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मिर्जापुर की रेनू मौर्या किराए पर कृषि यंत्र देकर महिलाओं को बना रहीं सशक्त

यूपी के मिर्जापुर की रहने वाली रेनू मौर्या फार्म मशीनरी बैंक से कृषि यंत्र लेकर उसे किराए पर देकर क्षेत्र के लोगों के साथ अपनी भी आय बढ़ा रही हैं. फार्म मशीनरी बैंक के तहत रेनू एक ट्रैक्टर और पांच यंत्र खरीदकर इलाके के किसानों को सस्ते दामों पर खेती के लिए दे रही हैं. इन्होंने एक साल में 70 से अधिक किसानों को फायदा पहुंचाया है.

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Published : Mar 6, 2021, 7:58 PM IST

किराए पर कृषि यंत्र देकर महिलाओं को बना रहीं सशक्त
किराए पर कृषि यंत्र देकर महिलाओं को बना रहीं सशक्त

मिर्जापुर: ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं भी नारियों के सम्मान में अब नई इबारत लिख रही हैं. मिर्जापुर के नक्सल इलाके की महिलाएं आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं. इन्होंने सैकड़ों महिलाओं को जोड़कर हजारों की कमाई शुरू कर दी है और यह संभव हो पाया है कृषि विभाग और एनआरएलएम के सहयोग से. जो महिलाएं पहले घर और चूल्हे-चौके से बाहर नहीं निकल पाती थीं, आज वह बाहर निकलकर पुरुषों को टक्कर दे रही हैं. रेनू मौर्या उन्हीं महिलाओं में से एक हैं, जो इस समय जिले की आदर्श महिला के रूप में जानी जा रही है. इन्होंने फार्म मशीनरी बैंक से कृषि यंत्र लेकर उसे किराए पर देकर क्षेत्र के लोगों के साथ अपनी भी आय बढ़ा रही हैं.

किराए पर कृषि यंत्र देकर महिलाओं को बना रहीं सशक्त

महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में है अहम भूमिका
मिर्जापुर जिले की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के साथ-साथ उनकी आमदनी बढ़ाने में फार्म मशीनरी बैंक अहम भूमिका निभा रहा है. ग्राम संगठनों को कृषि विभाग की इस योजना से जोड़ा जा रहा है. इसके तहत समूह के महिलाओं को कृषि यंत्र दिलाया जा रहा है, इससे अब महिलाएं अच्छी कमाई कर रही हैं, जिससे उनमें काफी खुशी है. पटेरा ब्लॉक के देवरी कला गांव की राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जुड़ी रेनू मौर्या ने अपने ग्राम संगठन में 100 से अधिक महिलाओं को जोड़कर कृषि विभाग की मदद से फार्म मशीनरी बैंक योजना के तहत 5 यंत्र छूट के साथ खरीदे हैं. इस यंत्र को अब वह किराए पर देकर हजारों की कमाई कर रही हैं. प्रतिज्ञा आजीविका महिला ग्राम संगठन में फार्म मशीनरी बैंक के तहत रेनू एक ट्रैक्टर और पांच यंत्र खरीदकर इलाके के किसानों को सस्ते दामों पर खेती के लिए दे रही हैं. इन्होंने एक साल में 70 से अधिक किसानों को फायदा पहुंचाया है. इन्होंने एक साल में 72,000 की कमाई की है. जैसे-जैसे किसानों को पता चल रहा है कि कृषि यंत्र किराए पर मिल रहे हैं, वैसे वैसे अब इन्हें आय बढ़ने की भी उम्मीद है.

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और कृषि विभाग का मिला सहयोग
किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र किराए पर मुहैया कराने के मकसद से फार्म मशीनरी बैंक के तहत 80 फीसदी अनुदान पर ग्राम संगठन को यंत्र उपलब्ध कराया जा रहा है. प्रतिज्ञा आजीविका महिला ग्राम संगठन देवरी में फार्म मशीनरी बैंक के तहत एक ट्रैक्टर और 5 यन्त्र दिया गया है. 15 लाख 74 हजार के यंत्र के लिए केवल 3 लाख 74 हजार रुपये ग्राम संगठन को जमा करना है. रेनू मौर्य ने बताया कि स्वयं सहायता समूह से जुड़े होने पर कमाई बहुत खास नहीं हो पा रही थी. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और कृषि विभाग के सहयोग से यंत्र मिला है. अब वह अपने समूह की 100 महिलाओं को सस्ते दामों पर 600 रुपये प्रति बीघा के हिसाब से खेती कराती हैं और अन्य किसानों को 700 रुपये से ऊपर खेती के लिए यंत्र दिए जाते हैं.

रेनू मौर्या के पति राजेश मौर्या ने बताया कि पहले वह छोटी सी दुकान चलाते थे, लेकिन किसी कारण वह बंद हो गया. अब पत्नी के सहयोग से उन्हें ट्रैक्टर चलाने का मौका मिला है और वह किसानों के यहां जाकर ट्रैक्टर चलाकर कमाई कर रहे हैं.

