेकर लोगों की राय भी जानी, रिपोर्ट पढ़िए..

मझवां विधानसभा क्षेत्र में कितना हुआ विकास
मझवां विधानसभा क्षेत्र में कितना हुआ विकास
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Published : Sep 16, 2021, 8:50 AM IST

Updated : Sep 16, 2021, 12:10 PM IST

मिर्जापुर: जिले की मझवां विधानसभा क्षेत्र ग्रामीण इलाका है. इस सीट पर कांग्रेस और बसपा का सबसे ज्यादा कब्जा रहा है. यहां से वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी से सूचीस्मिता मौर्य विधायक हैं. सुचिस्मिता मौर्य पूर्व विधायक स्वर्गीय रामचंद्र मौर्य की बहू है. चुनाव नजदीक है, ऐसे में सभी राजनीतिक दल सत्ता पर काबिज होने के लिए अपने-अपने फार्मूले बनाने शुरू कर दिए हैं. ऐसे में विधानसभा चुनाव में जनता किन-किन मुद्दों पर अपना मतदान करेगी और कौन सी राजनीतिक दल को जनता का सपोर्ट मिलेगा. इस क्षेत्र में पांच सालों में कितना विकास हुआ है. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम मझवां विधानसभा के क्षेत्र में ग्राउंड पर उतर कर लोगों से राय जानने की कोशिश की है.

पांच सालों में विधायक का क्षेत्र में नहीं है कोई खास काम
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव का बिगुल भले ही अभी नहीं बजा हो, लेकिन सभी पार्टियां वोटरों को लुभाने के लिए अभी से जोर आजमाइश करने लगी हैं. ऐसे में मिर्ज़ापुर के 397 नंबर मझवां विधानसभा में पांच सालों में विकास की स्थिति और वादे को जानने और लोगों की राय लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम मझवां विधानसभा क्षेत्र में ग्राउंड में जाकर बात की है. स्थानीय लोगों ने बताया कि चुनाव के बाद 5 साल पूरे होने वाले हैं. विधायक सुचिस्मिता मौर्य का यहां पर इस क्षेत्र वालों के लिए कोई खास काम नहीं कराया गया है. इस इलाके में बने पंप कैनाल आज 20 सालों से मुद्दा है, कोई जनप्रतिनिधि नहीं ध्यान देता है, जिससे आज भी किसान परेशान है. वहीं इस इलाके में कई रेलवे क्रॉसिंग है, जहां पर कहा गया था ओवरब्रिज बनाने के लिए वह भी नहीं बने. साथ ही सड़के का कोई बात ही नहीं करता. सड़क भी कई खराब है, जिससे आने जाने में राहगीरों को परेशानी होती है.

मझवां विधानसभा क्षेत्र में कितना हुआ विकास सुनिए जनता की आवाज

इस विधानसभा में सड़कों का बुरा हाल
हर विधानसभा के चुनाव में राजनीतिक दल वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए उनको कई तरह के ऑफर और वादा करते हैं. महामलपुर के सुरेश कुमार और केवटावीर के जयप्रकाश नारायण ने मझवां विधायक के काम को लेकर बताया कि यहां पर उनका कोई काम नहीं हुआ है. हमारे गांव की 12 सालों से सड़क जो कटका से केवटावीर तक जाती है खराब है, जगह-जगह उखड़ गई है. इस पर गाड़ियां चलती है तो पंचर भी हो जाती है और बारिश के दिनों में गड्ढे में समझ में नहीं आता गाड़ियां कहां जा रही है. खराब सड़क के चलते कभी तो अधिक दूरी का चक्कर लगाकर गांव आना पड़ता है. यहां तक की गर्भवती महिलाओं को ले जाने में कभी-कभी डेथ भी हो जाती है. जबकि इस सड़क से कई बार विधायक का आना जाना लगा रहता है. मितई गांव के रमाशंकर पांडे और वाराणसी से कछवा आने वाले मार्ग पर रहने वाले जय नाथ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र जाने वाली मझवां से राजा तालाब तक की सड़क कई जगह खराब है, दो सालों से यह सड़क खराब है बन नहीं पा रहा है, जो बन भी रहा है वह बहुत धीमी गति से बन रहा है, वह भी उखड़ रही है. सड़क इतनी खराब है कि आने-जाने वालों के साथ ही व्यापार करने वाले भी परेशान हैं.

