मिर्जापुर: विंध्याचल गंगा नदी के पास रेत पर लगने वाला मेला मकर संक्रांति के दिन गोवा और राजस्थान की याद ताजा कर देता है. साल में 1 दिन लगने वाला यह मेला सदियों से चला रहा है. यहां नदी किनारे हजारों लोग स्नान से लेकर घूमने तक का लुफ्त उठाते हैं. मेले में आए लोगों का मानना है कि इस तरह का आनंद हम लोगों को गोवा या राजस्थान जाने पर ही मिलेगा. दुकानदारों ने बताया कि कई सालों से यह मेला आयोजित होता आ रहा है. यहां पर लोग दूर-दराज से घूमने और स्नान करने आते हैं.
गोवा और राजस्थान की याद ताजा
14 जनवरी को पूरे देश में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है. मिर्जापुर के विंध्याचल में मकर संक्रांति के दिन एक ऐसा मेला सदियों से चला आ रहा है जो केवल एक दिन के लिए लगता है. इस मेले में आपको आने पर गोवा और राजस्थान याद आ जाएगा. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इस मेले में राजस्थान में जिस तरह से ऊँट पर बैठकर लोग सवारी करते हैं वैसे ही यहां भी करते हैं. उसी तरह से जैसे गोवा में लोग समुद्र किनारे स्नान करते दिखाई देते हैं वैसा ही नजारा यहां भी देखने को मिलता है.
जलेबी और आलू दम खाना नहीं भूलते लोग
मकर संक्रांति के दिन लगने वाले इस मेले में हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. कोरोना काल में भी भीड़ कम नहीं है. गुरुवार को भी यूपी-बिहार से लेकर जिले तक के लोग इस मेले में पहुंचे. खाने में यहां के गुड़ की बनी जलेबी और आलू दम विशेष पहचना रखते हैं. खाने वालों का मानना है कि इस तरह की जलेबी और आलू दम का स्वाद कहीं और देखने को नहीं मिलता.
बेसब्री से रहता है मेले का इंतजार
गंगा किनारे लगने वाले इस मेले का इंतजार लोग बड़ी बेसब्री से करते हैं. यही कारण है कि इस मेले में इतनी ज्यादा भीड़ जुटती है. लोग इस मेले का लुत्फ पूरे दिन उठाते हैं जिसमें बच्चे से लेकर बूढ़े तक सब शामिल होते हैं. मेले में आए लोगों का मानना है कि इस तरह का नजारा गोवा या राजस्थान जाने पर ही मिलता है. हम लोगों को इस दिन का इंतजार रहता है कि मकर संक्रांति कब आएगी और हम मेले में शामिल होंगे.