80 फीसदी अनुदान कर दिया जा रहा यंत्र
उप कृषि निदेशक अशोक उपाध्याय ने बताया कि ग्राम संगठन को फार्म मशीनरी बैंक के तहत 80 फीसदी के अनुदान पर कृषि यंत्र दिए जा रहे हैं. मड़िहान के देवरी कला गांव की रहने वाली रेनू मौर्या को कृषि यंत्र दिया गया है, जो अच्छा काम कर रही हैं. 1 साल में उन्होंने 72,000 से ज्यादा की कमाई की है. यही नहीं वह अपने इलाके की महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है. इस इलाके में इतने बड़े यंत्र नहीं होने की वजह से छोटे किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती थी, मगर रेनू मौर्या की सोच ने इस इलाके के किसानों की अब तस्वीर बदल दी है.

मिर्जापुर: ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं भी नारियों के सम्मान में अब नई इबारत लिख रही हैं. मिर्जापुर के नक्सल इलाके की महिलाएं आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं. इन्होंने सैकड़ों महिलाओं को जोड़कर हजारों की कमाई शुरू कर दी है और यह संभव हो पाया है कृषि विभाग और एनआरएलएम के सहयोग से. जो महिलाएं पहले घर और चूल्हे-चौके से बाहर नहीं निकल पाती थीं, आज वह बाहर निकलकर पुरुषों को टक्कर दे रही हैं. रेनू मौर्या उन्हीं महिलाओं में से एक हैं, जो इस समय जिले की आदर्श महिला के रूप में जानी जा रही है. इन्होंने फार्म मशीनरी बैंक से कृषि यंत्र लेकर उसे किराए पर देकर क्षेत्र के लोगों के साथ अपनी भी आय बढ़ा रही हैं.

किराए पर कृषि यंत्र देकर महिलाओं को बना रहीं सशक्त

महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में है अहम भूमिका
मिर्जापुर जिले की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के साथ-साथ उनकी आमदनी बढ़ाने में फार्म मशीनरी बैंक अहम भूमिका निभा रहा है. ग्राम संगठनों को कृषि विभाग की इस योजना से जोड़ा जा रहा है. इसके तहत समूह के महिलाओं को कृषि यंत्र दिलाया जा रहा है, इससे अब महिलाएं अच्छी कमाई कर रही हैं, जिससे उनमें काफी खुशी है. पटेरा ब्लॉक के देवरी कला गांव की राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जुड़ी रेनू मौर्या ने अपने ग्राम संगठन में 100 से अधिक महिलाओं को जोड़कर कृषि विभाग की मदद से फार्म मशीनरी बैंक योजना के तहत 5 यंत्र छूट के साथ खरीदे हैं. इस यंत्र को अब वह किराए पर देकर हजारों की कमाई कर रही हैं. प्रतिज्ञा आजीविका महिला ग्राम संगठन में फार्म मशीनरी बैंक के तहत रेनू एक ट्रैक्टर और पांच यंत्र खरीदकर इलाके के किसानों को सस्ते दामों पर खेती के लिए दे रही हैं. इन्होंने एक साल में 70 से अधिक किसानों को फायदा पहुंचाया है. इन्होंने एक साल में 72,000 की कमाई की है. जैसे-जैसे किसानों को पता चल रहा है कि कृषि यंत्र किराए पर मिल रहे हैं, वैसे वैसे अब इन्हें आय बढ़ने की भी उम्मीद है.

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और कृषि विभाग का मिला सहयोग
किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र किराए पर मुहैया कराने के मकसद से फार्म मशीनरी बैंक के तहत 80 फीसदी अनुदान पर ग्राम संगठन को यंत्र उपलब्ध कराया जा रहा है. प्रतिज्ञा आजीविका महिला ग्राम संगठन देवरी में फार्म मशीनरी बैंक के तहत एक ट्रैक्टर और 5 यन्त्र दिया गया है. 15 लाख 74 हजार के यंत्र के लिए केवल 3 लाख 74 हजार रुपये ग्राम संगठन को जमा करना है. रेनू मौर्य ने बताया कि स्वयं सहायता समूह से जुड़े होने पर कमाई बहुत खास नहीं हो पा रही थी. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और कृषि विभाग के सहयोग से यंत्र मिला है. अब वह अपने समूह की 100 महिलाओं को सस्ते दामों पर 600 रुपये प्रति बीघा के हिसाब से खेती कराती हैं और अन्य किसानों को 700 रुपये से ऊपर खेती के लिए यंत्र दिए जाते हैं.

रेनू मौर्या के पति राजेश मौर्या ने बताया कि पहले वह छोटी सी दुकान चलाते थे, लेकिन किसी कारण वह बंद हो गया. अब पत्नी के सहयोग से उन्हें ट्रैक्टर चलाने का मौका मिला है और वह किसानों के यहां जाकर ट्रैक्टर चलाकर कमाई कर रहे हैं.

80 फीसदी अनुदान कर दिया जा रहा यंत्र
उप कृषि निदेशक अशोक उपाध्याय ने बताया कि ग्राम संगठन को फार्म मशीनरी बैंक के तहत 80 फीसदी के अनुदान पर कृषि यंत्र दिए जा रहे हैं. मड़िहान के देवरी कला गांव की रहने वाली रेनू मौर्या को कृषि यंत्र दिया गया है, जो अच्छा काम कर रही हैं. 1 साल में उन्होंने 72,000 से ज्यादा की कमाई की है. यही नहीं वह अपने इलाके की महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है. इस इलाके में इतने बड़े यंत्र नहीं होने की वजह से छोटे किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती थी, मगर रेनू मौर्या की सोच ने इस इलाके के किसानों की अब तस्वीर बदल दी है.

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