सीएचसी कछवा का हाल
सीएचसी कछवा का हाल

स्वास्थ्य, बिजली और शिक्षा पर क्या कहा लोगों ने
प्रदेश सरकार हर वर्ष करोड़ों रुपए स्वास्थ्य पर खर्च करती है. इसके बावजूद भी स्वास्थ्य सेवाओं में कोई खास सुधार अभी भी नहीं हुआ है. यह मैं नहीं कह रहा हूं बल्कि भैसा गांव के रहने वाले धर्मेंद्र त्रिपाठी कह रहे हैं. उनका कहना है कि आज भी लोगों को प्राइवेट अस्पताल का सहारा लेना पड़ रहा है. क्योंकि सरकारी अस्पताल में कोई खास व्यवस्था नहीं है. विधायक की बात किया जाए तो स्वास्थ्य के लिए कोई काम नहीं कराया गया क्षेत्र में. क्यूट आमिर के पिंटू बताते हैं इस सरकार में बिजली में थोड़ी सुधार हुई है, शिक्षा पहले ही जैसा है. हमारे यहां सड़क और पानी की सबसे बड़ी समस्या है. विधायक ने 5 साल पहले जो वादा किया था. वह यहां पर एक भी नहीं पूरा हुआ है.

मझवां विधानसभा क्षेत्र की जर्जर सड़क
मझवां विधानसभा क्षेत्र की जर्जर सड़क

इसे भी पढ़ें-जानिए 'पूरनपुर विधानसभा सीट' का खेल, क्या इस बार भी होगा उलटफेर

पंप कैनाल 20 सालों से बना हुआ है यहां का मुद्दा
मझवां विधानसभा में किसानों की भी संख्या पर्याप्त बल में है. यहां के किसान ज्यादातर गंगा में बने कैनाल से लिफ्ट से पानी जो मिलता है उसी के सहारे किसानी करते हैं. सीकरी के रहने वाले मूलचंद और रामनगर के चंद्रशेखर किसान हैं. इन लोगों ने बताया कि सीकरी रामनगर कैनाल नहीं चलने से किसानों को सबसे ज्यादा इस क्षेत्र में परेशानी होती है. इस पर आज तक कोई काम नहीं कराया गया है. 20 साल पहले यही कैनाल अच्छा पानी देते थे और किसान खुश रहते थे, अब केवल बारिश के सहारे हैं. एक-दो कैनाल चलते भी हैं तो वह पूरी स्पीड से नहीं चल पाते साथ ही कुछ दिन चलते हैं और पानी के अभाव में बंद हो जाते हैं. पंडित कमलापति त्रिपाठी यहां से विधायक हुआ करते थे तो यहां पर जितने पंप कैनाल हैं सीकरी रामनगर, कनौरा, सरैया साथ ही जो भी कैनाल है सभी चलते थे. अब नहीं चलने से किसानों के फसल सूख भी जाती हैं.

मझवां विधानसभा क्षेत्र की जर्जर सड़क
मझवां विधानसभा क्षेत्र की जर्जर सड़क

रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज बनवाने का वादा रह गया अधूरा
मझवां विधानसभा के कई रेलवे लाइनों पर रेलवे क्रॉसिंग पड़ता है. इन क्रासिंगों पर ओवर ब्रिज बनवाने की मांग हर चुनाव में की जाती है और जनप्रतिनिधि वादा भी करते हैं, लेकिन इस इलाके की रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज का अभी तक नहीं बन पाया है. कटका रेलवे क्रासिंग हो या आमघाट रेलवे क्रॉसिंग हो इसके साथ कई और रेलवे क्रॉसिंग है जहां पर ओवरब्रिज बनवाने का वादा किया गया था पूरा नहीं हुआ. कटका के रहने वाले रमेश और यहां के रहने वाले छात्र अजय बताते हैं कि कटका रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज बनवाने की मांग 25 सालों से यहां की जनता कर रही है. अभी तक ओवर ब्रिज बन नहीं पाया है. ओवर ओवरब्रिज नहीं बनने से यहां पर कई बार बढ़ा हादसा भी हो चुका है. स्कूल जाते समय रेलवे फाटक बंद होने पर समय भी लगता है. चुनाव आता है लोग वादा करते हैं इसके बाद भूल जाते हैं. इसी मार्ग से आएंगे और जाएंगे वादा याद दिलाने पर बोलते हैं कि चलो बन जाएगा. चुनाव के बाद सभी लोग भूल जाते हैं. विधायक का इस क्षेत्र में कोई काम नहीं हुआ है.

