मिर्जापुर: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पिछले कई दिनों से आए दिन कोई न कोई विवाद खड़ा हो रहा है. हाल ही में बीएचयू में डॉक्टर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर छात्रों ने कई दिनों तक बवाल कर रखा था.
ताजा मामला बीएचयू के मिर्जापुर के बरकछा स्थित राजीव गांधी साउथ कैंपस के नाम बदलने को लेकर है. बीएचयू के साउथ कैंपस का नाम बदलने को लेकर बीएचयू कोर्ट में प्रस्ताव आने के बाद कांग्रेस इसका विरोध कर रही है. वहीं बीएचयू के साउथ कैंपस का नाम बदलने को लेकर यहां के छात्र-छात्राओं की मिलीजुली प्रतिक्रिया है. कुछ विद्यार्थी समर्थन में हैं तो कुछ ने नाम बदलने पर सवाल खड़े किए हैं. छात्रों का कहना है कि इससे हटकर मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान देना चाहिए.
बीएचयू के साउथ कैंपस का नाम बदलने के प्रस्ताव का कांग्रेस कर रही विरोध
- बीएचयू में कुलाधिपति की बैठक के दौरान बीएचयू के मिर्जापुर स्थित बरकछा परिसर का नाम बदलने को लेकर सियासी चर्चा जोर पकड़ने लगी है.
- कांग्रेस इस मामले का विरोध कर रही है.
- मिर्जापुर के बरकछा स्थित बीएचयू दक्षिण परिसर का शिलान्यास 2006 में हुआ था.
- सन् 2005 में प्रो पंजाब सिंह ने इस जमीन का निरीक्षण किया था. इसके बाद भूमि पूजन हुआ.
- उसी समय से इसका नाम राजीव गांधी दक्षिण परिसर रखा गया था.
- अब 13 वर्ष बाद इस नाम को बदलने की कवायद शुरू हो गई है.
- बीएचयू के चांसलर हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश और महामना के पौत्र गिरधर मालवीय की अध्यक्षता में बैठक हुई.
- इस बैठक में नाम बदलने के लिए प्रस्ताव रखा गया.
- बैठक में कुल 49 सदस्यों में 35 सदस्य ही शामिल हुए.
- बैठक में मौजूद अधिकांश सदस्यों ने नाम बदलने पर सहमति जताई.
इसके बाद बीएचयू कोर्ट ने इस प्रस्ताव को अकादमिक निकाय परिषद को भेजा है. अकादमिक निकाय परिषद अब इस प्रस्ताव पर विचार करके UGC और मानव संसाधन मंत्रालय को भेजेगा. इस प्रस्ताव का कांग्रेस विरोध कर रही है. कांग्रेस के जिला महासचिव छोटे खान ने इस संदर्भ में बीएचयू कुलपति को पत्र भी लिखा है.
छात्रों की ये है राय
वहीं बीएचयू दक्षिण परिसर में पढ़ रहे हैं छात्राओं की इस मामले में मिलीजुली प्रतिक्रिया है. कुछ छात्रों का मानना है कि नाम बदला जाए क्योंकि जैसे बनारस का नाम है. उसी तरह यहां भी नाम होना चाहिए. वहीं कुछ छात्रों का कहना है कि नाम बदलने से कुछ नहीं मिलेगा. मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है. उस पर ध्यान देना चाहिए. यहां पर ट्रांसपोर्टेशन, साइबर लाइब्रेरी, फीस काउंटर बनाने की जरूरत है. कुलपति को उस पर ध्यान देना चाहिए, न कि नाम बदलने पर.
यह भारत रत्न राजीव गांधी का अपमान है. भारतीय जनता पार्टी ने कुछ किया तो है नहीं सिर्फ नाम बदलना इनका काम है. नाम बदलकर क्या मिलेगा. क्या साबित करना चाहते हैं. नाम नहीं बदलने दिया जाएगा. हम लोग संघर्ष करेंगे.
-छोटे खान, जिला महासचिव, कांग्रेस