बंद पड़े पंप कैनाल
बंद पड़े पंप कैनाल

इसे भी पढ़ें-मझवां विधानसभा: इस सीट पर कांग्रेस और बसपा की सबसे ज्यादा हुई है जीत, यहां के जीते विधायक बना करते थे मंत्री

क्या हुआ है इनके कार्यकाल में काम
ऐसा नहीं है कि विधायक ने इस क्षेत्र में कोई काम नहीं कराया है. विधायक ने 5 सालों में गांव की सड़कें और बेलवन नदी पर पुल के साथ भटौली पुल के रुके काम को पूरा करवा कर चालू कराया है. मझवां गांव के रहने वाले मनोज त्रिपाठी ने बताया कि ब्लाक में 40 ग्रामसभा है. हर गांव में दो से तीन इंटर लॉकिंग का काम विधायक के द्वारा कराया गया है. सपा सरकार में जो भटोली पुल का रुका हुआ था. वह भी विधायक के प्रयास से पूर्ण करा कर चालू करा दिया गया है. सबसे बड़ी समस्या इस इलाके में सड़क की है. इसके लिए भी विधायक लगातार प्रयास कर रही हैं. चंडिका गांव के पंचदेव ने बताया कि इनके कार्यकाल में बेलवन पर पुल का काम कराया गया है पहले यहां पर बड़ी समस्या थी, लोग रेलवे ट्रैक से जाते जाते थे, आए दिन हादसे भी होते थे. पानी कम होने पर नदी के नीचे से लोग आते जाते थे, मगर अब पुल बन गया है तो लोगों को बहुत लाभ मिल रहा है. यह विधायक और सांसद अनुप्रिया पटेल के सहयोग से बनकर तैयार हुआ है.

विधायक ने बनवाया पुल
विधायक ने बनवाया पुल

मिर्जापुर: जिले की मझवां विधानसभा क्षेत्र ग्रामीण इलाका है. इस सीट पर कांग्रेस और बसपा का सबसे ज्यादा कब्जा रहा है. यहां से वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी से सूचीस्मिता मौर्य विधायक हैं. सुचिस्मिता मौर्य पूर्व विधायक स्वर्गीय रामचंद्र मौर्य की बहू है. चुनाव नजदीक है, ऐसे में सभी राजनीतिक दल सत्ता पर काबिज होने के लिए अपने-अपने फार्मूले बनाने शुरू कर दिए हैं. ऐसे में विधानसभा चुनाव में जनता किन-किन मुद्दों पर अपना मतदान करेगी और कौन सी राजनीतिक दल को जनता का सपोर्ट मिलेगा. इस क्षेत्र में पांच सालों में कितना विकास हुआ है. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम मझवां विधानसभा के क्षेत्र में ग्राउंड पर उतर कर लोगों से राय जानने की कोशिश की है.

पांच सालों में विधायक का क्षेत्र में नहीं है कोई खास काम
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव का बिगुल भले ही अभी नहीं बजा हो, लेकिन सभी पार्टियां वोटरों को लुभाने के लिए अभी से जोर आजमाइश करने लगी हैं. ऐसे में मिर्ज़ापुर के 397 नंबर मझवां विधानसभा में पांच सालों में विकास की स्थिति और वादे को जानने और लोगों की राय लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम मझवां विधानसभा क्षेत्र में ग्राउंड में जाकर बात की है. स्थानीय लोगों ने बताया कि चुनाव के बाद 5 साल पूरे होने वाले हैं. विधायक सुचिस्मिता मौर्य का यहां पर इस क्षेत्र वालों के लिए कोई खास काम नहीं कराया गया है. इस इलाके में बने पंप कैनाल आज 20 सालों से मुद्दा है, कोई जनप्रतिनिधि नहीं ध्यान देता है, जिससे आज भी किसान परेशान है. वहीं इस इलाके में कई रेलवे क्रॉसिंग है, जहां पर कहा गया था ओवरब्रिज बनाने के लिए वह भी नहीं बने. साथ ही सड़के का कोई बात ही नहीं करता. सड़क भी कई खराब है, जिससे आने जाने में राहगीरों को परेशानी होती है.

मझवां विधानसभा क्षेत्र में कितना हुआ विकास सुनिए जनता की आवाज

इस विधानसभा में सड़कों का बुरा हाल
हर विधानसभा के चुनाव में राजनीतिक दल वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए उनको कई तरह के ऑफर और वादा करते हैं. महामलपुर के सुरेश कुमार और केवटावीर के जयप्रकाश नारायण ने मझवां विधायक के काम को लेकर बताया कि यहां पर उनका कोई काम नहीं हुआ है. हमारे गांव की 12 सालों से सड़क जो कटका से केवटावीर तक जाती है खराब है, जगह-जगह उखड़ गई है. इस पर गाड़ियां चलती है तो पंचर भी हो जाती है और बारिश के दिनों में गड्ढे में समझ में नहीं आता गाड़ियां कहां जा रही है. खराब सड़क के चलते कभी तो अधिक दूरी का चक्कर लगाकर गांव आना पड़ता है. यहां तक की गर्भवती महिलाओं को ले जाने में कभी-कभी डेथ भी हो जाती है. जबकि इस सड़क से कई बार विधायक का आना जाना लगा रहता है. मितई गांव के रमाशंकर पांडे और वाराणसी से कछवा आने वाले मार्ग पर रहने वाले जय नाथ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र जाने वाली मझवां से राजा तालाब तक की सड़क कई जगह खराब है, दो सालों से यह सड़क खराब है बन नहीं पा रहा है, जो बन भी रहा है वह बहुत धीमी गति से बन रहा है, वह भी उखड़ रही है. सड़क इतनी खराब है कि आने-जाने वालों के साथ ही व्यापार करने वाले भी परेशान हैं.

सीएचसी कछवा का हाल
सीएचसी कछवा का हाल

स्वास्थ्य, बिजली और शिक्षा पर क्या कहा लोगों ने
प्रदेश सरकार हर वर्ष करोड़ों रुपए स्वास्थ्य पर खर्च करती है. इसके बावजूद भी स्वास्थ्य सेवाओं में कोई खास सुधार अभी भी नहीं हुआ है. यह मैं नहीं कह रहा हूं बल्कि भैसा गांव के रहने वाले धर्मेंद्र त्रिपाठी कह रहे हैं. उनका कहना है कि आज भी लोगों को प्राइवेट अस्पताल का सहारा लेना पड़ रहा है. क्योंकि सरकारी अस्पताल में कोई खास व्यवस्था नहीं है. विधायक की बात किया जाए तो स्वास्थ्य के लिए कोई काम नहीं कराया गया क्षेत्र में. क्यूट आमिर के पिंटू बताते हैं इस सरकार में बिजली में थोड़ी सुधार हुई है, शिक्षा पहले ही जैसा है. हमारे यहां सड़क और पानी की सबसे बड़ी समस्या है. विधायक ने 5 साल पहले जो वादा किया था. वह यहां पर एक भी नहीं पूरा हुआ है.

मझवां विधानसभा क्षेत्र की जर्जर सड़क
मझवां विधानसभा क्षेत्र की जर्जर सड़क

इसे भी पढ़ें-जानिए 'पूरनपुर विधानसभा सीट' का खेल, क्या इस बार भी होगा उलटफेर

पंप कैनाल 20 सालों से बना हुआ है यहां का मुद्दा
मझवां विधानसभा में किसानों की भी संख्या पर्याप्त बल में है. यहां के किसान ज्यादातर गंगा में बने कैनाल से लिफ्ट से पानी जो मिलता है उसी के सहारे किसानी करते हैं. सीकरी के रहने वाले मूलचंद और रामनगर के चंद्रशेखर किसान हैं. इन लोगों ने बताया कि सीकरी रामनगर कैनाल नहीं चलने से किसानों को सबसे ज्यादा इस क्षेत्र में परेशानी होती है. इस पर आज तक कोई काम नहीं कराया गया है. 20 साल पहले यही कैनाल अच्छा पानी देते थे और किसान खुश रहते थे, अब केवल बारिश के सहारे हैं. एक-दो कैनाल चलते भी हैं तो वह पूरी स्पीड से नहीं चल पाते साथ ही कुछ दिन चलते हैं और पानी के अभाव में बंद हो जाते हैं. पंडित कमलापति त्रिपाठी यहां से विधायक हुआ करते थे तो यहां पर जितने पंप कैनाल हैं सीकरी रामनगर, कनौरा, सरैया साथ ही जो भी कैनाल है सभी चलते थे. अब नहीं चलने से किसानों के फसल सूख भी जाती हैं.

मझवां विधानसभा क्षेत्र की जर्जर सड़क
मझवां विधानसभा क्षेत्र की जर्जर सड़क

रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज बनवाने का वादा रह गया अधूरा
मझवां विधानसभा के कई रेलवे लाइनों पर रेलवे क्रॉसिंग पड़ता है. इन क्रासिंगों पर ओवर ब्रिज बनवाने की मांग हर चुनाव में की जाती है और जनप्रतिनिधि वादा भी करते हैं, लेकिन इस इलाके की रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज का अभी तक नहीं बन पाया है. कटका रेलवे क्रासिंग हो या आमघाट रेलवे क्रॉसिंग हो इसके साथ कई और रेलवे क्रॉसिंग है जहां पर ओवरब्रिज बनवाने का वादा किया गया था पूरा नहीं हुआ. कटका के रहने वाले रमेश और यहां के रहने वाले छात्र अजय बताते हैं कि कटका रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज बनवाने की मांग 25 सालों से यहां की जनता कर रही है. अभी तक ओवर ब्रिज बन नहीं पाया है. ओवर ओवरब्रिज नहीं बनने से यहां पर कई बार बढ़ा हादसा भी हो चुका है. स्कूल जाते समय रेलवे फाटक बंद होने पर समय भी लगता है. चुनाव आता है लोग वादा करते हैं इसके बाद भूल जाते हैं. इसी मार्ग से आएंगे और जाएंगे वादा याद दिलाने पर बोलते हैं कि चलो बन जाएगा. चुनाव के बाद सभी लोग भूल जाते हैं. विधायक का इस क्षेत्र में कोई काम नहीं हुआ है.

बंद पड़े पंप कैनाल
बंद पड़े पंप कैनाल

इसे भी पढ़ें-मझवां विधानसभा: इस सीट पर कांग्रेस और बसपा की सबसे ज्यादा हुई है जीत, यहां के जीते विधायक बना करते थे मंत्री

क्या हुआ है इनके कार्यकाल में काम
ऐसा नहीं है कि विधायक ने इस क्षेत्र में कोई काम नहीं कराया है. विधायक ने 5 सालों में गांव की सड़कें और बेलवन नदी पर पुल के साथ भटौली पुल के रुके काम को पूरा करवा कर चालू कराया है. मझवां गांव के रहने वाले मनोज त्रिपाठी ने बताया कि ब्लाक में 40 ग्रामसभा है. हर गांव में दो से तीन इंटर लॉकिंग का काम विधायक के द्वारा कराया गया है. सपा सरकार में जो भटोली पुल का रुका हुआ था. वह भी विधायक के प्रयास से पूर्ण करा कर चालू करा दिया गया है. सबसे बड़ी समस्या इस इलाके में सड़क की है. इसके लिए भी विधायक लगातार प्रयास कर रही हैं. चंडिका गांव के पंचदेव ने बताया कि इनके कार्यकाल में बेलवन पर पुल का काम कराया गया है पहले यहां पर बड़ी समस्या थी, लोग रेलवे ट्रैक से जाते जाते थे, आए दिन हादसे भी होते थे. पानी कम होने पर नदी के नीचे से लोग आते जाते थे, मगर अब पुल बन गया है तो लोगों को बहुत लाभ मिल रहा है. यह विधायक और सांसद अनुप्रिया पटेल के सहयोग से बनकर तैयार हुआ है.

विधायक ने बनवाया पुल
विधायक ने बनवाया पुल
Last Updated : Sep 16, 2021, 12:10 PM IST
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